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तुषार राठौड़@आलीराजपुर
मध्यप्रदेश सरकार ने आदिवासी क्षेत्र अलीराजपुर का नाम बदलकर आलीराजपुर कर दिया है। यह कदम राज्य सरकार द्वारा लंबे समय से उठाया जा रहा था, और अब केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद राजस्व विभाग ने इस नाम परिवर्तन की अधिसूचना जारी की है, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।
इस बदलाव के बाद अब अलीराजपुर जिले का नाम आलीराजपुर होगा, और यह नए नाम के तहत आधिकारिक दस्तावेजों और शासकीय इमारतों में लागू किया जाएगा। यह नाम बदलने की प्रक्रिया इस जिले के ऐतिहासिक महत्व और संस्कृति को सम्मान देने के उद्देश्य से की गई है।
आलीराजपुर नाम का इतिहास
Alirajpur नाम की जड़ें बहुत पुरानी हैं। राजा प्रताप सिंह प्रथम, जिनका शासनकाल 1765 से 1818 तक था, ने पहले इस जिले का नाम राजपुर रखा था। उनके वजीर मुसाफिर मकरानी ने सुझाव दिया कि इस राज्य का नाम राजपुर और पास के गांव आली को जोड़कर आलीराजपुर रखा जाए। राजा प्रताप सिंह ने इस सलाह को स्वीकार किया, और उस समय राज्य का नाम आलीराजपुर रखा गया था।
अंग्रेजों के शासनकाल में इस नाम की स्पेलिंग में बदलाव हुआ और यह अलीराजपुर हो गया। अंग्रेजों द्वारा हुई इस ऐतिहासिक गलती को अब सरकार ने सुधारा और आलीराजपुर नाम को फिर से बहाल किया। यह बदलाव ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और इसे संस्कृति और इतिहास के सम्मान के रूप में देखा जा सकता है।
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केंद्र-राज्य सरकार की मंजूरी के बाद नाम में परिवर्तन
गृह मंत्रालय से क्लीयरेंस मिलने के बाद राज्य सरकार ने राजस्व विभाग के माध्यम से गजट नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें आलीराजपुर नाम को आधिकारिक रूप से स्वीकार किया गया। इसके बाद, इस नाम को अब सभी सरकारी दस्तावेजों और शासकीय इमारतों में लागू किया जाएगा।
क्या बदलने वाला है?
अब Alirajpur जिले के नाम में बदलाव का असर सरकारी दस्तावेजों शासकीय इमारतों, और अन्य सरकारी कार्यों में होगा। जिले में स्थित सभी सरकारी कार्यालयों, स्कूलों और अन्य शासकीय इमारतों में पुराने नाम को आलीराजपुर नाम से बदल दिया जाएगा। यह कदम जिले के नागरिकों और आदिवासी समुदाय के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि इससे उनकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को नया रूप मिलेगा।
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अब सभी दस्तावेजों में नया नाम
अधिसूचना लागू होने के बाद अब सरकारी रिकॉर्ड, दस्तावेज, राजपत्र, मानचित्र और अन्य आधिकारिक अभिलेखों में जिले का नाम आलीराजपुर लिखा और बोला जाएगा। इस परिवर्तन के बाद जिले की पहचान नए नाम से होगी, जिससे स्थानीय लोगों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो गई है।
MP में नाम बदलने का चलन
मध्य प्रदेश में यह पहला अवसर नहीं है जब किसी जिले का नाम बदला गया है। इससे पहले होशंगाबाद जिले का नाम बदलकर नर्मदापुरम किया गया था। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने कई गांवों के नामों में भी बदलाव किया है, जिससे प्रदेश की संस्कृति और इतिहास को नए रूप में पेश किया जा सके।
यह कदम केवल आदिवासी समुदाय की पहचान को ही सम्मान नहीं देता, बल्कि यह इतिहास और संस्कृति से जुड़ी महत्वपूर्ण धरोहर को भी पुनः स्थापित करता है।