मध्य प्रदेश की सभी अदालतों में लगेगी डॉ. अंबेडकर की तस्वीर, सरकार ने बनाया ये प्लान
मध्य प्रदेश की सभी अदालतों में अब डॉ. अंबेडकर की तस्वीर अनिवार्य की जाएगी। प्रदेश के विधि विभाग ने इस संबंध में हाई कोर्ट को पत्र भेजकर कोर्टरूम में तस्वीर लगाने की मांग की है।
मध्यप्रदेश में अब सभी अदालतों के न्यायालय कक्षों में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लगेगी। कर्नाटक हाई कोर्ट के निर्णय की तर्ज पर यह फैसला लिया गया है। इस प्रक्रिया की शुरुआत विधि एवं विधायी कार्य विभाग द्वारा की गई है। लॉ डिपार्टमेंट ने इस संबंध में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को इस संबंध में पत्र भेजा है।
सीएम ऑफिस का मेल लगाकर कोर्ट को भेजा पत्र
एमपी के लॉ डिपार्टमेंट ने इस संबंध में हाईकोर्ट को पत्र भेजा है। इस पत्र के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय का ईमेल और ओबीसी अधिवक्ता कल्याण संघ, जबलपुर का पत्र भी जोड़ा गया है। इसमें मांग की गई है कि मप्र की सभी अदालतों के कोर्ट रूम में डॉ. अंबेडकर की तस्वीर अनिवार्य रूप से लगाई जाए।
अंबेडकर की तस्वीर लगाने की मांग और किसने की?
ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष परमानंद साहू और वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और रजिस्ट्रार जनरल को पत्र भेजा था। पत्र में उन्होंने अनुरोध किया कि कर्नाटक की तरह मप्र में भी कोर्ट रूम में डॉ. अंबेडकर का तस्वीर लगाई जाए।
ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इस मांग को लेकर मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और रजिस्ट्रार जनरल को ज्ञापन भेजा था। एसोसिएशन के अध्यक्ष परमानंद साहू और वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि यह मांग समानता के आधार पर की गई थी।
ऐसे समझिए पूरी खबर
डॉ. अंबेडकर की तस्वीर मप्र की सभी अदालतों में लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई।
विधि विभाग ने पत्र के साथ CM कार्यालय और संघ का पत्र भी हाई कोर्ट को भेजा।
ओबीसी एडवोकेट्स संघ ने समानता के आधार पर यह मांग रखी थी।
कर्नाटक हाई कोर्ट में पहले ही यह निर्णय लागू हो चुका है।
सबसे पहले कहां हुआ अंबेडकर की तस्वीर लगाने का फैसला?
एसोसिएशन ने कर्नाटक हाई कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि वहां हाल ही में फुल कोर्ट मीटिंग के बाद निर्णय लिया गया कि सभी अदालतों के कोर्ट रूम में डॉ. अंबेडकर का चित्र लगाया जाएगा। इस संबंध में 20 जून को वहां परिपत्र भी जारी हो चुका है।