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REWA. रीवा दौरे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बसामन मामा गोधाम का निरीक्षण किया। उन्होंने देश को खेती और गौ-संरक्षण का नया रास्ता दिखाया। उनका संदेश था कि अब समय आ गया है कि खेती को केमिकल से मुक्त कर प्रकृति के अनुरूप बढ़ाया जाए।
किसानों से सीधा संवाद, साफ संदेश
अमित शाह ने कहा कि प्राकृतिक खेती केवल विकल्प नहीं है। यह किसानों की आय और स्वास्थ्य को सुरक्षित करती है। उन्होंने इसे आने वाले समय की अनिवार्यता बताया।
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शाह का संकल्प
अमित शाह ने बताया कि डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने उन्हें बसामन मामा गोधाम की विस्तृत जानकारी दी थी। तभी उन्होंने इस मॉडल को स्वयं देखने का निर्णय लिया। निरीक्षण के बाद उन्होंने इसे राष्ट्रीय स्तर पर अपनाने योग्य प्रयोग बताया।
सोलर से खेती तक, रीवा की नई पहचान
शाह ने कहा कि रीवा पहले ही एशिया के सबसे बड़े सोलर प्लांट के लिए जाना जाता है। अब यही रीवा प्राकृतिक खेती के राष्ट्रीय मॉडल के रूप में भी पहचाना जा सकता है।
गोबर-गोमूत्र से उपज, बिना रसायन
बसामन मामा गोधाम में गाय के गोबर और गोमूत्र से दलहन, चावल, चना और सरसों जैसी फसलें उगाई जा रही हैं। यह प्रयोग साबित करता है कि बिना रासायनिक खाद के भी बेहतर उत्पादन संभव है।
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विंध्य क्षेत्र के किसानों के लिए बड़ी संभावना
अमित शाह ने कहा कि यदि इस मॉडल को पूरे विंध्य क्षेत्र में लागू किया जाए, तो किसानों की आय में बड़ा इजाफा हो सकता है। यह खेती छोटे किसानों के लिए भी लाभकारी है।
एक देशी गाय, 21 एकड़ खेती
शाह के अनुसार, सिर्फ एक देशी गाय से 21 एकड़ तक प्राकृतिक खेती की जा सकती है। रासायनिक उर्वरकों से जहां बीपी, शुगर और कैंसर जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। वहीं प्राकृतिक खेती जमीन और इंसान दोनों को सुरक्षित रखती है।
देशभर में बढ़ता प्राकृतिक खेती का दायरा
शाह ने बताया कि देश में अब तक करीब 40 लाख किसान प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं। खुद अमित शाह ने भी अपने खेत में इसका प्रयोग किया है, जहां उत्पादन घटा नहीं बल्कि बढ़ा है।
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बसामन मामा गोधाम
52 एकड़ में फैला बसामन मामा गौ-अभ्यारण्य आज ग्रामीण विकास का मजबूत आधार बन चुका है। यहां 9 हजार से अधिक बेसहारा और बीमार गायों की सेवा 100 से ज्यादा कर्मचारी कर रहे हैं।
पीपल लगाओ, पुण्य कमाओ
अमित शाह ने लोगों से अपील की कि आने वाली बारिश में हर गांव में कम से कम पांच पीपल के पेड़ लगाए जाएं। पीपल सबसे अधिक ऑक्सीजन देने वाला वृक्ष है। गीता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा वृक्षों में मैं पीपल हूं।
सहकारिता से किसानों की आय बढ़ाने की योजना
शाह ने बताया कि मोदी सरकार ने सहकारिता मंत्रालय के तहत दो बड़ी सहकारी संस्थाएं बनाई हैं। ये संस्थाएं प्राकृतिक खेती की उपज का सर्टिफिकेशन, लैब टेस्टिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग और निर्यात का काम कर रही हैं।
400 प्रयोगशालाएं, डेढ़ गुना आय का लक्ष्य
आने वाले समय में देशभर में 400 से ज्यादा आधुनिक प्रयोगशालाएं किसानों को सर्टिफिकेट देंगी। इससे किसानों की आय करीब डेढ़ गुना तक बढ़ने की संभावना है।
परंपरा की ओर वापसी, भविष्य की तैयारी
अमित शाह ने कहा कि प्राकृतिक खेती हमारी भूली हुई परंपरा है। आज वैश्विक बाजार में इसकी भारी मांग है। भारत के किसान इस अवसर का लाभ उठाकर दुनिया को स्वस्थ भोजन दे सकते हैं।
छोटे किसानों के लिए बड़ा आशीर्वाद
बसामन मामा गोवंश प्रोजेक्ट में एक एकड़ भूमि से सवा लाख रुपए तक की आय संभव है। शाह ने कहा कि यह प्रयोग किसानों और गोपालकों को आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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