अभ्युदय मध्य प्रदेश ग्रोथ समिट: अमित शाह ने MP को औद्योगिक विकास के लिए दिए 2 लाख करोड़, मिलेंगे करीब 2 लाख रोजगार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ग्वालियर में अभ्युदय मध्य प्रदेश ग्रोथ समिट का शुभारंभ किया। समिट में राज्य के औद्योगिक विकास के लिए रोडमैप प्रस्तुत किया गया। समिट में 25 हजार से अधिक लाभार्थियों और निवेशकों को 1.93 लाख रोजगार अवसर मिलने की संभावना है।

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Ramanand Tiwari
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Gwalior. पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर ग्वालियर में एक बड़ा मंच सजा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अभ्युदय मध्य प्रदेश ग्रोथ समिट का शुभारंभ किया। इस समिट में राज्य के औद्योगिक भविष्य का रोडमैप प्रस्तुत किया गया।

रोजगार की बड़ी उम्मीद

अधिकारियों के अनुसार, इस समिट में 25 हजार से अधिक लाभार्थी, हजारों उद्यमी और निवेशक शामिल हुए। प्रस्तावित परियोजनाओं से करीब 1.93 लाख रोजगार अवसर सृजित होने की संभावना है। 

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2 लाख करोड़ का निवेश क्यों अहम?

समिट में करीब 2 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों का शिलान्यास किया गया। यह राशि केवल बड़ी संख्या नहीं है, बल्कि इससे जुड़े रोजगार, उद्योग और स्थानीय अर्थव्यवस्था महत्वपूर्ण हैं। संतुलित निवेश से ही राज्य की वास्तविक क्षमता सामने आती है।

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मोहन यादव की सोच दूरदर्शी: अमित शाह

अपने संबोधन में अमित शाह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा कि मोहन यादव ने औद्योगिक विकास को केवल राजधानी तक सीमित रखने के बजाय राज्य के हर क्षेत्र तक पहुंचाने की पहल की है। यह सोच मध्य प्रदेश को लंबे समय में मजबूत बनाएगी।

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गुजरात मॉडल से मिली प्रेरणा

अमित शाह ने अपने भाषण में बताया कि संरचित औद्योगिक परिसर की वैज्ञानिक शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात से की थी। ‘वाइब्रेंट गुजरात’ समिट ने दिखाया कि सुनियोजित इंडस्ट्रियल क्लस्टर कैसे निवेश, रोजगार और विकास को एक साथ आगे बढ़ा सकते हैं।

मध्य प्रदेश का नया प्रयोग

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसी मॉडल को आगे बढ़ाते हुए क्षेत्रीय निवेश परिसर की अवधारणा शुरू की है। इसके तहत अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश कॉन्क्लेव और भूमि पूजन कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य है कि विकास कुछ शहरों तक सीमित न रहे, बल्कि पूरे राज्य में फैले।

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खेती और उद्योग का मजबूत आधार

मालवा और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र लंबे समय से कृषि उत्पादन के केंद्र रहे हैं। अब एक बार फिर कपास किसानों के लिए मुनाफे की फसल बन सकती है। यहां से देश के बड़े बाजारों तक आपूर्ति कम परिवहन लागत में संभव है। इससे किसानों और उद्योगों दोनों को फायदा होगा।

ग्वालियर, धार और झाबुआ पर फोकस

दिल्ली के नजदीक होने के कारण ग्वालियर उद्योगों के लिए अहम केंद्र बन सकता है। वहीं पश्चिमी मध्य प्रदेश के धार और झाबुआ जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक निवेश से क्षेत्रीय असंतुलन दूर होगा। यही वह मॉडल है, जिससे पूरे मध्य प्रदेश को वास्तविक लाभ मिल सकता है।

ग्वालियर से विकसित मध्य प्रदेश का संदेश

गुरुवार को अमित शाह ने ग्वालियर में समिट का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने 2 लाख करोड़ रुपए की औद्योगिक परियोजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने इसे मध्य प्रदेश के आर्थिक भविष्य के लिए मील का पत्थर बताया।

विरासत और विकास साथ-साथ

इस अवसर पर अमित शाह ने ग्वालियर मेले का उद्घाटन किया। उन्होंने अटल संग्रहालय में हुए नवीनीकरण कार्य को जनता को समर्पित किया। यह आयोजन विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का संदेश भी देता है।

बदलेगा मध्यप्रदेश

क्षेत्रीय निवेश परिसरों की यह रणनीति मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दूरदर्शी सोच को दर्शाती है। अगर यह मॉडल सफल होता है, तो मध्य प्रदेश औद्योगिक रूप से मजबूत होगा। साथ ही, यह संतुलित और समावेशी विकास का उदाहरण बनेगा।

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