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भारत सरकार ने महिला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। अब Ola, Uber और Rapido जैसे कैब एग्रीगेटर ऐप्स पर राइड बुक करते वक्त महिलाएं, अपने जेंडर के अनुसार ड्राइवर चुन सकेंगी। इसका उद्देश्य खासकर देर रात यात्रा करने वाली महिलाओं को एक सुरक्षित और भरोसेमंद ऑप्शन देना है।
नई गाइडलाइंस के मुताबिक, महिला यात्री चाहें तो फीमेल ड्राइवर चुन सकेंगी। सरकारी अधिकारियों का मानना है कि सेम जेंडर ड्राइवर का ऑप्शन मानसिक सुरक्षा को बढ़ाएगा। वहीं, महिलाओं को यात्रा के दौरान और अधिक आराम महसूस होगा।
नए नियमों का लागू होने का तरीका
केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस 2025 में बदलाव किए हैं। इन बदलावों को राज्यों से लागू करने के लिए कहा है। हालांकि, अभी तक इस नए नियम के लागू होने की कोई तारीख घोषित नहीं की गई है। लेकिन यह उम्मीद की जा रही है कि जनवरी 2026 से नए नियम पूरी तरह से लागू हो जाएंगे।
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यह बदलाव हर कैब एग्रीगेटर कंपनी के ऐप में तकनीकी बदलाव लाएगा। इन बदलावों के बिना कंपनियों का लाइसेंस निलंबित भी किया जा सकता है।
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कब से लागू होगा सेम जेंडर ड्राइवर का नियम
नोटिफिकेशन में अभी कोई साफ 'प्रभावी तारीख' नहीं दी गई है। इसलिए इसे जारी होने की तारीख से ही प्रभावी माना जाता है।
जुलाई 2025 में जब मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स की मूल गाइडलाइंस जारी की गई थी तो राज्यों को इन्हें अपनाने के लिए 3 महीने का समय दिया गया था।
संशोधन के लिए भी कुछ ऐसा ही हो सकता है, लेकिन अभी कोई फिक्स्ड टाइमलाइन नहीं बताई गई है।
कैसे लागू होगा नया नियम?
यह नियम केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए हैं, और राज्य सरकारों को इनका पालन करना होगा। राज्य सरकारें इन बदलावों को अपनी लाइसेंसिंग प्रक्रिया में शामिल करेंगी।
कैब कंपनियों को अपने ऐप्स में तकनीकी बदलाव करने होंगे। उदाहरण के लिए, क्लॉज 15.6 के तहत, उन्हें ऐप में सेम जेंडर ड्राइवर चुनने का फीचर जोड़ना पड़ेगा।
कंपनियों को अपने लाइसेंस को बनाए रखने या रिन्यू करने के लिए इन नियमों का पालन करना जरूरी होगा। अगर वे इन नियमों का पालन नहीं करेंगी, तो उनका लाइसेंस सस्पेंड या कैंसिल हो सकता है।
यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि कंपनियों को ऐप में बदलाव करने में कुछ समय लग सकता है, लेकिन अनुपालन करना जरूरी होगा।
टिपिंग सिस्टम को मिलेगा नया मोड़
नई गाइडलाइंस के तहत, टिपिंग सिस्टम को भी पारदर्शी बनाया गया है। अब यात्रियों को ट्रिप के बाद ड्राइवर को टिप देने का विकल्प मिलेगा, और जो टिप वे देंगे, उसकी पूरी रकम सीधे ड्राइवर के खाते में जाएगी। इसमें कोई कमीशन नहीं कटेगा, जिससे ड्राइवरों की आय में पारदर्शिता बढ़ेगी।
इसके अलावा, कंपनियों को टिप के लिए भ्रामक तरीके अपनाने से रोका जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे ड्राइवरों और यात्रियों के बीच विश्वास का रिश्ता मजबूत होगा।
कैब यात्रा का अनुभव होगा बेहतर
यह नया सिस्टम महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करेगा, साथ ही ड्राइवरों के लिए आय में भी सुधार होगा। महिलाओं के लिए ड्राइवर के जेंडर को चुनने का विकल्प, और टिप के पारदर्शी सिस्टम से कैब सेवा में एक नया बदलाव आएगा।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य सरकारें इन नियमों को कितनी तेजी से लागू करती हैं और कैब कंपनियां इसे किस तरह लागू करती हैं। महिलाएं चुन सकेंगी फीमेल ड्राइवर
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