अब पुरानी गाड़ी बेचते ही आप हो जाएंगे टेंशन फ्री, न रहेगा ट्रांसफर का डर न एक्सीडेंट की चिंता

अब पुरानी गाड़ियों का व्यापार करने वाले डीलरों को परिवहन विभाग से अनुमति लेनी होगी। मध्य प्रदेश सरकार ने धोखाधड़ी रोकने के लिए नए नियम (55A-55H) लागू कर दिए हैं। 1 जनवरी 2026 से बिना रजिस्ट्रेशन व्यापार करना गैरकानूनी माना जाएगा।

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Aman Vaishnav
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BHOPAL- मध्य प्रदेश परिवहन विभाग ने पुरानी गाड़ियों के धंधे को साफ-सुथरा और भरोसेमंद बनाने का फैसला किया है। अब हर पुराने वाहन डीलर को परिवहन विभाग से ऑथराइजेशन लेना होगा।

यह नियम सड़क परिवहन मंत्रालय की 2022 की अधिसूचना पर आधारित है। अब गाड़ी बेचने और खरीदने की पूरी प्रोसेस ऑनलाइन पोर्टल से होगी। इससे धोखाधड़ी और कागजी गड़बड़ियों पर लगाम लग सकेगी।

क्या हैं नए नियम और ऑथराइजेशन?

यदि आप अपनी पुरानी गाड़ी बेचना चाहते हैं, तो सावधानी बरतें। अब आप केवल ऑथराइज्ड डीलर को ही गाड़ी बेच पाएंगे। इसके लिए आपको फॉर्म 29C भरकर आरटीओ को जानकारी देनी होगी।

सूचना देने के बाद डीलर उस गाड़ी का अस्थायी मालिक बन जाएगा। इसका मतलब है कि गाड़ी अब डीलर के नाम पर मानी जाएगी। जब तक नई बिक्री नहीं होती, डीलर ही जिम्मेदार रहेगा। यह नियम खरीदार और विक्रेता दोनों की सुरक्षा के लिए है।

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डीलर की जिम्मेदारी और अधिकार

गाड़ी डीलर के पास जाने के बाद मालिक फ्री हो जाएगा। अब गाड़ी के सारे डॉक्यूमेंट संभालना डीलर का काम होगा। गाड़ी की सुरक्षा और किसी भी हादसे की जिम्मेदारी डीलर की होगी। डीलर ही फिटनेस और Pollution Under Control (प्रदूषण नियंत्रण) के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकेगा। मालिक को अब डॉक्यूमेंट की चिंता करने की जरूरत नहीं होगी।

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गाड़ी चलाने पर रहेंगी कुछ पाबंदियां

ऑथराइज्ड डीलर गाड़ी को मनमर्जी से सड़क पर नहीं चला पाएगा। वह केवल तय कामों के लिए ही गाड़ी निकाल सकेगा। वह खरीदार को गाड़ी का ट्रायल देने के लिए इस्तेमाल करेगा। गाड़ी को सिर्फ सर्विस सेंटर ले जाने की ही अनुमति होगी। फिटनेस या आरटीओ से जुड़े काम के लिए गाड़ी चल सकेगी। फालतू उपयोग पाए जाने पर डीलर पर कार्रवाई की जाएगी।

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गाड़ी बेचना हुआ आसान

👉 पुरानी गाड़ी ऑथराइज्ड डीलर को बेचते ही आपकी सारी कानूनी जिम्मेदारी तुरंत खत्म हो जाएगी।

👉 डॉक्यूमेंट संभालना और हादसे की जिम्मेदारी अब डीलर की होगी।

👉 अब आप केवल मान्यता प्राप्त डीलरों को ही गाड़ी बेच पाएंगे, जिससे धोखाधड़ी की गुंजाइश नहीं रहेगी।

 👉 डीलर आपकी गाड़ी को फालतू कामों के लिए नहीं चला पाएगा। सिर्फ ट्रायल के लिए ही गाड़ी निकाल सकेगा।

 👉 बिना लाइसेंस पुरानी गाड़ी का धंधा करना गैरकानूनी होगा और खरीद-बिक्री पर भारी जुर्माना लगेगा।

लाइसेंस फीस और टैक्स का गणित

पुराने वाहनों का काम करने वालों को अब फीस देनी होगी। ऑथराइजेशन लेने के लिए 25 हजार रुपए की फीस तय की गई है। यह लाइसेंस मिलने के बाद ही काम शुरू हो पाएगा।

डीलरों को अब टैक्स के दायरे में भी आना होगा। वाहन की बिक्री से होने वाले मुनाफे पर 18% जीएसटी देना होगा। सरकार ने इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था की है। इससे रजिस्ट्रेशन करना और रिकॉर्ड रखना बहुत आसान हो जाएगा।

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मालिक को होगा फायदा

इस नई व्यवस्था से वाहन मालिकों को बड़ा फायदा मिलेगा। उन्हें डीलर को कोई एक्सट्रा पैसा नहीं देना होगा। गाड़ी बेचते ही उनका कानूनी जिम्मेदारी खत्म हो जाएगी। अब डिटेल्स ट्रांसफर न होने का डर नहीं रहेगा। वाहन के दुरुपयोग की सारी जिम्मेदारी डीलर पर शिफ्ट हो जाएगी।

रिकॉर्ड रखना होगा जरूरी

सभी ऑथराइज्ड डीलरों को अपना काम साफ-सुथरा रखना होगा।। उन्हें अपने पास मौजूद हर वाहन का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा। यह रिकॉर्ड डिजिटल रूप में पोर्टल पर भी दिखेगा। इससे पुलिस और आरटीओ को गाड़ियों को ट्रैक करना आसान होगा। यह कदम चोरी की गाड़ियों की बिक्री रोकने में मदद करेगा।

1 जनवरी 2026 से होगी कार्रवाई

मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग ने सभी को पर्याप्त समय दिया है। सभी डीलरों को तय समय में रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। 1 जनवरी 2026 की समय-सीमा तय की गई है। इसके बाद बिना लाइसेंस काम करने वालों पर एक्शन होगा। बिना ऑथराइजेशन गाड़ी खरीदना या बेचना गैरकानूनी माना जाएगा। विभाग सख्त कानूनी कार्रवाई और भारी जुर्माना भी लगा सकता है। mp Transport Department | transport department

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