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नरसिंहपुर/जबलपुर। नगर परिषद करेली द्वारा धमनी नदी के जीर्णोद्धार से जुड़े एक पुराने ठेके को रद्द किए जाने पर अब मामला जबलपुर हाईकोर्ट पहुंच चुका है। जस्टिस विशाल मिश्रा की सिंगल बेंच ने नगर परिषद करेली को सख्त निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि बिना अनुमति के इस प्रोजेक्ट का नया ठेका नहीं दिया जाएगा। कोर्ट ने पूरे मामले में जवाब भी तलब किया है।
धमनी नदी जीर्णोद्धार से जुड़ा है मामला
नरसिंहपुर जिले की करेली नगर परिषद में अमृत योजना के तहत धमनी नदी के जीर्णोद्धार का ठेका मिश्रा कन्स्ट्रक्शन को दिया गया था। फर्म के प्रोपराइटर अमित कुमार मिश्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत अवस्थी, असीम त्रिवेदी, आनंद शुक्ला और आशीष कुमार तिवारी ने कोर्ट को बताया कि नगर परिषद ने उनका ठेका मनमाने तरीके से निरस्त कर दिया और उनका सिक्योरिटी डिपॉजिट भी जब्त कर लिया।
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नगर परिषद ने ठेका रद्द करने को बताया सही
नगर परिषद का कहना है कि ठेका समय पर पूरा नहीं किया गया, इसलिए कार्रवाई की गई। लेकिन ठेकेदार का पक्ष अलग है। उनका कहना है कि काम में देरी उनकी वजह से नहीं हुई। मौके पर पहुंचने के रास्ते खराब थे, ऊपर से बारिश के चलते साइट पर पानी भर गया। इसके अलावा, अमृत योजना की भुगतान प्रक्रिया में बदलाव के कारण उनके रनिंग बिल भी समय पर पास नहीं हो पाए। इससे काम की रफ्तार पर असर पड़ा।
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4 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी👉 नरसिंहपुर जिले की करेली नगर परिषद ने धमनी नदी के जीर्णोद्धार का ठेका रद्द किया। यह ठेका मिश्रा कन्स्ट्रक्शन को अमृत योजना के तहत दिया गया था। याचिकाकर्ता अमित कुमार मिश्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। 👉 नगर परिषद ने ठेका रद्द करने का कारण यह बताया कि ठेका समय पर पूरा नहीं किया गया। हालांकि, ठेकेदार का कहना है कि काम में देरी की जिम्मेदारी उनकी नहीं बल्कि बाहरी कारणों की थी। 👉 जस्टिस विशाल मिश्रा की सिंगल बेंच ने नगर परिषद करेली को निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि जब तक मामले की सुनवाई हो, नया ठेका नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने नगर परिषद से इस संबंध में विस्तृत जवाब भी मांगा है। |
मामले की सुनवाई तक नहीं जारी हो सकता नया ठेका
जस्टिस विशाल मिश्रा ने कहा कि याचिकाकर्ता को अपनी बात रखने का पूरा मौका दिए बिना ठेका रद्द करना न्यायसंगत नहीं दिखता। कोर्ट ने आदेश दिया कि जब तक यह मामला कोर्ट के सामने है, तब तक नगर परिषद करेली बिना हाईकोर्ट की इजाजत इस प्रोजेक्ट के लिए नया ठेका फाइनल नहीं कर सकती।
अगली सुनवाई से पहले मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने नगर परिषद से इस पूरे मामले पर विस्तृत जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 18 अगस्त 2025 से पहले नगर परिषद को यह साफ करना होगा कि ठेका रद्द करने की प्रक्रिया में नियमों का पालन क्यों नहीं किया गया।
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