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राहुव दवे@ इंदौर
INDORE. इंदौर वन्य प्राणी संग्रहालय का चर्चित हाथी मोती इन दिनों सुर्खियों में है। यह वही हाथी जिसने कभी देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को माला पहनाई थी। देश के सबसे चर्चित वाइल्डलाइफ प्रोजेक्ट्स में से एक- अनंत अंबानी का वनतारा प्रोजेक्ट अब इंदौर के मोती को अपने संरक्षण में लेने की तैयारी में है।
इंदौर जू प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि इस मामले में अब तक चार हाई-लेवल कमेटियां इंदौर आ चुकी हैं। इन कमेटियों ने मोती की हालत, व्यवहार और उम्र का अवलोकन करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि मोती की उम्र लगभग 60 वर्ष है और वह काफी गुस्सैल स्वभाव का हो चुका है। ऐसे में उसे शिफ्ट करना न सिर्फ जोखिमभरा, बल्कि इमोशनली गलत कदम भी हो सकता है। कमेटियों का मानना है कि मोती इंदौर में ही पूरी तरह सुरक्षित और स्वस्थ है। जू प्रशासन और वन विभाग ने भी स्पष्ट कहा है मोती को शिफ्ट करना उसके साथ अन्याय होगा।
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इंदौर का हाथी मोती जिसने बनाया इतिहास
करीब 60 साल की उम्र का हो चुका इंदौर का हाथी मोती किसी साधारण जानवर की तरह नहीं, बल्कि शहर की पहचान बन चुका है। कांग्रेस शासन के दौरान इंदिरा गांधी को माला पहनाने वाला हाथी, तो कभी बच्चों की सैर का आकर्षण रहे मोती ने इंदौर के कई दौर और कई पीढ़ियां देखी हैं।
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शिफ्ट करने के पक्ष में नहीं अधिकारी
निगम आयुक्त दिलीप कुमार यादव ने कहा मोती को पूरी तरह प्राकृतिक माहौल में रखा जा रहा है। उसकी देखभाल नियमित रूप से हो रही है। अकेलापन महसूस न हो, इसके लिए उज्जैन से एक साथी हाथी लाने की संभावना पर विचार किया जा रहा है। वहीं जू प्रभारी डॉ. उत्तम यादव का कहना है मोती गुस्सैल है, उसे शिफ्ट करना आसान नहीं। हमारा हर कदम उसकी भलाई के लिए है, न कि किसी बाहरी दबाव के तहत।
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पशु प्रेमी चला रहे विरोध में ऑनलाइन कैंपेन
पशु अधिकार कार्यकर्ता इस पूरे मामले को भावनात्मक शोषण बता रहे हैं। उनका कहना है कि बड़े उद्योग समूहों के प्रोजेक्ट्स के लिए स्थानीय पहचान वाले जानवरों को हटाना गलत परंपरा बनती जा रही है। इंदौर, भोपाल और दिल्ली के कई एनिमल एक्टिविस्ट्स ने इस मुद्दे पर ऑनलाइन कैंपेन भी शुरू किया है।
क्या है वनतारा प्रोजेक्ट?
वनतारा अनंत अंबानी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जो जामनगर (गुजरात) में फैले विशाल Wildlife Sanctuary क्षेत्र में बनाया गया है। यहां घायल, बीमार या परित्यक्त जानवरों को विशेष इलाज और संरक्षण दिया जाता है। हाल ही में इस प्रोजेक्ट में देशभर से कई बड़े जानवर हाथी, बाघ, शेर और हिरण लाए गए हैं। अब इस सूची में इंदौर के मोती का नाम भी जोड़ा जा रहा है।
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अब बड़ा सवाल- मोती जाएगा या रहेगा?
मोती को लेकर इंदौर में भावनाएं गहराई से जुड़ी हैं। वह केवल एक हाथी नहीं, बल्कि शहर के इतिहास और पहचान का प्रतीक है। वहीं, अब सबकी नजरें एक ही फैसले पर हैं। सबके जेहन में एक ही सवाल है कि क्या मोती अपनी धरती पर रहेगा या कॉर्पोरेट प्रोजेक्ट की नई दुनिया में चला जाएगा? इंदौर की जनता, पशु प्रेमियों और प्रशासन तीनों की निगाहें अब मोती के भाग्य पर टिकी हैं। क्या मोती इंदौर में चमकेगा या वनतारा के जंगल में खो जाएगा?
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