1 हजार सीढ़ियां चढ़ने के बाद यहां होते हैं देवी के दर्शन, महाभारत से जुड़ा आस्था का केंद्र

मध्य प्रदेश के शक्तिपीठ न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनकी पौराणिक कथाएं भी गहरी आस्था और विश्वास को जन्म देती हैं। नवरात्रि के दौरान इन शक्तिपीठों की पूजा से भक्तों को दिव्य आशीर्वाद और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।

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Kaushiki
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 मैहर माता मंदिर
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चैत्र नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण है, जिसमें देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान, भारत के विभिन्न हिस्सों में लोग नवरात्रि के पर्व को बड़े श्रद्धा भाव से मनाते हैं। मध्य प्रदेश भी ऐसे धार्मिक स्थानों का केंद्र है, जहां भक्तों को देवी दुर्गा और अन्य शक्तिपीठों की पूजा करने का खास अवसर मिलता है।

मध्य प्रदेश में तीन प्रमुख शक्तिपीठ हैं, जिनकी मान्यता बहुत प्राचीन और खास है। ये शक्तिपीठ हरसिद्धि देवी, शोण नर्मदा और मैहर माता मंदिर हैं। इन मंदिरों की विशेष मान्यताएं और पौराणिक महत्व है, जो भक्तों को जीवन में शक्ति और सुख देने के लिए जाने जाते हैं।

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माता हरसिद्धि के सबसे प्रसिद्ध मंदिर की पौराणिक कहानी | harsiddhi mandir  ujjain Navratri

हरसिद्धि देवी शक्तिपीठ

उज्जैन में स्थित हरसिद्धि देवी शक्तिपीठ का धार्मिक महत्व अत्यधिक है। यह मंदिर माता सती के कोहनी के गिरने से प्रसिद्ध है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक, माता सती का कोहनी यहां गिरा था और इस स्थान को एक शक्तिपीठ के रूप में प्रतिष्ठित किया गया। यह शक्तिपीठ रुद्र सागर तालाब के पश्चिमी तट पर स्थित है, जो धार्मिक यात्रा करने वालों के लिए एक प्रमुख स्थल है।

यहां की विशेषता यह है कि माता हरसिद्धि का निवास दिन में गुजरात और रात में उज्जैन में माना जाता है। इनकी पूजा करने से भक्तों को मानसिक शांति, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। हरसिद्धि देवी की पूजा करने से जीवन की कठिनाइयों का निवारण और खुशहाली की प्राप्ति होती है। यह मंदिर न केवल उज्जैन में बल्कि सम्पूर्ण भारत में एक प्रमुख शक्तिपीठ के रूप में प्रतिष्ठित है।

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शोण नर्मदा शक्तिपीठ

अमरकंटक में स्थित शोण नर्मदा शक्तिपीठ का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि यह माता सती के दाहिने नितंब के गिरने से जुड़ा हुआ है। यह शक्तिपीठ नर्मदा नदी के उद्गम स्थल के पास स्थित है, जो इसे और भी पवित्र बनाता है। यहां के भक्त मां के आशीर्वाद से सभी दुखों से मुक्ति और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति करते हैं।

इस स्थान तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को सौ सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, जो एक आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा बन जाती हैं। शोण नर्मदा शक्तिपीठ में पूजा करने से मां नर्मदा के आशीर्वाद से जीवन में शांति और समृद्धि का वास होता है। यह शक्तिपीठ भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र है, जहां हर साल नवरात्रि के समय विशेष पूजा आयोजित की जाती है।

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Maihar Mata Temple - Amar Ujala Hindi News Live - आस्था का केंद्र है मां मैहर  मंदिर

मैहर माता मंदिर

मैहर माता मंदिर मध्य प्रदेश के सतना जिले के त्रिकुट पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर का धार्मिक महत्व विशेष रूप से महाभारत से जुड़ा हुआ है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक, माता सती का हार यहां गिरा था और इस स्थान को शक्ति पूजा के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है।

इस मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 1 हजार 63 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, जो इसे एक चुनौतीपूर्ण और आस्था से भरी यात्रा बना देती हैं। यह मंदिर विशेष रूप से नवरात्रि के समय भक्तों से भर जाता है, जब भक्त पूजा-अर्चना करने के लिए लंबी दूरी तय कर यहां आते हैं। मैहर माता का मंदिर हमेशा से ही भक्तों के लिए विशेष स्थल रहा है, जहां उन्हें मानसिक शांति और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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पीतांबरा पीठ

पीतांबरा पीठ दतिया जिले में स्थित है और यहां मां बगलामुखी की पूजा की जाती है। यह मंदिर विशेष रूप से नवरात्रि के समय भक्तों से भर जाता है, जहां दूर-दूर से लोग पूजा करने आते हैं। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, इस मंदिर का संबंध महाभारत काल से है, जहां वनखंडेश्वर महादेव और धूमावती माता के मंदिर भी स्थित हैं।

यह स्थल न केवल शक्ति पूजा का केंद्र है, बल्कि तांत्रिक साधना के लिए भी प्रसिद्ध है। नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा आयोजन होते हैं, जहां साधू-संत, तांत्रिक, और भक्त आकर पूजा करते हैं। इस मंदिर में पूजा करने से भक्तों को विशेष रूप से शक्ति और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है, साथ ही जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति प्राप्त होती है।

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मध्य प्रदेश के शक्तिपीठ

मध्य प्रदेश के शक्तिपीठ न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनसे जुड़ी पौराणिक कथाएं भी गहरी आस्था और विश्वास को जन्म देती हैं। इन शक्तिपीठों का इतिहास और महात्म्य भक्तों को अपने जीवन में आध्यात्मिक शक्ति, शांति और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करता है। इन स्थानों पर स्थित सिद्ध शक्तियां और दिव्य दर्शन श्रद्धालुओं को एक गहरी मानसिक और आत्मिक संतोष की अनुभूति कराते हैं। 

प्राचीन परंपराएं इन शक्तिपीठों में सदियों से चली आ रही हैं, जो यहां आने वाले भक्तों को जीवन में सकारात्मक बदलाव और आशीर्वाद का अनुभव कराती हैं। खासकर नवरात्रि के दौरान इन शक्तिपीठों का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि इस समय लाखों श्रद्धालु इन पवित्र स्थलों पर पहुंचकर देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करते हैं। 

यह विशेष अवसर होता है जब लोग अपने जीवन की परेशानियों से मुक्ति पाने और आध्यात्मिक प्रगति की कामना करते हुए इन स्थानों की यात्रा करते हैं। इन शक्तिपीठों की पूजा से न केवल भक्ति का संचार होता है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश भी होता है। यहां की दिव्य शक्तियां और आस्थाओं की गहराई से भक्तों को न केवल शारीरिक, मानसिक, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी सशक्त बनाती हैं। नवरात्रि के समय इन शक्तिपीठों की उपासना भक्तों को पूर्ण समृद्धि, सुख, और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन देती है।

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