अपोलो क्रियशंस ग्रुप के निर्मल अग्रवाल और सुरेंद्र सिंह गढ़ा के लिए खिसका दी मास्टर प्लान की रोड, लोकायुक्त में शिकायत

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि आईडीए की टीपीएस 9 में अपोलो क्रिएशंस ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिए टीएंडसीपी और आईडीए अधिकारियों ने मास्टर प्लान की रोड का लेआउट बदल दिया है। 

Advertisment
author-image
Pratibha ranaa
एडिट
New Update
Town and Country planning
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

संजय गुप्ता@ INDORE.

क्या मास्टर प्लान की रोड खिसकाई जा सकती है? नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, बल्कि ऐसा करना अपराध की श्रेणी में आता है। लेकिन इसके बावजूद आईडीए (इंदौर विकास प्राधिकरण IDA) और टीएंडसीपी ( Town and Country planning ) के अफसरों ने अपोलो क्रिएशंस ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिए ये खेला कर दिया। इसे लेकर मप्र शासन में मुख्य सचिव से लेकर शासन स्तर पर और हर जांच एजेंसी खासकर लोकायुक्त को विस्तृत शिकायत हो गई है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि आईडीए की टीपीएस 9 में अपोलो क्रिएशंस ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिए टीएंडसीपी और आईडीए अधिकारियों ने मास्टर प्लान की रोड का लेआउट बदल दिया है। अपोलो क्रिएशंस ग्रुप के निर्मल अग्रवाल, उनके भाई अनिल अग्रवाल और साथ ही गढ़ा गोल्ड लिंक कॉलोनी काटने वाले सुरेंद्र सिंह गढ़ा को 150 करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाया है। 

यह है पूरा मामला

यह मामला टीपीएस स्कीम 9, जो कनाडिया तहसील के टिगरिया राव का है। यहां पहले स्कीम 175 थी, बाद में इसका नाम टीपीएस 9 हुआ। यहां मूल स्कीम में मास्टर प्लान की 45 मीटर चौड़ी रोड़ निकल रही है। इसमें मास्टर प्लान की रोड को लेकर आपत्तियां बुलाई, लेकिन बाद में इसे आईडीए की स्कीम की रोड आगे के नक्शों में दिखाया गया, क्योंकि मास्टर प्लान की रोड बदली नहीं जा सकती। जबकि स्कीम की रोड में बदलाव हो सकता है। यह रोड मूल प्रस्तावित जगह से करीब 33 मीटर खिसकाई गई है। इसके चलते तो अपोलो क्रियशंस और गढ़ा की जमीन के सर्वे नंबरों से जो मास्टर प्लान की रोड अंदर 35 मीटर तक जा रही थी, वह केवल 16 मीटर रह गई। इस रोड में जो पहले 2460 वर्गमीटर एरिया जा रहा था, वह इस शिफ्टिंग के कारण केवल 790 वर्गमीटर एरिया रह गया। करीब 1670 वर्गमीटर एरिया का फायदा इन रसूखदारों को हुआ।

indore                              नीले रंग में मूल रोड मास्टर प्लान की ओर गुलाबी रांग में खिसका दी गई रोड

 

ये खबर भी पढ़िए...लाड़ली बहना को 3000 दो, कांग्रेस ने भी कर दी CM मोहन यादव से मांग

खेल से बची जमीन की कीमत 150 करोड़ से ज्यादा

इस रोड शिफ्टिंग में आगे की थोड़ी जमीन रोड में देने का खेल करते हुए दोनों रसूखदारों की 1670 वर्गमीटर जमीन मुक्त हो गई। यहां पर निर्मल अग्रवाल का लंबा- चौडा बंगला बन रहा है। वहीं गढ़ा गोल्फ लिंक की अन्य गोस्वामियों की एक लाख वर्ग फीट से ज्यादा की जमीन है, जहां पर प्लॉट भी काटे गए हैं। इस पूरी बची हुई जमीन की कीमत आज की तारीख में वहां करीब 150 करोड़ रुपए की है। 

तिलकनगर एक्सटेंशन रहवासियों ने की शिकायत

इस मामले में तिलकनगर एक्सटेंशन के सेक्टर बी के कई भूखंड धारक प्रभावित हो रहे हैं। क्योंकि रोड शिफ्टिंग के चलते अब यह उनके सर्वे नंबर 39/1/1 और 39/1/2 के प्लाट से होकर गुजर रही है। यह कॉलोनी दी टेक्सटाइल वर्कर्स को आपरेटिव हाउसिंग सोसायटी की है। इस जमीन के आईडीए की स्कीम से पहले ही टीएनसीटी नक्शा मंजूर है और इन्हें आईडीए की स्कीम से मुक्त रखा गया है। इसके साथ ही कई अन्य सर्वे अब रोड शिफ्टिंग के कारण प्रभावित हो रहे हैं और छोटे प्लाटधारक निजी जमीन स्वामी इस बड़े खेल में परेशान हो रहे हैं। 

ये खबर भी पढ़िए...लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी होंगे नए आर्मी चीफ, MP से खास कनेक्शन, नेवी चीफ भी हैं यहीं के

हाईकोर्ट ने रूकवाया 45 मीटर रोड का काम

वहीं कुछ लोग इस रोड शिफ्टिंग के खिलाफ हाईकोर्ट भी चले गए हैं। इसमें हाईकोर्ट ने संबंधित पक्षकार की याचिका पर स्टे देते हुए मौके पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी कर दिए हैं। यानि अभी स्कीम की 45 मीटर रोड का काम मौके पर रूक गया है। 

(इस खेल में किन अधिकारियों की भूमिका पर उठे सवाल, अगली किश्त 2 में)

thesootr links

 

सबसे पहले और सबसे बेहतर खबरें पाने के लिए thesootr के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें। join करने के लिए इसी लाइन पर क्लिक करें

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

 

 

अपोलो क्रियशंस ग्रुप town and country planning निर्मल अग्रवाल IDA सुरेंद्र सिंह गढ़ा