क्राइम पेट्रोल को फेल कर देगी अर्चना तिवारी के लापता होने की कहानी, मिनट टू मिनट की थी प्लानिंग

अर्चना तिवारी भोपाल पहुंच गई है। पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए अर्चना के गायब होने की सारी कहानी मीडिया के सामने रखी है। 7 अगस्त को इंदौर से कटनी के लिए रवाना हुई थी।

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Dablu Kumar
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Archana Tiwari
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अर्चना तिवारी के मिसिंग केस का रहस्य अब सुलझ गया है। युवती ने बताया कि उसके घरवाले उस पर शादी का दबाव बना रहे थे, जिसके कारण उसने घर से भागने का फैसला लिया था। उसने सारांश नाम के लड़के के साथ अपने प्रेम संबंधों का खंडन किया और उसे अपना दोस्त बताया। रेल एसपी राहुल लोढ़ा ने युवती के रहस्यमयी तरीके से गायब होने और उसके द्वारा बनाई गई योजना के बारे में पूरी जानकारी दी।

घरवाले कर रहे थे शादी की जिद

रेल एसपी राहुल लोढ़ा ने बताया कि अर्चना, जो पहले छात्र राजनीति में सक्रिय रही थी, उसने बताया कि उसके घरवाले उसकी शादी की जिद कर रहे थे, जबकि वह इस बात से इंकार कर रही थी। इसके चलते घर में कई बार झगड़े होते थे। उसका स्पष्ट कहना था कि जब तक वह सिविल जज नहीं बन जाती, तब तक वह शादी नहीं करना चाहती थी। इस दौरान परिवार ने एक पटवारी लड़का देख लिया था और उससे शादी करवाने की योजना बनाई थी। यह सब मानसिक दबाव का कारण बना और इसी वजह से उसने रक्षाबंधन से पहले ही घर से भागने की योजना बनाई थी।

घर जाने के लिए तैयार नहीं थी अर्चना

पुलिस ने जानकारी दी कि युवती के कहा, “7 अगस्त 2025 को मैंने इंदौर से कटनी के लिए ट्रेन (18233) इंदौर-नर्मदा एक्सप्रेस से यात्रा शुरू की थी। मानसिक रूप से मैं घर जाने के लिए तैयार नहीं थी, लेकिन रक्षाबंधन के कारण मैंने घर जाने का फैसला किया था। हालांकि, मैंने तय कर लिया था कि अब मैं घर नहीं जाऊंगी और जब तक मैं सिविल जज नहीं बन जाती, तब तक शादी नहीं करूंगी।

इसी दौरान, इटारसी रेलवे स्टेशन पहुंचने से पहले मैंने अपने पुराने क्लाइंट तेजेन्द्र सिंह से मदद मांगी, जो पंजाब का रहने वाला है और अब इटारसी में रहता है। मैंने उससे कहा कि मुझे इटारसी उतरकर वापस इंदौर जाना है। इसके बाद मैंने अपने दोस्त सारांश को भी फोन करके इटारसी बुला लिया।”

हैदराबाद में रुकी थी अर्चना

युवती ने आगे बताया कि इटारसी उतरने से पहले मैंने तेजेन्द्र को यह जानकारी दी थी कि जहां कैमरे न लगे हों, वहां मुझे उतार देना। फिर तेजेन्द्र नर्मदापुरम स्टेशन से मेरे साथ हो गया। तेजेन्द्र ने मुझे इटारसी में मेरे दोस्त सारांश के पास भेज दिया और खुद इटारसी में रुक गया। इसके बाद मैं सारांश के साथ उसकी कार में बैठकर शुजालपुर आ गई, जहां से हम इंदौर चले गए। घरवालों के आने का डर था, इसलिए मैंने हैदराबाद जाने का फैसला किया। वहां 2-3 दिन रुकने के बाद पेपर और मीडिया रिपोर्ट्स से मुझे जानकारी मिली कि मेरा केस काफी चर्चित हो गया है, जिसके कारण मुझे अब सुरक्षित महसूस नहीं हो रहा था।”

अर्चना तिवारी के लापता होने की कहानी पांच प्वाइंट में समझें 

  • अर्चना तिवारी ने घरवालों के शादी के दबाव से तंग आकर घर से भागने का फैसला किया, और उसने अपनी योजना एसपी तेजिंदर के साथ मिलकर बनाई थी।
  • 7 अगस्त 2025 को अर्चना ने इंदौर से कटनी के लिए ट्रेन यात्रा की, लेकिन वह मानसिक रूप से घर जाने के लिए तैयार नहीं थी और रक्षाबंधन के बाद वापस न जाने का निर्णय लिया।
  • अर्चना ने इटारसी स्टेशन पर अपने पुराने क्लाइंट तेजेन्द्र से मदद ली और सारांश को भी बुलाया, फिर इंदौर जाने के बाद हैदराबाद चली गई।
  • 11 अगस्त 2025 को अर्चना ने हैदराबाद से दिल्ली होते हुए नेपाल की यात्रा की, जहां सारांश ने उसे होटल में रुकवाया और खुद इंदौर लौट गया।
  • अर्चना ने ट्रेन में बैग छोड़ने का कदम इसलिए उठाया ताकि पुलिस को यह लगे कि वह ट्रेन से गिरकर हादसे का शिकार हो गई है।

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नेपाल में ली थी नई सिम

युवती ने पुलिस को बताया कि इसके बाद 11 अगस्त 2025 को मैंने सारांश के साथ हैदराबाद से दिल्ली की यात्रा की और फिर दिल्ली से टैक्सी में बैठकर हम दोनों नेपाल के धनगुढ़ी पहुंचे। इसके बाद, हम धनगुढ़ी से काठमांडू पहुंचे, जहां सारांश ने अपने परिचित से बात कर मुझे एक होटल में रुकवाया और फिर खुद इंदौर लौट गया। कुछ दिनों बाद, देवकोटा नामक व्यक्ति ने मुझे एक नेपाल की सिम दिलवायी, जिससे मैं व्हाट्सएप के जरिए सारांश से संपर्क करती रही।

अर्चना ने सारांश और तेजेंदर को अपने दोस्त बताते हुए कहा कि इन दोनों की मदद से वह नेपाल तक पहुंच पाई। उसने स्पष्ट किया कि इन दोनों ने उसके साथ किसी भी प्रकार की गलत हरकत नहीं की और न ही किसी गलत काम को अंजाम दिया। सारांश के माध्यम से पुलिस ने मुझसे संपर्क किया और बताया कि “आपके परिवार वाले बहुत परेशान हैं, वापस आ जाओ।” इस पर, मैंने काठमांडू से प्लेन द्वारा धनगुढ़ी की यात्रा की और वहां से नेपाल बॉर्डर लखीमपुरी पहुंची, जहां मध्यप्रदेशGRP पुलिस भोपाल की टीम ने मुझे पकड़ा।

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ट्रेन में बैग छोड़ने का भी सच आया सामना

जांच में यह खुलासा हुआ है कि अर्चना ने हरदा में बैठकर कुछ दिन पहले एक योजना बनाई थी, जिसे उसने तेजिंदर के साथ मिलकर तैयार किया। रेल एसपी राहुल लोढ़ा ने बताया कि तेजिंदर एक कैब ड्राइवर है, जो अक्सर अर्चना को लेकर बाहर जाता था। अर्चना ने ट्रेन में ही कपड़े बदले थे ताकि उसकी पहचान न हो सके। तेजिंदर उसी दौरान ट्रेन में उसके साथ था और उसने ही अर्चना को कपड़े दिए थे, जिन्हें पहनकर वह भागी थी।

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इस पूरे घटनाक्रम के दौरान दिल्ली पुलिस ने तेजिंदर को एक फ्रॉड मामले में गिरफ्तार कर लिया था। अर्चना ने ट्रेन में अपना बैग इसलिए छोड़ दिया था ताकि पुलिस को यह लगे कि वह ट्रेन से गिरकर हादसे का शिकार हो गई है।

FAQ

अर्चना तिवारी के गायब होने के पीछे क्या कारण था?
अर्चना तिवारी के गायब होने के पीछे उसके घरवालों का शादी का दबाव था। उसने यह बताया कि उसके परिवार वाले उसकी शादी के लिए ज़िद कर रहे थे, जबकि वह सिविल जज बनने के बाद ही शादी करना चाहती थी। इस मानसिक दबाव के कारण उसने घर से भागने का फैसला किया।
अर्चना ने ट्रेन में अपना बैग क्यों छोड़ा था?
अर्चना ने ट्रेन में अपना बैग इसलिए छोड़ा था ताकि पुलिस को यह लगे कि वह ट्रेन से गिरकर हादसे का शिकार हो गई है। यह एक साजिश थी जिससे उसकी गुमशुदगी को एक दुर्घटना के रूप में पेश किया जा सके।
अर्चना ने नेपाल क्यों भागने का निर्णय लिया?
अर्चना ने नेपाल भागने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि वह अपने मामले की मीडिया में बढ़ती हुई चर्चा से सुरक्षित महसूस नहीं कर रही थी। इसके बाद उसने अपने दोस्त सारांश के साथ नेपाल जाने का निर्णय लिया और वहां से उसने पुलिस से संपर्क किया।

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