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मध्यप्रदेश के कटनी जिले की 21 वर्षीय अर्चना तिवारी की तलाश 12वें दिन भी पूरी नहीं हो सकी है। अर्चना तिवारी 12 दिन पहले चलती ट्रेन से गायब हो गई थी। उसके बाद से पुलिस द्वारा की जा रही जांच के बावजूद उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। इस घटना ने न केवल परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है, बल्कि पूरे इलाके में भी चिंता का माहौल बना हुआ है।
भगवान की शरण में परिवार
अर्चना के परिवार ने इस मुश्किल घड़ी में भगवान की शरण ली है। परिवार के सदस्यों ने कटनी के मंगल नगर स्थित अपने घर पर पूजा पाठ कराया और भगवान से अपनी बेटी की सलामती की प्रार्थना की। साथ ही, उन्होंने सीएम मोहन यादव से इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है, ताकि इस गंभीर घटना का जल्द से जल्द समाधान निकाला जा सके।
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मानव तस्करी की आशंका
अर्चना तिवारी के बड़े पिता प्रकाश तिवारी ने पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “अर्चना का कोई सुराग नहीं मिल रहा है, और यह मामला अब गंभीर हो चुका है। जैसे-जैसे समय बढ़ता जा रहा है, हमारी चिंता बढ़ती जा रही है। इस बीच, हमारा स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है।” प्रकाश तिवारी ने यह भी आशंका जताई कि अर्चना को मध्यप्रदेश के बाहर ले जाया जा सकता है और मानव तस्करी का शिकार भी बनाया जा सकता है।
पुलिस की जांच पर सवाल
पुलिस ने इस मामले में कई टीमों को सक्रिय किया है और अर्चना की तलाश जारी है। हालांकि, परिवार का मानना है कि पुलिस जांच के परिणाम अब तक संतोषजनक नहीं हैं। इस कारण, परिवार ने मुख्यमंत्री से मामले की सीबीआई जांच करवाने की अपील की है। उनका कहना है कि इससे मामले की गहराई से जांच हो सकेगी और दोषियों को सजा दिलाई जा सकेगी।
अदालत का सहारा लेंगे परिवार
अर्चना के परिवार का कहना है कि अगर जल्द ही अर्चना का पता नहीं चलता, तो वे अदालत का सहारा भी ले सकते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री और राज्य सरकार इस मामले में त्वरित कार्रवाई करेंगे और सीबीआई जांच को मंजूरी देंगे।
क्या है पूरा मामला ?
अर्चना 7 अगस्त को रक्षाबंधन मनाने इंदौर से कटनी के लिए नर्मदा एक्सप्रेस के एसी कोच बी3 में सवार हुई। 8 अगस्त को परिजन उसे कटनी साउथ स्टेशन लेने पहुंचे, लेकिन वह नहीं मिली। सीट पर उसका बैग पड़ा था, जिसमें राखी, रूमाल और बच्चों के गिफ्ट थे।
अर्चना का मोबाइल बंद था। आसपास ढूंढने के बाद भी उसका पता नहीं चला। परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। कुछ दिनों बाद उसे नर्मदा नदी में ढूंढा गया, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। उसके बाद उसे ऑल इंडिया खोजने के निर्देश दिए गए। GRP ने भोपाल से बिलासपुर के रेलवे ट्रैक और जंगलों में सर्चिंग की। भोपाल-ओबेदुल्लागंज-बरखेड़ा के जंगलों में भी तलाश की गई।
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