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भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ दायर चुनाव याचिका पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए दो प्रमुख मुद्दों पर विचार किया जा रहा है। हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने इन मुद्दों को तय किया है। एकलपीठ ने यह निर्देश दिए हैं कि आरिफ मसूद द्वारा नामांकन पत्र में गलत जानकारी देने और सर्टिफाइड मतदाता सूची पेश नहीं करने के संबंध में सुनवाई की जाएगी।
हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 15 जनवरी को
एकलपीठ ने दोनों पक्षों को अपने गवाहों की सूची पेश करने के आदेश दिए हैं और अगली सुनवाई 15 जनवरी को तय की गई है। इस सुनवाई के दौरान चुनाव याचिका पर विस्तृत विचार किया जाएगा।
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भाजपा प्रत्याशी ने दायर की चुनाव याचिका
आरिफ मसूद के निर्वाचन को चुनौती देते हुए पराजित भाजपा प्रत्याशी ध्रुव नारायण सिंह ने हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की थी। इसमें यह आरोप लगाया गया था कि मसूद और उनकी पत्नी के नाम पर एसबीआई अशोक नगर शाखा से लोन लिया गया था, जिसका उल्लेख उन्होंने अपने नामांकन पत्र में नहीं किया था।
लोन से जुड़ी जांच पर हाईकोर्ट की निगरानी
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, हाईकोर्ट इस लोन से जुड़ी दस्तावेजों की जांच कर रहा है। बैंक मैनेजर ने गवाही में यह बताया कि आरिफ मसूद और उनकी पत्नी के नाम पर लोन स्वीकृत किया गया था, लेकिन इस लोन का बैंक रिकॉर्ड में कोई उल्लेख नहीं है। मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
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चुनाव याचिका पर विधायक ने किया आवेदन
विधायक आरिफ मसूद ने चुनाव याचिका पर सुनवाई बंद करने का आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसे एकलपीठ ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया कि दस्तावेजों की समीक्षा उनके गुण और दोष के आधार पर की जाएगी।
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