गुना से न हुई तो अब खंडवा से भी नहीं लड़ेंगे अरुण यादव , समर्थक नरेंद्र पटेल को टिकट

कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की बची हुई 3 लोकसभा सीटों पर भी प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव इस लोकसभा चुनाव में खंडवा से नहीं उतरेंगे।

Advertisment
author-image
Sandeep Kumar
New Update
PIC

खंडवा से भी नहीं मिली अरुण यादव को टिकट

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

संजय गुप्ता @ INDORE. पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ( Arun Yadav ) इस लोकसभा चुनाव में खंडवा से नहीं उतरेंगे। उनके समर्थक और बड़वाह से हाल ही में विधानसभा चुनाव हारे नरेंद्र पटेल ( Narendra Patel ) को टिकट दिया गया है। बीजेपी ने यहां से वर्तमान सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल को ही फिर से प्रत्याशी बनाया है। 

ये खबर भी पढ़िए...RSS chief मोहन भागवत जैसे ही स्टेशन पहुंचे गूंजने लगी गोलियों की आवाज

यादव ने दो टूक कह दिया था गुना से नहीं तो खंडवा से भी नहीं

अरुण यादव गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने चुनाव लड़ना चाहते थे। इसकी दो बड़ी वजह थी कि- पहला कि गुना यादव बाहुल्य क्षेत्र है और साल 2019 के चुनाव में सिंधिया यहां से बीजेपी से चुनाव हार चुके थे। दूसरा यह कि चुनाव बड़े स्तर पर होता, हार भी होती तो भी यादव को सम्मान मिलता। वहीं खंडवा से समस्या थी कि खंडवा सीट की सभी आठों विधानसभा बीजेपी के हाथ है, वह खुद वहां से कमजोर महसूस कर रहे थे। ऐसे में खंडवा की हार राजनीतिक रूप से अधिक ठेस पहुंचाती। इसलिए उन्होंने कांग्रेस आलाकमान खासकर राहुल गांधी को साफ कह दिया था कि या तो वह गुना से चुनाव लड़ेंगे या फिर कहीं से नहीं लड़ेंगे। खंडवा से तो बिल्कुल नहीं। इसके बाद आलाकमान ने लंबा विचार मंथन कर उनके समर्थक को टिकट दे दिया। 

ये खबर भी पढ़िए...Lok sabha election 2024 : एमपी की बाकी तीन सीटों के लिए कांग्रेस ने किया प्रत्याशियों का ऐलान

कौन है नरेंद्र पटेल ?

नरेंद्र पटेल पूर्व विधायक व सांसद ताराचंद पटेल के भतीजे है। हाल ही में उन्होंने विधानसभा 23 में बड़वाह से सचिन बिरला के सामने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वह करीब साढ़े पांच हजार वोट से चुनाव हार गए थे। यह सीट गुर्जर बाहुल्य है और वह खुद गुर्जर है। ऐसे में कांग्रेस ने उन पर दाव लगाना है। दूसरा वह अरुण यादव के करीबी है। 

ये खबर भी पढ़िए...कैलाश विजयवर्गीय ने महू से चुनाव लड़े शुक्ला को बीजेपी में आने से रोका था, उषा ठाकुर ने दिलवा दी सदस्यता

बीता चुनाव हारे थे यादव

अरुण यादव ने साल 2019 के चुनाव में खंडवा से बीजेपी के नंदकुमार चौहान के सामने नामाकंन दाखिल किया था। इस चुनाव में वह करीब तीन लाख वोट से हारे थे। चौहान के निधन के बाद उपचुनाव में बीजेपी के ज्ञानेशवर पाटिल ने लोकसभा चुनाव जीता। इस बार भी उन्हें ही बीजेपी ने टिकट दिया है।

ये खबर भी पढ़िए...MPPSC के रिजल्ट जारी करने पर आचार संहिता से कोई रोक नहीं, द सूत्र ने की सीधे चुनाव आयोग से बात

कांग्रेस बीजेपी Arun Yadav ज्ञानेश्वर पाटिल Narendra Patel