संजय गुप्ता @ INDORE. पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ( Arun Yadav ) इस लोकसभा चुनाव में खंडवा से नहीं उतरेंगे। उनके समर्थक और बड़वाह से हाल ही में विधानसभा चुनाव हारे नरेंद्र पटेल ( Narendra Patel ) को टिकट दिया गया है। बीजेपी ने यहां से वर्तमान सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल को ही फिर से प्रत्याशी बनाया है।
ये खबर भी पढ़िए...RSS chief मोहन भागवत जैसे ही स्टेशन पहुंचे गूंजने लगी गोलियों की आवाज
यादव ने दो टूक कह दिया था गुना से नहीं तो खंडवा से भी नहीं
अरुण यादव गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने चुनाव लड़ना चाहते थे। इसकी दो बड़ी वजह थी कि- पहला कि गुना यादव बाहुल्य क्षेत्र है और साल 2019 के चुनाव में सिंधिया यहां से बीजेपी से चुनाव हार चुके थे। दूसरा यह कि चुनाव बड़े स्तर पर होता, हार भी होती तो भी यादव को सम्मान मिलता। वहीं खंडवा से समस्या थी कि खंडवा सीट की सभी आठों विधानसभा बीजेपी के हाथ है, वह खुद वहां से कमजोर महसूस कर रहे थे। ऐसे में खंडवा की हार राजनीतिक रूप से अधिक ठेस पहुंचाती। इसलिए उन्होंने कांग्रेस आलाकमान खासकर राहुल गांधी को साफ कह दिया था कि या तो वह गुना से चुनाव लड़ेंगे या फिर कहीं से नहीं लड़ेंगे। खंडवा से तो बिल्कुल नहीं। इसके बाद आलाकमान ने लंबा विचार मंथन कर उनके समर्थक को टिकट दे दिया।
कौन है नरेंद्र पटेल ?
नरेंद्र पटेल पूर्व विधायक व सांसद ताराचंद पटेल के भतीजे है। हाल ही में उन्होंने विधानसभा 23 में बड़वाह से सचिन बिरला के सामने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वह करीब साढ़े पांच हजार वोट से चुनाव हार गए थे। यह सीट गुर्जर बाहुल्य है और वह खुद गुर्जर है। ऐसे में कांग्रेस ने उन पर दाव लगाना है। दूसरा वह अरुण यादव के करीबी है।
बीता चुनाव हारे थे यादव
अरुण यादव ने साल 2019 के चुनाव में खंडवा से बीजेपी के नंदकुमार चौहान के सामने नामाकंन दाखिल किया था। इस चुनाव में वह करीब तीन लाख वोट से हारे थे। चौहान के निधन के बाद उपचुनाव में बीजेपी के ज्ञानेशवर पाटिल ने लोकसभा चुनाव जीता। इस बार भी उन्हें ही बीजेपी ने टिकट दिया है।