सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे पर मारपीट, धमकी देने और अवैध वसूली के आरोप

मध्य प्रदेश के जबलपुर में सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे पर शराब ठेकेदारों और उनके कर्मचारियों के साथ मारपीट और अवैध वसूली के आरोप लगे हैं।

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Neel Tiwari
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Assistant Excise Commissioner Captured CCTV Assault and Illegal Extortion jabalpur news
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मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे फिर विवादों में हैं। पहले ट्रेजरी चालानों में हेराफेरी कर 40 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप में घिरे। फिर भोपाल में शराब के अवैध परिवहन के मामले में आरोप लगे। अब संजीव दुबे पर जबलपुर में शराब ठेकेदारों और कर्मचारियों से मारपीट और अवैध वसूली के आरोप हैं।

दुकानों में घुसकर कर्मचारियों से मारपीट, गाली-गलौच और धमकी

गुरुवार शाम सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे ने जबलपुर के बरेला इलाके की शराब दुकानों पर औचक निरीक्षण के नाम पर पहुंचकर ऐसा बवाल किया कि अब मामला मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री तक पहुंच चुका है। आरोप है कि उन्होंने ठेकेदार अजय सिंह बघेल के बरेला नंबर 1 दुकान में गद्दीदार उपेंद्र मिश्रा से मालिक के बारे में पूछताछ के दौरान उसे लात-घूंसे से पीटा। दौरान आबकारी विभाग पर अवैध वसूली के भी आरोप लगे। यही नहीं, उन्होंने दुकान के बाहर मौजूद अन्य कर्मचारियों से भी मारपीट की और खुलेआम कहा, “मालिक से कहो कि दुकान सरेंडर कर दे, वरना बर्बाद कर देंगे।”

वीडियो फुटेज में घटना कैद, डीवीआर भी ले गए साथ

इस पूरी घटना के सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं। आरोपों के मुताबिक, संजीव दुबे और उनके साथ मौजूद स्टाफ ने एक दुकान में लगे कैमरे का डीवीआर भी अपने साथ ले गए, जिससे सबूत मिटाने की आशंका और गहरा गई है। देर रात इस पूरे मामले को लेकर बरेला थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई है।

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कर्मचारी डर के मारे भागे

ठेकेदार अजय सिंह बघेल के मुताबिक, संजीव दुबे ने बरेला स्थित उनकी चार दुकानों पर तीन घंटे तक जमकर हंगामा किया। गालियों की बौछार के साथ मारपीट का सिलसिला चलता रहा। इस उत्पात से घबराकर चारों दुकानों के सेल्समैन अपनी ड्यूटी छोड़कर चले गए। इससे न सिर्फ बिक्री ठप हो गई, बल्कि ठेकेदार को यह डर भी सताने लगा है कि यदि कर्मचारी नहीं लौटे, तो लाइसेंस फीस समय पर नहीं भर पाएंगे और लाइसेंस निरस्त हो सकता है।

सहायक आयुक्त संजीव दुबे का पूरा मामला 5 पॉइंट्स में...

  1. मारपीट और धमकी: सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे ने जबलपुर के बरेला इलाके में शराब दुकानों पर निरीक्षण के दौरान कर्मचारियों से मारपीट की और धमकी दी।

  2. सीसीटीवी और डीवीआर जब्ती: संजीव दुबे ने दुकान के सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर अपने साथ ले लिया, जिससे सबूत मिटाने का संदेह उत्पन्न हुआ।

  3. आवश्यक शुल्क की वसूली: आरोप है कि दुबे ने ठेकेदारों से अवैध रूप से वसूली की और उन्हें दुकानें सरेंडर करने की धमकी दी।

  4. कर्मचारियों के बीच डर: इस घटना से कर्मचारियों में डर फैल गया और उन्होंने अपनी ड्यूटी छोड़ दी, जिससे बिक्री पर असर पड़ा।

  5. विभागीय प्रतिक्रिया: आबकारी आयुक्त ने मामले पर पुलिस जांच की बात कही, जबकि ठेकेदारों ने न्यायालय की शरण लेने की चेतावनी दी।

धनपुरी और पड़वार दुकानों में भी दोहराई गई वही कहानी

ठेकेदार ने प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि बरेला के बाद संजीव दुबे धनपुरी दुकान पहुंचे, वहां भी सेल्समैन अमर गुप्ता के साथ मारपीट की गई और सीसीटीवी डीवीआर जब्त कर लिया गया। इसके बाद पड़वार दुकान और बरेला नंबर 2 में भी कर्मचारियों से गाली-गलौच की गई। संजीव दुबे ने स्पष्ट तौर पर कहा कि "अब इस जिले में दुकान नहीं चलाने दूंगा, सभी पर 34(2) का केस बनाकर जेल भेज दूंगा।"

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पोस्टर लगाकर मीडिया से संपर्क न करने की अपील

संजीव दुबे ने अपने कार्यालय के बाहर एक पोस्टर चस्पा कर मीडिया से अनुरोध किया है कि आबकारी विभाग से संबंधित किसी भी जानकारी या प्रतिक्रिया के लिए सहायक जिला आबकारी अधिकारी दृगचंद चतुर्वेदी से ही संपर्क करें। इससे विभागीय पारदर्शिता को लेकर और सवाल खड़े हो गए हैं।

शराब दुकानों में खुलेआम एमआरपी से ऊपर वसूली का आरोप पहले से

यह पहला मामला नहीं है जब जबलपुर का आबकारी विभाग विवादों में आया हो। इससे पहले भी एमआरपी से ऊंची दरों पर शराब बिक्री की शिकायतें सामने आई थीं। हालात यहां तक पहुंच गए थे कि कलेक्टर को स्वयं जांच के लिए पटवारी के द्वारा दुकानों से शराब खरीदनी पड़ी थी। लेकिन उसके बाद भी ठेकेदारों पर कार्रवाई होती रही और सिंडिकेट से जुड़ी मनमानी बरकरार है।

आबकारी आयुक्त का बयान – मामले की जांच पुलिस करेगी

मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल ने कहा, मेरे संज्ञान में यह मामला नहीं है कि संजीव दुबे ने किसी से मारपीट की है। यदि ऐसा हुआ है, तो संबंधित व्यक्ति थाने में शिकायत दर्ज कराए। पुलिस जांच करेगी और विभाग का ऐसे विवादों से कोई लेना-देना नहीं है।

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सरेंडर करो वरना तबाह कर दूंगा

इस पूरे मामले ने आबकारी ठेकों में दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों के बीच डर और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। ठेकेदार अजय सिंह बघेल ने कहा है कि यदि यह उत्पीड़न बंद नहीं हुआ, तो उन्हें न्यायालय की शरण लेनी पड़ेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि लाइसेंस की पूरी फीस समय पर जमा की जा रही है, फिर भी उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।

क्या वसूली कर रहे हैं संजीव दुबे

मारपीट, धमकी, गैरकानूनी रूप से डीवीआर ले जाना इन सभी आरोपों के बैरिया चर्चा भी तेज हो रही है कि जबलपुर में चल रहे सिंडिकेट को एक्स रकम आबकारी विभाग को देनी होती है और इसमें लेट लतीफी करने वालों से आबकारी विभाग खुद निपटता है, और इसी रकम को लेकर यह मारपीट की गई है। इस वीडियो के सामने आने के बावजूद यदि विभागीय कार्रवाई नहीं होती, तो यह सवाल उठना लाजिमी है कि कहीं पूरी व्यवस्था में ही गड़बड़ी तो नहीं? सवाल ये भी है कि क्या छोटे ठेकेदारों पर दबाव बनाकर कोई बड़ा सिंडिकेट जबलपुर की शराब दुकानों पर कब्जा जमाना चाहता है या आबकारी विभाग भी इसी सिंडिकेट का हिस्सा है।

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