दो हजार करोड़ की आस्था फांउडेशन के संघवी और जिम्मेदारों से वापस ली महंगी BMW कारें

श्री आस्था फाउंडेशन फॉर एजुकेशन सोसायटी से जुड़ा हाई-प्रोफाइल विवाद अब सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की चौखट तक पहुंच चुका है। हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना अंतिम फैसला फिलहाल सुरक्षित रखा है।

author-image
Sanjay gupta
एडिट
New Update
The sootr

The sootr

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

MP News :.श्री आस्था फाउंडेशन फॉर एजुकेशन सोसायटी की हाईप्रोफाइल लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट तक विवाद पहुंचा ही है। इस मामले में हाईकोर्ट का अंतिम फैसला रिजर्व रखा हुआ है। उधर पुलिस ने इसमें एफआईआर दर्ज कर ली है, जिस पर खुद पुलिस ही घिरा गई है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इसमें हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस शांतनु केमकर प्रशासक हैं। उनकी कमेटी के सख्त फैसले से जिम्मेदार उलझ रहे हैं।

प्रशासक की कमेटी ने वापस ले ली कारें

ट्रस्ट में प्रशासक कमेटी आने से पहले अनिल संघवी इसमें चेयरमैन थे। इनके साथ ही इन्हीं के परिजन और करीबी सचिव व अन्य पदों पर थे। ट्रस्ट के पदों पर रहते हुए इन्होंने महंगी कीमती बीएमडब्ल्यू ली हुई थी और ट्रस्ट के पदाधिकारी के नाते इनके मजे ले रहे थे। जस्टिस केमकर द्वारा प्रशासक का पद संभालने के बाद इसमें सख्ती करते हुए इन सभी के पास मौजूद महंगी कारें वापस ले ली है और इन्हें ट्रस्ट के सेवाकुंज अस्पताल में खड़ी करवा दी है। करीब दर्जन भर वाहन थे, जिसमें चार कारें थी, इन सभी को जब्ती में ले लिया गया है। 

ये खबर भी पढ़ें : 🔴 Live | छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस ‘राज्योत्सव’ | chhattisgarh foundation day

उधर पुलिस भी घिर गई

वहीं इस मालमे में पांच अप्रैल को पूर्व प्रेसीडेंट अनिल संघवी की शिकायत पर इस ग्रुप पर पूर्व में काबिज एलएनसीटी ग्रुप के चौकसे परिवार के कई सदस्यों के साथ कुल 21 लोगों पर पंढ़रीनाथ थाने में चार सौ बीसी की एफआईआर कर ली थी। मामला एलएनसीटी विद्यापीठ, सेवाकुंज अस्पताल और ग्रुप की करीब दो हजार करोड़ की संपत्तियों का है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले ही इसमें रिटायर जस्टिस केमकर के साथ  रिटायर जस्टिस वेदप्रकाश, सीए एसोसिएशन के पूर्व प्रेसीडेंट सीए मनोज फणडविस, रिटायर एडीएम ओपी श्रीवास्तव व अन्य की कमेटी बतौर प्रशासक नियुक्त है। ऐसे में बिना मौजूदा कमेटी की मंजूरी लिए पुलिस ने साल २०२१ की एक शिकायत की आननफानन में जांच की और इसमें चौकसे गुट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।

ये खबर भी पढ़ें : Chhattisgarh Foundation Day पर 1 नवंबर को छुट्टी , बैंक-कोषालय को छोड़कर

डीसीपी ने बुलाई केस डायरी

इसमें टीआई के साथ ही पुलिस के एक बड़े अधिकारी की भूमिका संदिग्ध आ रही है। जानकारी के अनुसार यह एफआईआर ऐसे समय दर्ज की गई जब डीसीपी छुट्टी पर गए हुए थे। अब डीसीपी ने इसमें टीआई से केस की जानकारी और केस डायरी मांगी है और इंटरनल जांच शुरू की है कि केस सही दर्ज हुआ या नहीं और इसमें क्या कहानी हो गई। 

The sootr
The sootr

 

पुलिस ने अभी यह किया

पंढरीनाथ पुलिस में अनिल संघवी ने साल 2021 में शिकायत की थी, जिसमें पुलिस ने पांच अप्रैल को रात 12 बजकर 16 मिनट पर 21 लोगों पर यह केस दर्ज किया। इसमें संस्था के 21 सदस्यों के खिलाफ चुनाव में फर्जीवाड़ा किए जाने को लेकर धारा 420, 467, 468, 471, 34 के तहत एफआईआर कराई है। इसमें बताया गया है सदस्यों की वोटर लिस्ट आदि में फर्जीवाड़ा किया गया था।

संस्था का अध्यक्ष बताते हुए अनिल संघवी ने शिकायत की कि संस्था की सचिव रहते हुए श्वेता चौकसे ने फर्जी संस्था बनाकर सरकारी दफ्तरों में फर्जी कागजात जमा किए। जनरल मीटिंग में वर्ष 2016 में उन्हें सचिव और रमेश बदलानी को अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। साल २०१६ के बाद संस्था में कोई चुनाव नहीं हुआ। पुलिस ने जांच के बाद श्वेता पति अनुपम चौकसे, धर्मेंद्र गुप्ता, पूजा चौकसे, आशीष जायसवाल, अशोक राय, बीएल राय, विशाल शिवहरे, संदीप शिवहरे, ललीत मंदनानी, राकेश सहदेव, धनराज मीणा, वेद प्रकाश भार्गव, भूपेंद्र बघेल, विराट जायसवाल उपेंद्र तोमर, मनोज, राजेश अग्रवाल, विजेंद्र ओझा, रत्नेश मिश्रा, सागर शिवहरे और संजीव उपाध्याय के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज बनाने और उनके दुरुपयोग का मामला दर्ज किया।

ये खबर भी पढ़ें : High Court Recruitment : हाई कोर्ट में मिल रही है सरकारी नौकरी, 5 मई तक करें आवेदन

सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट तक यह केस अभी

इस मामले में संस्था के चुनाव को लेकर केस लगे, अनिल संघवी की याचिका पर हाईकोर्ट ने 30 जनवरी 2016 की स्थिति में वोटर लिस्ट (21 सदस्य) के आधार पर चुनाव कराने के आदेश दिए। इस पर मामला सुप्रीम कोर्ट गया और सुप्रीम कोर्ट ने इसमें साफ कहा कि 30 जनवरी 1016 की वोटर लिस्ट पर चुनाव नहीं होंगे, हाईकोर्ट फिर से पक्ष सुनकर इसमें आदेश जारी करे। हाईकोर्ट ने फिर 4 अक्तूबर 2024 को ही आदेश जारी फिर से 30 जनवरी 2016 की ही लिस्ट से ही 15 दिन में चुनाव जारी कराने के आदेश दे दिए। इसमें 8 अक्तूबर 2024 को ही फर्म एंड सोसायटी से चुनाव हो गए और संघवी प्रेसीडेंट बन गए व उनके गुट के अन्य सचिव व मेंबर बन गए। इस पर चौकसे ग्रुप (श्वेता पति अनुपम चौकसे व अन्य) सुप्रीम कोर्ट गए। वहां हाईकोर्ट के आदेश पर गहरी नाराजगी जाहिर की गई और साफ कहा कि जब 30 जनवरी 2016 की लिस्ट पर चुनाव नहीं होने थे फिर कैसे हुए, उन्होंने संघवी व अन्य चुने गए पदाधिकारियों के चुनाव को खारिज कर दिया और रिटायर्ड जस्टिस केमकर को प्रशासक बना दिया। साथ ही पूर्व में हाईकोर्ट में सुनवाई कर खिलाफ आदेश देने वाली बैंच को इसकी फिर से सुनवाई पर रोक लगा दी। यह आदेश चार फरवरी 2025 को हुए। इसके बाद वहां प्रशासक मौजूद है, लेकिन इसके बाद भी उनसे पूछे बिना ही 5 अप्रैल को पुलिस ने केस दर्ज कर लिया।

ये खबर भी पढ़ें : इंदौर हिट एंड रन केस : BMW कार ने दो युवतियों को कुचला , एक युवती शिवपुरी की थी रहने वाली

हाईकोर्ट ने सुनवाई कर रिजर्व रखा है आदेश

इस मामले में हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी और आदेश के बाद फिर इस केस में नए सिरे से सुनवाई की और आदेश रिजर्व रख लिया है, अभी इसमें नया फैसला नहीं आया है और प्रशासक की टीम संस्था को औपचारिक तौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से संभाल रही है। यानी कायदे से संघवी के आवेदन पर एफआईआर होना ही नहीं थी।

सेवाकुंज अस्पताल, सोसायटी की संपत्ति की ख्वाहिश

संस्था में 2016 की स्थिति में बदलानी प्रेसीडेंट थे। इसमें अनिल संघवी, चंदन सिंघवी, मनीष खतवानी और भारती नवलानी 4 जनवरी 2016 को नए मेंबर बने। अभय सुराणा, विमल छजलानी, विमल सुराणा और दिलीप रिटायर्ड हुए। फिर 30 जनवरी को चुनाव हुए और बदलानी प्रेसीडेंट और संघवी सचिव, खतलानी कोषाधय्क्ष बने। इसके बाद इसमें 2020  में ग्वालियर के पुनिल अग्रवाल व अन्य की इंट्री होती है। वह इस ग्रुप को टेकओवर करते हैं। लेकिन २०२१ में वह बाहर होते हैं और इसमें जयनारायण चौकसे, उनके पुत्र अनुपम चौकसे, अनुपम की पत्नी श्वेता चौकसे व उनके करीबी इंटर होते है, अग्रवाल ग्रुप और उनके बीच के समझौते से यह होता है और यह ग्रुप बदलवानी, अग्रवाल से होते हुए चौकसे के पास पहुंच जाता है। लेकिन इसमें सदस्यता सूची को संघवी चैलेंज करते हैं और कहते हैं कि यह सदस्यता सूची ही गलत थी।

आस्था फाउंडेशन की कार्यकारिणी में किया फेरबदल madhyapradesh mpnews supremecourt BMW iX launching BMW 14th Foundation Day adani foundation Astha