मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) द्वारा आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी की भर्ती में व्यापक अनियमितताओं का मामला सामने आया है। 2021 में 692 पदों के लिए आयोजित परीक्षा में आयोग ने उच्च अंक पाने वाले अभ्यर्थियों की अनदेखी करते हुए कम अंक वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी।
MPPSC राज्य सेवा परीक्षा 2023 के रिजल्ट पर सुनवाई सोमवार को
कोर्ट में याचिका दायर
इस मामले को लेकर डॉ. योगराज प्रजापति ने अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से याचिका दायर की है। याचिका में उन सभी अभ्यर्थियों को पार्टी बनाया गया है जिनके अंक डॉ. प्रजापति से कम हैं, फिर भी उन्हें नियुक्ति दी गई। याचिका के अनुसार 28 अक्टूबर 2024 को जारी किए गए नियुक्ति पत्र में उन अभ्यर्थियों को जगह दी गई, जिनके अंक याचिका दायर करने वाले डॉ. योगराज प्रजापति से कम थे।
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अधिकारियों को नोटिस जारी
इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई जबलपुर हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस श्री सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने की। कोर्ट ने आयुष विभाग के प्रमुख सचिव, आयुष कमिश्नर, लोक सेवा आयोग के सचिव और सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है और दो सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है।
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