INDORE. मप्र लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) मेंस 2023 को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में सोमवार दो दिसंबर को अहम सुनवाई होने जा रही है। चीफ जस्टिस की डबल बैंच में यह केस (रिट अपील 1232/2024) सुनवाई में छटे नंबर पर ही लगा है। इस सुनवाई में उम्मीद की जा रही है कि इसके रिजल्ट को लेकर छाया असमंजस दूर हो सकेगा। नजरें इस बात पर है कि बीती सुनवाई में रिजल्ट की बात कहने वाले एजी प्रशांत सिंह अब इस सुनवाई में क्या कहने जा रहे हैं।
MPPSC Exam 2023, 2024 के रिजल्ट और 2025 नोटिफिकेशन पर क्या है स्थिति
एजी ने बीती सुनवाई में यह कहा था
14 नवंबर (गुरुवार) को अहम सुनवाई मात्र दो मिनट ही चली। लेकिन इस दौरान पीएससी की ओर से एजी प्रशांत सिंह ने कहा था कि उम्मीदवारों ने मेंस दे दी है और वह रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं, हम इसे पब्लिश करने जा रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी कोई रिजल्ट जारी नहीं हुआ। 'द सूत्र' ने खुलासा किया था कि इस मुद्दे पर एजी और पीएससी के बीच कोई चर्चा ही नहीं हुई।
अधिवक्ता ने भी रिजल्ट की बात उठाई थी
बीती सुनवाई में जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय शराफ की बैंच ने अधिवक्ता से पूछा था कि इस मैटर में क्या अरजेंसी है, क्योंकि आज बहुत केस लिस्ट है. दो सप्ताह बाद इसे करें। इस पर उम्मीदवारों के अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने कहा कि अर्ज्रेंसी केवल यही है कि पीएससी रिजल्ट जारी नहीं कर रहा है। इस पर बेंच ने कहा कि वह (एजी) कह रहे हैं कि वह रिजल्ट की प्रोसेस में हैं। इसके बाद मामले को दो दिसंबर को लिस्ट कर दिया गया ।
SC में 27 फीसदी OBC आरक्षण का केस अटका, नए साल से पहले सुनवाई मुश्किल
इसलिए अहम 2023 को लेकर सुनवाई
इस केस पर ही राज्य सेवा 2023 की मेंस का रिजल्ट टिका हुआ था। कोर्ट में केस के चलते ही पीएससी इसका रिजल्ट जारी नहीं कर रहा। दरअसल प्री 2023 के दो सवाल को हाईकोर्ट सिंगल बैंच ने मई 2024 के आदेश में गलत बताया और कहा था कि इस आधार पर राज्य वन सेवा 2023 के प्री का रिजल्ट रिवाइज किया जाए। लेकिन पीएससी रिट अपील 1232/24 में गया और स्टे मिल गया। इसके बाद से ही इस केस में सुनवाई चल रही है। हालांकि पीएससी ने राज्य वन सेवा मेंस का रिजल्ट भी जारी किया और इंटरव्यू शेड्यूल भी तय किया, लेकिन इसके उलट राज्य सेवा 2023 की मेंस का रिजल्ट रोक दिया।
यह है पूरा मामला
राज्य सेवा परीक्षा प्री 2023 दिसंबर में हुई थी और फिर जनवरी 2024 में रिजल्ट आकर मात्र 50 दिनों में ही इसकी मेंस भी मार्च में आयोजित कराई गई। प्री के रिजल्ट के बाद 150 से ज्यादा उम्मीदवारों ने आंशर की को लेकर सवाल उठाए जो करीब सात सवालों पर थे। हालांकि बेंच ने केवल दो सवालों को संज्ञान में लिया और उन पर पीएससी के आंसर को गलत बताया। इसमें सभी याचिकाकर्ता जिन्होंने आपत्ति लगाई थी उन्हें सशर्त मेंस में बैठने के आदेश हुए, लेकिन डिटेल आर्डर जारी नहीं किया। बाद में राज्य सेवा मेंस होने के बाद 16 मई को डिटेल आर्डर आया और दो सवालों को गलत बताया और साथ ही कहा कि नए जवाब के आधार पर राज्य वन सेवा 2023 प्री का रिजल्ट रिवाइज किया जाए और मेंस कराई जाए, क्योंकि तब तक राज्य सेवा की तो मेंस हो गई लेकिन वन सेवा की बाकी थी। इस फैसले के खिलाफ आयोग तत्काल अपील में चला गया और स्टे ले आया। तभी से यह केस चल रहा है।
उधर 87-13 फीसदी का मुद्दा अब 4 दिसंबर को लिस्टेड
उधर सुप्रीम कोर्ट से वापस हाईकोर्ट में लौटी दो याचिकाएं जिसमें 13 फीसदी की मेरिट लिस्ट जारी करने की मांग है, साथ ही 87-13 फीसदी का विवादित मुद्दा और ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने या नहीं देने जैसे अहम मुद्दे लिंक है, वह अब 4 दिसंबर को लिस्ट पर लगा है। इसमें 25 नवंबर को सुनवाई हुई थी और 9 दिसंबर की सुनवाई नियत की थी। लेकिन रविवार को यह व इसके साथ लिंक 80 से ज्यादा याचिकाएं 4 दिसंबर को लिस्टेड दिखाई दे रही है। इसमें मूल याचिका अब यूथ फॉर इक्विलिटी की 18105/21 है। हालांकि सुनवाई इस दिन होगी या नहीं इस पर 3 दिसंबर की शाम को और स्थिति क्लीयर होगी जब केसलिस्ट अपलोड की जाएगी। बीती सुनवाई में हाईकोर्ट ने दो सप्ताह का समय दिया था।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक