MP News: मध्य प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) के तहत भारी अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ का दुरुपयोग करते हुए राज्य के 8 अस्पतालों ने मरीजों को जबरन ICU में भर्ती कर फर्जी क्लेम उठाए। इस गड़बड़ी का पर्दाफाश राज्य सरकार की जांच टीम के निरीक्षण के दौरान हुआ, जिसके बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए संबंधित अस्पतालों की मान्यता रद्द कर दी गई।
इन अस्पतालों पर गिरी गाज
भोपाल (Bhopal) के अस्पताल
सूर्यांश मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल
मेट्रो सिटी हॉस्पिटल
साईं हॉस्पिटल
भगवती नर्सिंग होम
प्रभु प्रेम नेत्रालय हॉस्पिटल
एमडीसी हॉस्पिटल
ग्वालियर का अस्पताल
सर्वधर्म मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल
सीहोर का अस्पताल
सानिया हॉस्पिटल
इन सभी अस्पतालों को जांच के बाद दोषी पाया गया और आयुष्मान भारत योजना में अनियमितताओं के चलते उनकी मान्यता रद्द कर दी गई।
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किस तरह की गड़बड़ियां पाई गईं?
जांच रिपोर्ट में सामने आया कि मरीजों को बिना गंभीर स्थिति के जबरन ICU में भर्ती किया गया। इन फर्जी भर्ती के ज़रिए अस्पतालों ने योजना के तहत गलत तरीके से भुगतान प्राप्त किया।
इसके अलावा कुछ अस्पतालों में फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर क्लेम, बिना इलाज के भुगतान, और उपचार में धांधली जैसी गड़बड़ियां भी सामने आई हैं।
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मिलेगी कड़ी सजा
राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने इस घोटाले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अस्पतालों पर तुरंत कार्रवाई की। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
आयुष्मान भारत योजना
आयुष्मान भारत योजना, जिसे प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) भी कहा जाता है, भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजना है। इसकी शुरुआत 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है। इसके तहत परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य बीमा सुविधा दी जाती है, जो सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज के लिए उपलब्ध है। इस योजना से 10 करोड़ से अधिक परिवारों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं में व्यापक सुधार होगा।
आयुष्मान योजना का इस तरीके से गलत उपयोग किया जाना डॉक्टरों और अस्पतालों की नैतिकता पर सवाल उठाता है।
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