गली-मोहल्लों में चल रहे अस्पतालों की होगी जांच, गड़बड़ी मिलने पर मान्यता होगी रद्द

MP में आयुष्मान भारत योजना के तहत इम्पैनल्ड अस्पतालों की दोबारा जांच होगी। फर्जी बिलिंग, इलाज में अनियमितता और अयोग्य अस्पतालों की शिकायतों के चलते सरकार ने यह कदम उठाया है।

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मध्य प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के तहत इम्पैनल्ड अस्पतालों की दोबारा जांच होगी। फर्जी बिलिंग, इलाज में अनियमितता और अयोग्य अस्पतालों की शिकायतों के चलते सरकार ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। अब सभी अस्पतालों की स्क्रीनिंग की जाएगी। जिन अस्पतालों के पास जरूरी सुविधाएं और योग्य डॉक्टर नहीं होंगे, उनकी मान्यता रद्द होगी। नई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) के तहत मरीजों की संतुष्टि, इलाज की गुणवत्ता और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया जाएगा। इस कदम से मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी। इसके तहत भोपाल (Bhopal) सहित प्रदेश के 1000 से अधिक इम्पैनल्ड अस्पतालों की स्क्रीनिंग (Screening) होगी। 

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फर्जी अस्पतालों पर होगी सख्त कार्रवाई 

गली-मोहल्लों में चल रहे अयोग्य अस्पतालों (Unqualified Hospitals) पर सरकार का ध्यान केंद्रित है। कई अस्पताल बिना मानक सुविधाओं (Standard Facilities) के ऑपरेशन में हैं। ऐसे अस्पतालों को चिन्हित कर उनकी मान्यता रद्द (De-listing) की जाएगी। फर्जीवाड़ा करने वाले अस्पतालों पर कानूनी कार्रवाई (Legal Action) भी हो सकती है। 

मरीजों की शिकायतों को मिलेगा महत्व  

नई एसओपी (SOP) के तहत मरीजों की शिकायतों (Patient Complaints) और संतोष (Satisfaction) को अहमियत दी जाएगी। राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (State Health Agency) अस्पतालों की रेटिंग (Rating) तैयार करेगी। जिन अस्पतालों में बार-बार शिकायतें मिलेंगी, उन पर कड़ी निगरानी (Strict Monitoring) रखी जाएगी। 

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स्क्रीनिंग में परखी जाएगी इलाज की गुणवत्ता 

अस्पतालों की स्क्रीनिंग में इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure), विशेषज्ञ डॉक्टर (Specialist Doctors) और इलाज की गुणवत्ता (Treatment Quality) की जांच होगी। राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (SHA) इसके लिए भौतिक निरीक्षण (Physical Inspection) करेगी। यह प्रक्रिया अस्पतालों को सेवा मानकों पर खरा उतरने के लिए प्रेरित करेगी। 

योजना से मरीजों को मिलेगा फायदा 

सरकार का उद्देश्य है कि आयुष्मान योजना (Ayushman Yojana) के तहत मरीजों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं (High-Quality Healthcare Services) उपलब्ध कराई जाएं। अच्छे अस्पतालों को योजना में बने रहने का लाभ मिलेगा। इस कदम से योजना का दुरुपयोग (Scheme Misuse) रोका जा सकेगा।

क्या होते हैं इम्पैनल्ड अस्पताल

इम्पैनल्ड अस्पताल वे अस्पताल होते हैं जो किसी सरकारी योजना, बीमा कंपनी या संगठन द्वारा अधिकृत (मान्यता प्राप्त) किए गए होते हैं। इन अस्पतालों के साथ एक अनुबंध (एग्रीमेंट) होता है, जिसके तहत मरीजों को तय योजनाओं के तहत चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाती हैं।

FAQ

1. आयुष्मान भारत योजना के तहत किन अस्पतालों की जांच होगी?
प्रदेश में 1000 से अधिक इमपेनल्ड अस्पतालों की स्क्रीनिंग होगी। इसमें अयोग्य और शिकायतों वाले अस्पताल शामिल हैं।
2. सरकार किस आधार पर अस्पतालों की मान्यता रद्द करेगी?
जिन अस्पतालों के पास आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर और योग्य डॉक्टर नहीं होंगे, उनकी मान्यता रद्द होगी।
3. क्या फर्जी बिलिंग में शामिल अस्पतालों पर कार्रवाई होगी?
हां, फर्जी बिलिंग में लिप्त अस्पतालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
4. नई एसओपी के तहत मरीजों को कैसे फायदा होगा?
नई एसओपी के अनुसार, मरीजों की शिकायतों और संतुष्टि को प्राथमिकता दी जाएगी।
5. इस कदम का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उद्देश्य है कि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें और योजना का दुरुपयोग रोका जा सके।

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