आज निकलेगी बाबा महाकाल की शाही सवारी, पुजारियों ने की सीएम से सुरक्षा बढ़ाने की अपील

18 अगस्त को भगवान महाकाल की राजसी सवारी के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होने की संभावना है। महाकालेश्वर मंदिर के महेश पुजारी ने मुख्यमंत्री से सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करने की अपील की है।

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Sandeep Kumar
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आज 18 अगस्त को भगवान महाकाल की राजसी (शाही) सवारी हर साल की तरह इस साल भी निकाली जाएगी। इस सवारी में देशभर से भक्तों के आने की उम्मीद है।

महाकालेश्वर मंदिर की सवारी और विजयादशमी के दिन शमी पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन भारी भीड़ उमड़ती है, जिससे सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन जाता है।

पुजारियों और कहारों की चिंता

महाकाल मंदिर के पुजारी महेश शर्मा ने सीएम मोहन यादव को पत्र लिखकर सुरक्षा इंतजामों का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि उज्जैन महाकाल सवारी के दौरान पालकी और भगवान महाकाल की मूर्ति की सुरक्षा में पुजारियों और कहारों को कठिन मेहनत करनी पड़ती है।

कई बार उन्हें शारीरिक चोटें भी आती हैं, क्योंकि भक्त पालकी के पास पहुंचने की कोशिश करते हैं। इससे अव्यवस्था फैलने और भगवान की गरिमा को ठेस पहुंचने का खतरा होता है।

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भगवान की पगड़ी निकलने का डर

सवारी के दौरान भक्त भगवान महाकाल को माला पहनाने, छूने और चरण वंदन करने के लिए पालकी के पास आते हैं। इससे कई बार भगवान की पगड़ी निकलने का डर होता है। यह स्थिति अशोभनीय होने के साथ-साथ भगवान के विग्रह को भी क्षति पहुंचा सकती है।

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सुरक्षा इंतजामों की जरूरत

महेश पुजारी ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि महाकाल की अंतिम सवारी मार्ग पर सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने मार्ग को बैरिकेड्स से सुरक्षित कॉरिडोर में बदलने की मांग की है। साथ ही, मंदिर समिति के सुरक्षा अधिकारियों को पालकी के साथ रखने और यह जिम्मेदारी सौंपने की बात की है, ताकि कोई अप्रिय घटना या दुर्घटना न हो।

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सुरक्षा अधिकारियों की ड्यूटी

पुजारियों ने सुझाव दिया कि पालकी की सुरक्षा की जिम्मेदारी मंदिर समिति के सुरक्षा अधिकारियों को दी जाए। वे यह सुनिश्चित करें कि भगवान महाकाल की राजसी सवारी और दशहरे की सवारी में कोई दुर्घटना या अप्रिय घटना न हो।

FAQ

महाकाल की शाही सवारी में सुरक्षा क्यों जरूरी है?
महाकाल की शाही सवारी में हर साल भारी भीड़ उमड़ती है। भक्त भगवान की पालकी के पास पहुंचने की कोशिश करते हैं। इससे भगवान की गरिमा को ठेस पहुंचने का खतरा होता है। कई बार पुजारियों और कहारों को चोटें भी लग जाती हैं। इस कारण सुरक्षा इंतजाम जरूरी हैं।
महेश पुजारी ने मुख्यमंत्री से क्या अपील की है?
महेश पुजारी ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि सवारी मार्ग को बैरिकेड्स से सुरक्षित किया जाए। उन्होंने मंदिर समिति के सुरक्षा अधिकारियों को पालकी की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपने की मांग की है। इससे कोई अप्रिय घटना नहीं होगी।

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