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श्रावण माह के दूसरे सोमवार पर महाकालेश्वर के दर्शन के लिए देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे हैं। इस विशेष अवसर पर महाकालेश्वर मंदिर में भव्य सवारी का आयोजन किया जाएगा। इसमें भगवान महाकाल की झांकी चंद्रमौलेश्वर के रूप में निकाली जाएगी। इस दौरान मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों में श्रद्धालुओं का भारी हुजूम उमड़ने की संभावना है।
महाकाल ने धारण की रजत मुकुट और मुंडमाला
दूसरी सवारी के दिन बाबा महाकाल ने शेषनाग का रजत मुकुट और मुंडमाला धारण की है। मंदिर के कर्मचारियों ने इस दौरान भगवान महाकाल का विशेष पूजन-अर्चन किया। इसमें पंचामृत से अभिषेक, चांदी के आभूषणों से श्रृंगार, और भस्म अर्पित किया गया। भगवान महाकाल के इस भव्य श्रृंगार को देखकर भक्तों में अत्यधिक श्रद्धा का संचार हुआ।
सावन माह के दूसरे सोमवार के अवसर पर आज महाकाल मंदिर में हुई विशेष पूजा अर्चना, घर बैठे कीजिए दिव्य अलौकिक दर्शन ⬇ #MahakalDarshan #UjjainNews #BabaMahakal #MahakalAarti #TheSootr pic.twitter.com/wpO7nQmL8q
— TheSootr (@TheSootr) July 21, 2025
2700 अधिकारी और कर्मचारी तैनात
महाकाल मंदिर में भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 2700 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को तैनात किया गया है। इसमें 1300 पुलिसकर्मी, 1200 अन्य कर्मचारी, और 200 अधिकारी शामिल हैं, जो पूरी व्यवस्था का संचालन करेंगे। सुरक्षा का ध्यान रखते हुए सवारी मार्ग पर सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती की गई है, ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो।
बाबा महाकाल की दूसरी सवारी पर एक नजर...
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सवारी का मार्ग और प्रमुख आकर्षण
शाम 4 बजे भगवान महाकाल की सवारी नगर भ्रमण पर निकलेगी। इस सवारी में भगवान महाकाल के साथ-साथ चंद्रमौलेश्वर की विशेष झांकी भी शामिल होगी। सवारी के प्रमुख मार्गों में महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, और रामघाट प्रमुख हैं। रामघाट पर मां क्षिप्रा के जल से भगवान महाकाल का अभिषेक किया जाएगा।
सवारी के लाइव प्रसारण की व्यवस्था भी की गई है, ताकि श्रद्धालु सवारी मार्ग में खड़े होकर भगवान महाकाल की झांकी का दर्शन कर सकें। यह प्रसारण मंदिर के फेसबुक पेज पर और सवारी के चलित रथ में लगे एलईडी स्क्रीन पर होगा।
7 राज्यों के होंगे रंगारंग कार्यक्रम
दूसरी सवारी में 7 राज्यों के कलाकारों के जरिए विभिन्न प्रकार के लोक नृत्य प्रस्तुत किए जाएंगे। इनमें झाबुआ (मध्यप्रदेश) का भगोरिया नृत्य, नासिक (महाराष्ट्र) का सौगी मुखौटा नृत्य, और ओडिशा का शंखध्वनि लोकनृत्य प्रमुख हैं। इसके अलावा, छत्तीसगढ़, हरियाणा और राजस्थान से भी लोकनृत्य प्रस्तुत किए जाएंगे, जो दर्शकों का मन मोह लेंगे।
कांवड़ यात्रियों के लिए अलग दर्शन व्यवस्था
महाकाल मंदिर में कांवड़ यात्रियों के लिए विशेष दर्शन व्यवस्था की गई है। जो कांवड़ यात्री पूर्व सूचना देंगे, उन्हें द्वार क्रमांक 04 से प्रवेश मिलेगा। अन्य कांवड़ यात्री सामान्य दर्शनार्थियों की तरह दर्शन करेंगे।
जल अर्पित करने की व्यवस्था
महाकाल मंदिर में भक्तों को जल अर्पित करने की सुविधा भी दी गई है। इस जल को बाबा महाकाल को अर्पित किया जाएगा, और इसे विशेष रूप से दर्शन का हिस्सा माना जाएगा। जल अर्पित करने के लिए दो स्थान निर्धारित किए गए हैं, कार्तिकेय मंडपम और सभा मंडपम में, जहां भक्त जल अर्पित कर सकते हैं।
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