बजरंग दल और अबाक्स कार्यकर्ताओं के बीच भिड़ंत, पुलिस कंट्रोल रूम के बाहर मचा हंगामा

जबलपुर में चेतना महासम्मेलन के बाद विवाद जारी है। 25 नवंबर को पुलिस कंट्रोल रूम के बाहर हिंसक भिड़ंत हुई। बजरंग दल और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता आपस में भिड़े। ST-SC-OBC संघ के कार्यकर्ता भी शामिल थे।

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Neel Tiwari
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Photograph: (thesootr)

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JABALPUR. जबलपुर के मानस भवन में हुए चेतना महासम्मेलन के विवाद अभी तह शांत नहीं हुआ है। मंगलवार 25 नवंबर को शहर में तनाव और बढ़ गया। संविधान की किताब फाड़ने और धर्म विरोधी किताब बेचने के आरोपों से विवाद हुआ। इसका असर पुलिस कंट्रोल रूम के बाहर दिखाई दिया। जहां दो संगठनों के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। स्थिति इतनी बिगड़ी कि पुलिस कंट्रोल रूम के अंदर लोग छुपकर अपनी जान बचाने को मजबूर हो गए।

दो संगठन आमने-सामने

मंगलवार दोपहर ST, SC, OBC संघ, अबाक्स और बहुजन समाज के कार्यकर्ता पुलिस कंट्रोल रूम में ज्ञापन देने पहुंचे। वे आरोप लगा रहे थे कि संविधान की किताब फाड़ने और चेतना सम्मेलन में उपद्रव करने वालों पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इसके कुछ देर पहले बजरंग दल ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ज्ञापन सौंपा था। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें कार्यक्रम में पीटा गया। जब बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को पता चला कि हमलावर भी ज्ञापन देने आए हैं तो स्थिति बदल गई।

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कंट्रोल रूम के बाहर हंगामा

सूचना मिलते ही बजरंग दल और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता लाठी-डंडों के साथ कंट्रोल रूम पहुंचे। उन्होंने विरोधी पक्ष की पिटाई शुरू कर दी। कुछ कार्यकर्ता जान बचाने के लिए कंट्रोल रूम में छुप गए। बाहर भगदड़ मच गई। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी स्थिति संभालने में असमर्थ दिखे।

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हिंदू संगठन ने दी चुनौती 

हिंदू संगठन की कार्यकर्ता रविता हिंदू ने खुले तौर पर चुनौती दी है। उन्होंने कहा है कि हमारे कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अबाक्स और अन्य संगठनों के आरोप हिंदूवादी संगठन SC-ST-OBC को दबाने की कोशिश कर रहे।

हमले के बाद अबाक्स व अन्य संगठनों ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि सरकार समर्थित हिंदूवादी संगठन एससी, एसटी और ओबीसी की आवाज दबाने की कोशिश कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि चेतना महासम्मेलन में उपद्रव हुआ। मंच पर घुसकर संविधान की किताब फाड़ी गई। अब न्याय मांगने आने पर उन्हें धमकाया जा रहा है।

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पुलिस की भारी तैनाती, तनाव बरकरार

हमले के तुरंत बाद पुलिस ने भारी बल तैनात किया और दोनों पक्षों को अलग किया। हालांकि कुछ देर तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा। कंट्रोल रूम के बाहर मौजूद भीड़ धीरे-धीरे तितर-बितर की गई। लेकिन घटनाक्रम ने प्रशासन की तैयारियों पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। कुछ देर तक पुलिस कंट्रोल रूम के दरवाजे बंद करने पड़े।

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दो दिन से लगातार तनाव

विवाद की शुरुआत सोमवार को मानस भवन में हुई। चेतना महासम्मेलन के दौरान युवकों ने मंच पर चढ़कर विरोध किया। संविधान की किताब फाड़ने और हिंदू धर्म विरोधी किताबें बेचने के आरोप से मामला बढ़ा। भीड़ ने उपद्रवियों की पिटाई की। विधायक लखन घनघोरिया की तीखी प्रतिक्रिया और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे।

पुलिस कंट्रोल रूम के सामने भिड़ंत ने मामला और विवादित बना दिया है। यह पूरा घटनाक्रम जबलपुर में सामाजिक तनाव और संगठन बनाम संगठन टकराव को नई दिशा देता दिखाई दे रहा है। पुलिस अब दोनों घटनाओं की जांच में जुट गई है, लेकिन शहर का माहौल अभी भी संवेदनशील बना हुआ है।

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