शहर के 150 साल पुरानी ऐतिहासिक धरोहर किंग एडवर्ड मेडिकल बिल्डिंग में रविवार को हुई भूतिया हैलोवीन पार्टी को लेकर द सूत्र के खुलासे के बाद बवाल मच गया है। आयोजन जैन सोशल ग्रुप एलिगेंट इंदौर ने कराया और इसमें सबसे अहम भूमिका रही कांग्रेस से बीजेपी में गए नेता अक्षय कांति बम की। भले ही अब बम हर जगह कह रहे हैं कि वह केवल भोजन में शामिल हुए थे, उनका आयोजन से कोई वास्ता नहीं है, लेकिन इस ग्रुप को लेकर द सूत्र और खुलासे कर रहा है।
बम अभी बोर्ड में, पहले अध्यक्ष भी रह चुके
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से नामांकन भरने के बाद ऐनवक्त पर हाथ छोड़कर कमल थामने वाले बम की इस जैन सोशल ग्रुप में अहम भूमिका है। जब यह ग्रुप बना था, तब भी बम के साथ आशीष मेहता व अन्य की कोशिशें थीं। बम इस ग्रुप के तीसरे प्रेसीडेंट रह चुके हैं। कोविड काल में करीब तीन साल तक पद पर रहे। वह अभी भी इस बोर्ड में हैं। ग्रुप में अभी भी इनके ही अधिकांश सदस्य हैं, यानी यह जिसे चाहे इस ग्रुप में पद पर बैठाते हैं, यह पूरा ग्रुप इन्हीं के कहने पर चलता है। बम के पिता कांति लाल बम भी जैन श्वेतांबर सोशल ग्रुप फेडरेशन के संरक्षक पद पर है।
दो लोगों की मौत के आरोपी अजीत का बेटा है अभिषेक
आयोजन की मंजूरी अभिषेक जैन (लालवानी) ने ली थी। पूरे आयोजन की रूपरेखा बम ने ही बनाई थी। वहीं मंजूरी लेने वाला अभिषेक और कोई नहीं बल्कि अजीत लालवानी का बेटा है। यह अजीत वही है, जिसने मई 2023 में शराब के नशे में कार से टक्कर मारी थी। इस टक्कर में सात साल के मासूम और एक व्यापारी की मौत हो गई थी। अजीत भी जैन सोशल ग्रुप इंटरनेशनल के अहिल्या रीजन के अध्यक्ष पद पर है।
मंजूरी रोकी थी डीन ने, लेकिन फिर आया दबाव
यह भी खबर है कि डीन को जब इनके बड़े आयोजन की जानकारी मिली तो आयोजन के दिन ही शाम को फोन करके इसकी मंजूरी रद्द करने की बात कही गई थी। इसकी जानकारी ग्रुप के हाईप्रोफाइल लोगों लगी थी। इसके बाद दबाव का खेल शुरू हुआ और इसमें भूमिका बम की रही। आखिरकार इन दबाव के बाद डीन को इसमें मौखिक मंजूरी देना पड़ी।
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एमजीएम के दो गुटों का विवाद, नजरें डीन पद पर
यह भी बात सामने आ रही है कि आयोजन तो गलत हुआ ही है, वहीं एमजीएम का डॉक्टर इस मामले को उछालने में कोई कसर नहीं रखना चाहता है। बताया जा रहा है कि, इसके जरिए कुछ लोगों की नजरें डॉक्टर संजय दीक्षित को हटाकर डीन का पद लेने को है। डॉ. दीक्षित लंबे समय से इस पद पर हैं।
शहर के हाईप्रोफाइल लोग शामिल
यह पार्टी जैन सोशल ग्रुप ने की थी, जिसमें मंजूरी अभिषेक जैन ने मांगी थी। लेकिन यह केवल चेहरा भर है। जैसा पहले ही कहा कि इसमें पूर्व मंत्री व विधायक के बेटे के साथ ही कई बिल्डर्स के भाई, बेटे, रिश्तेदार और उद्योगपतियों के रिश्तेदार भी शामिल थे। करीब सौ युवा इस पार्टी में हिस्सा बने थे, जो अब छिपते फिर रहे हैं। ग्रुप ने यह मंजूरी भी पार्टी के लिए नहीं बल्कि एतिहासिक धरोहर का दौरा करने के नाम पर ली थी। डीन डॉ. संजय दीक्षित ने यह मंजूरी मौखिक ही जारी की थी। वह भी केवल इस शर्त पर कि 20-20 लोग जाकर इस भवन को देख सकेंगे। लेकिन उन्होंने इसे ताक पर रख वहां पर भूतिया पार्टी की।
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डीन के बंगले पर हुआ खाना-पीना
ऐतिहासिक बिल्डिंग में मुख्य तौर पर टॉस्क गेम हुए जो भूतिया थे। इसमें टास्क करने वालों को डराया गया। बिल्डिंग के अंदर खाना-पीना हुआ, लेकिन मुख्य डिनर खुद डीन डॉ. संजय दीक्षित के बंगले पर हुआ। डीन के सरकारी बंगले पर सभी आयोजक व जैन सोशल ग्रुप के लोग गए और वहीं पर हाईप्रोफाइल डिनर का आयोजन किया गया। बंगले पर भोजन बना और वहीं पर देर रात तक खाना-पीना किया गया।
क्या बोल रहे हैं डीन?
द सूत्र ने इस मामले में डीन से बात की तो उन्होंने कहा कि पूरी गलती आयोजकों की है। हमने 20-20 लोगों को ऐतिहासिक बिल्डिंग देखने के लिए मंजूरी दी थी। वहां कोई आयोजन करने की मंजूरी बिल्कुल नहीं थी। यह उन्होंने गलत किया है।
मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन विरोध में
इस मामले में मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (एमटीए) विरोध में उतर आया है। मंगलवार को जानकारी मिलने पर उन्होंने डीन को ज्ञापन देकर विरोध जताया और साथ ही बिल्डिंग में गंगाजल छिड़क कर उसे शुद्ध किया। एसोसिएशन के पदाधिकारी डॉ. अशोक ठाकुर और राहुल रोकड़े ने कहा कि हमे पार्टी की बात पता चलती तो हम आयोजन ही नहीं होने देते। इस तरह के आयोजन के लिए आयोजकों पर केस दर्ज होना चाहिए। हेरिटेज बिल्डिंग का उपयोग करने की मंजूरी किसी को नहीं है। विरोध में डॉ. सुमित शुक्ला, डॉ. दिव्या मेनन व अन्य लोग भी थे।
एमजीएम एल्युमिनाई भी विरोध में
इसी तरह एमजीएम एल्युमिनाई एसोसिएशन भी विरोध में आ गई है। गुरुवार को इसके विरोध में पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन देंगे। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. संजय लोंढे, सचिव डॉ. विनीता कोठारी ने बताया कि इस घटना का विरोध किया जाएगा। साथ ही मांग रहेगी कि इस बिल्डिंग का रखरखाव का जिम्मा एसोसिएशन को दिया जाए।
इनकी भी भूमिका संदिग्ध
बताया जा रहा है कि कॉलेज भवन प्रभारी गोपाल राणे और प्रोफेसर डॉ. अमरजीत सिंह छाबड़ा की भूमिका भी इस आयोजन में है। राणे तो आयोजन के पहले भवन में आते-जाते भी नजर आए, यानी उन्हें इस आयोजन की जानकारी थी।
इस तरह किया ऐतिहासिक भवन से खिलवाड़
इस ऐतिहासिक बिल्डिंग में कांच की फूटी बोतलें मिली, दीवारों पर स्लोगन लिखे मिले। इस परिसर को हैलोवीन थीम में बदल दिया गया। इसके लिए कंकाल, खून से लथपथ फव्वारे, काले पर्दे, ओ स्त्री कल आना जैसे स्लोगन से सजाया गया।
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