हादसे के बाद सख्त हुआ परिवहन विभाग, भोपाल से होगी प्रदेश भर की बसों की निगरानी

बाणगंगा चौराहा हादसे के बाद मध्य प्रदेश परिवहन विभाग ने बसों की फिटनेस और परमिट की केंद्रीकृत मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू किया है, जिससे अनफिट बसों की वजह से होने वाले हादसों पर नियंत्रण होगा।

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Abhilasha Saksena Chakraborty
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MP News: मध्य प्रदेश के बाणगंगा चौराहा पर महिला डॉक्टर की मौत का कारण बनी अनफिट बस की दुर्घटना ने परिवहन विभाग को सतर्क कर दिया है। इस हादसे के बाद, जहां बस का फिटनेस सर्टिफिकेट ही नहीं था, वहीं विभाग ने ऐसी लापरवाही रोकने के लिए अब एक केंद्रीकृत बस निगरानी सिस्टम शुरू करने का निर्णय लिया है।

भोपाल स्थित परिवहन आयुक्त के कैंप ऑफिस में एक कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है, जहां से पूरे प्रदेश की बसों की फिटनेस, परमिट, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) और व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) की निगरानी की जाएगी। परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा ने कहा- इस नई व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला स्तर के आरटीओ अधिकारियों को दी जाएगी, जो बसों की वैधता पर पूरी नजर रखेंगे और समय पर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।

57 हजार बसों का डाटा एकीकृत किया जाएगा

परिवहन विभाग ने प्रदेश भर से लगभग 57 हजार बसों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। इसमें बसों के रजिस्ट्रेशन, परमिट, फिटनेस, पीयूसी की वैधता और वीएलटीडी की स्थिति शामिल है। सभी डाटा को कंप्यूटर में फीड कर एक एनालिटिकल सॉफ्टवेयर के माध्यम से ट्रैक किया जाएगा। यह सॉफ्टवेयर तीन चरणों में पूरी प्रक्रिया को लागू करेगा।

डिप्टी परिवहन आयुक्त किरण शर्मा ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर में एक अलर्ट सिस्टम भी होगा, जो दस्तावेजों की वैधता समाप्त होने से 7 दिन पहले ही नोटिस देगा। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी बस का परमिट 15 तारीख को खत्म हो रहा है, तो 8 तारीख से कंट्रोल रूम में इसका अलर्ट आने लगेगा।

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तीन चरणों में लागू होगी बस मॉनिटरिंग प्रणाली

  • पहला चरण: 26 हजार शैक्षणिक बसों की निगरानी
  • दूसरा चरण: 20 हजार यात्री बसों की निगरानी
  • तीसरा चरण: 11 हजार औद्योगिक संस्थानों की बसों की निगरानी

आरटीओ को मिलेगा समय पर नोटिस और कार्रवाई का अधिकार

बसों की चेकिंग सख़्ती से की जाएगी। जैसे ही किसी बस का डॉक्युमेंट वैध नहीं पाया जाएगा, उस बस का डेटा संबंधित जिले के आरटीओ को भेजा जाएगा। आरटीओ द्वारा बस मालिक को नोटिस भेजकर दस्तावेज अपडेट कराने को कहा जाएगा। यदि तय समय तक दस्तावेज अपडेट नहीं होते हैं, तो परिवहन विभाग कड़ी कार्रवाई करेगा।

बाणगंगा चौराहा हादसे के बाद प्रशासनिक फेरबदल

बाणगंगा चौराहा पर हुए इस दर्दनाक हादसे के बाद भोपाल आरटीओ जितेंद्र शर्मा को निलंबित कर दिया गया था। रितेश तिवारी जो पहले सीहोर के जिला परिवहन अधिकारी थे, को भोपाल आरटीओ का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। 

 

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