हाथियों की मौत का मामला : CM मोहन यादव ने बुलाई आपात बैठक, दिए निर्देश

उमरिया जिले के बांधवगढ़ में  10 हाथियों की मौत की घटना को लेकर सीएम मोहन यादव ने आपालकालीन बैठक बुलाई हैं। उन्होंने इस घटना की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 

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Sandeep Kumar
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव (CM Mohan Yadav ) ने आपातकालीन बैठक बुलाई। इस दौरान सीएम ने बांधवगढ़ ( Bandhavgarh ) में  10 हाथियों की मौत की घटना के संबंध में जानकारी ली हैं। इसके बाद उन्होंने घटना की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने इस आपातकालीन बैठक में हाथियों की मौत के संबंध में घटना की संपूर्ण पहलुओं की जानकारी प्राप्त करने के लिए उच्चस्तरीय दल भेजने के निर्देश दिए हैं।

 

वन राज्य मंत्री जाएंगे उमरिया 

वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार (Dilip Ahirwar ) और दो वरिष्ठ अधिकारी उमरिया जाएंगे।  वन राज्य मंत्री के साथ अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल और राज्य वन बल प्रमुख पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव होंगे।  इस आपात बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन वर्चुअल रूप से शामिल हुए।  वहीं मुख्यमंत्री निवास में अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ राजेश राजौरा (Dr. Rajesh Rajoura ), अपर मुख्य सचिव वन अशोक वर्णवाल और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।  

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ये है पूरा मामला

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य में जहरीला पदार्थ खाने से इसी सप्ताह 10 हाथियों की मौत हो गई है। इसे लेकर कांग्रेस लगातार सरकार पर दबाव भी बना रही है। पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने इसे उठाया अब मध्य प्रदेश के पूर्व वन मंत्री उमंग सिंघार ने इस मामले में मोहन सरकार से सवाल पूछे हैं। 

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उमंग सिंघार ने साधा निशाना

मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने हाथियों की मौत मामले में प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि दीपावली की पूर्व संध्या पर भगवान गणेश के प्रतीक दस हाथियों की बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मौत होना बेहद दुखद घटना है। मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government ) हाथियों का संरक्षण नहीं कर सकी। इस घटना के पीछे कारण कोई भी खोजे जाएं, पर सबसे बड़ी लापरवाही वन विभाग (forest department ) की है। जिसने छत्तीसगढ़ और कर्नाटक (Chhattisgarh and Karnataka ) से विस्थापित होकर आए हाथियों का इंतजाम नहीं किया। अब सरकार को चाहिए कि वो लापरवाह वन अधिकारियों से इन हाथियों की मौत के बारे में सवाल करें।

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