मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) में कथित तौर पर जहरीला पदार्थ खाने से तीन और जंगली हाथियों की मौत हो गई है, जिससे इस हफ्ते अब तक मरने वाले हाथियों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। वन विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
जांच में जुटी वन्यजीव विशेषज्ञों की टीमें
राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ-वन्यजीव) वीकेएन अंबाडे ने जानकारी दी कि बुधवार और गुरुवार को तीन हाथियों की मृत्यु हुई। दिल्ली से वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं। साथ ही, राज्य बाघ स्ट्राइक बल खोजी कुत्तों के साथ घटना की जांच कर रहा है।
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जहरीला पदार्थ निगलने की आशंका
अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एल कृष्णमूर्ति ने बताया कि मृत हाथियों के पेट में विषाक्तता देखी गई है। नमूने जबलपुर स्थित स्कूल ऑफ वाइल्डलाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ (एसडब्ल्यूएफएच) को जांच के लिए भेजे गए हैं। विशेषज्ञ माइकोटॉक्सिन साइक्लोपियाजोनिक एसिड को संभावित कारण मान रहे हैं, जो कोदो बाजरा में पाया जाता है।
तीन हाथी स्वस्थ, लगातार निगरानी जारी
कृष्णमूर्ति ने बताया कि 13 हाथियों के झुंड में से तीन हाथी स्वस्थ हैं और उन पर लगातार नजर रखी जा रही है। इस पूरे मामले में एसआईटी और विशेष कार्य बल की टीमें सभी संभावित कोणों से जांच कर रही हैं। यह भारत में ऐसा पहला मामला है, जिसमें इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्या में हाथियों की मौत हुई है।
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ग्रामीणों ने बताया यह कारण
वनरक्षकों द्वारा ग्रामीणों से की गई पूछताछ में सामने आया है कि शाम करीब 4 बजे हाथियों का झुंड खेतों में आया पहुंचा था। किसानों ने फसल में कीटनाशक का छिड़काव किया था और हाथियों ने फसल का सेवन कर लिया। फसल का सेवन करने के बाद हाथियों की हालत बिगड़ी। और बेहोश होकर गिरने लगे। फिलहाल वन विभाग की टीम मामले में जांच कर रही है। झुंड में शामिल बाकी हाथियों की निगरानी की जा रही है।
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