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भोपाल में एक बड़ा बैंकिंग घोटाला सामने आया है। इसमें केनरा बैंक ने महिला उद्यमी के नाम पर दो वेयरहाउस लोन खातों में 15 लाख 50 हजार से अधिक की अनधिकृत वसूली की। यह मामला एक हाई कोर्ट के वकील ने उजागर किया है। उन्होंने अपने कानूनी कौशल और दृढ़ता के साथ बैंक की गड़बड़ियों को बेनकाब किया।
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जानें क्या है पूरा मामला...
केनरा बैंक ने महिला उद्यमी श्रीमति मधु बाई जाट के दो खातों में कई गलतियां कीं। सबसे बड़ी गलती यह थी कि बैंक ने स्वीकृत ब्याज दर 8.20% और 9.05% के बजाय 13.60% ब्याज लिया। इसके अलावा, बैंक ने अर्धवार्षिक EMI को बदलकर त्रैमासिक EMI वसूलना शुरू कर दिया। बिना कोई समीक्षा किए 13 हजार 500 रुपए प्रति खाता रिव्यू फीस ली। वहीं बिना किसी जानकारी या सहमति के बीमा प्रीमियम की डुप्लीकेट कटौती की गई।
जब ग्राहक ने इन गलतियों का विरोध किया, तो बैंक ने उनके चालू खाते पर बिना नोटिस के होल्ड लगा दिया। साथ ही बड़ी राशि जबरन डेबिट कर दी। इसके बाद भी, जब ग्राहक ने बार-बार बैंक से संपर्क किया, तो कोई समाधान नहीं मिला।
अंशुमान जाट ने लड़ी कानूनी लड़ाई
यह मामला तब सामने आया जब श्री अंशुमान जाट ने बैंक के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी। बता दें की अंशुमान हाई कोर्ट के वकील हैं और जय शिवशक्ति वेयरहाउस की मालकिन श्रीमति मधु बाई जाट के बेटे हैं। उन्होंने अपनी भूमिका एक ग्राहक, बेटे और कानूनी विशेषज्ञ के रूप में निभाई है। साथ ही बैंक की गड़बड़ियों को उजागर किया। इसके बाद, 16 जून 2025 को श्री अंशुमान जाट ने बैंक को कानूनी चेतावनी और आखिरी नोटिस भेजा।
बैंक ने इस नोटिस के बाद अपनी गलती स्वीकार की। इसके साथ ही 15 लाख 50 हजार की रकम दोनों खातों में वापस कर दी। श्री अंशुमान जाट ने कहा, यदि मैं वकील नहीं होता, तो यह धोखाधड़ी कभी सामने नहीं आती। एक आम ग्राहक के लिए ऐसे मामलों में न्याय मिलना बहुत कठिन होता है।
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बैंक पर कार्यवाही की मांग
इस मामले में उच्चतम न्यायालय से लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) तक की कार्यवाही की मांग की जा रही है। वकील अंशुमान जाट ने यह मांग की है कि इस मामले की स्वतः जांच शुरू की जाए और बैंकिंग ओम्बड्समैन द्वारा जन सुनवाई आयोजित की जाए। इसके साथ ही, अन्य ग्राहकों के खातों की भी फोरेंसिक जांच कराई जाए। इससे इस तरह की धोखाधड़ी का खुलासा किया जा सकेगा।
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