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Photograph: (The Sootr)
BHOPAL. दुनिया आज बड़े संकटों से जूझ रही है। कहीं व्यापारिक युद्ध छिड़ा है तो कहीं गोलाबारी का खौफ पसरा है। वैश्विक अस्थिरता के इस दौर में भारत मजबूती से खड़ा है और इसकी बड़ी वजह हैं हमारे अपने उत्पाद, हमारी आत्मनिर्भरता और स्वदेशी सोच। यही कारण है कि अब स्थानीय से वैश्विक तक भारत की ताकत को लोग मानने लगे हैं।
इसी आत्मनिर्भरता को और मजबूती देने के लिए 'द सूत्र' ने देशहित में बड़ा कदम उठाया है। हम ला रहे हैं जनजागरण का अभियान- Be इंडियन,Buy इंडियन। इसका मकसद बिल्कुल साफ है कि 'हमारी लक्ष्मी, हमारे पास' रहे।
15 सितंबर को सीएम डॉ.मोहन यादव इस राष्ट्रीय अभियान का शुभारंभ करेंगे। भोपाल के रवींद्र भवन के हंसध्वनि सभागार में शाम 4 बजे होने वाले मेगा इवेंट में सीएम अभियान का लोगो और पोस्टर लॉन्च करेंगे। समाज के प्रबुद्ध वर्ग ने भी 'द सूत्र' के इस प्रयास को सराहते हुए इसे नई राष्ट्रीय चेतना की शुरुआत करार दिया है।
क्यों जरूरी है यह अभियान?
1. देश का पैसा, देश में रहेगा
जब हम स्वदेशी सामान खरीदते हैं तो हमारा पैसा विदेशी बाजारों में जाने के बजाय अपने देश में ही घूमता है। यह पैसा किसान, कारीगर, दुकानदार, व्यापारी से लेकर बड़ी कंपनियों तक को मजबूती देता है।
2. हर वर्ग को होता है फायदा
आज जब आप मोहल्ले की दुकान से देशी साबुन, मसाले, कपड़े या बर्तन खरीदते हैं तो सीधा फायदा उस दुकानदार को मिलता है। विदेशी कंपनियों के बजाय स्थानीय उद्योग और व्यापारी मजबूत होते हैं। यही पैसा आगे चलकर रोजगार के नए अवसर भी पैदा करता है।
3. स्थानीय कलाकार होंगे मजबूत
इस अभियान के जरिए हथकरघा, हस्तशिल्प और घरेलू उद्योगों को बड़ा मंच मिलेगा। महिला स्वयं सहायता समूहों से लेकर फैशन-टेक्नोलॉजी कॉलेजों तक सभी को जोड़कर राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग और प्रमोशन होगा। इससे लोकल टैलेंट को पहचान मिलेगी।
4. स्टार्टअप इंडिया को नई दिशा
आज भारत स्टार्टअप हब बन रहा है। Be इंडियन, Buy इंडियन का मकसद भी प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत और स्टार्टअप इंडिया के विजन को आगे बढ़ाना है। देश के युवा उद्यमियों को सपोर्ट मिलेगा और विदेशी कंपनियों पर निर्भरता घटेगी।
भारत में आयात और घरेलू उत्पादन (FY 2024-25)
2024-25 के दौरान भारत में आयात और घरेलू उत्पादन के बारे में जो जानकारी दी गई है, उसे आसान शब्दों में ऐसे समझ सकते हैं:
विदेशी सामान का आयात: भारत ने अप्रैल 2024 से मार्च 2025 के बीच दूसरे देशों से करीब 3,000 अरब डॉलर का सामान खरीदा। ये वो चीजें हैं जो हम विदेश से मंगवाते हैं।
भारतीय कंपनियों का उत्पादन: इसी दौरान, भारतीय कंपनियों ने अपने देश में जो सामान बनाया, उसकी कीमत करीब 1,000 अरब डॉलर रही।
सीधे शब्दों में कहें तो, इस साल भारत ने जितना सामान खुद बनाया, उससे तीन गुना ज्यादा सामान दूसरे देशों से खरीदा।
वोकल फॉर लोकल का उद्देश्य इकोनॉमी को मजबूत करना
वोकल फॉर लोकल और स्वदेशी खरीदो जैसे आंदोलनों का उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना है। स्वदेशी अभियान के तहत, हम अपने देश के उत्पादों को प्राथमिकता देकर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। स्वदेशी जागरण मंच और हिन्दू जागरण मंच (Hindu Jagran Manch) जैसे संगठन भी इस विचार को फैलाने के लिए कार्यरत हैं, ताकि लोग अपने देश के उत्पादों को खरीदने के लिए प्रेरित हों। जन अभियान परिषद जैसे संगठन इस जागरूकता को और बढ़ाने का काम कर रहे हैं, ताकि हर भारतीय नागरिक स्वदेशी उत्पादों का समर्थन करे। यह न केवल आर्थिक विकास में योगदान करेगा, बल्कि भारत को वैश्विक स्तर पर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
'द सूत्र' क्यों आगे आया?
पत्रकारिता के उच्च मूल्यों को मानने वाला 'द सूत्र' हमेशा समाज के साथ खड़ा रहा है। इस बार यह पहल सिर्फ पत्रकारिता अभियान नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय आंदोलन है। हमारा मानना है कि देश की ताकत जनता के रोजमर्रा के फैसले तय करते हैं। अगर हम सब ठान लें कि भारत का पैसा भारत में ही रहेगा तो अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। हमारे बच्चों के लिए रोजगार और आत्मसम्मान दोनों बढ़ेंगे।