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भिंड जिले के कस्बा लहार में वार्ड नंबर 12 में स्थित शासकीय जमीन सर्वे नंबर 2711 और 2715 पर पिछले कई महीनों से सार्वजनिक रास्ते पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। यह सार्वजनिक रास्ता अनुसूचित जाति और अन्य वर्ग के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण था, क्योंकि इसके जरिए वे अपनी बस्तियों और घरों तक पहुंचते थे। लेकिन, राजनीतिक दबदबे के चलते डॉ. गोविंद सिंह और उनके परिवार के लोग इस रास्ते पर अवैध निर्माण कर रहे हैं, जिससे लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इस मुद्दे को लेकर अनुसूचित जाति संघर्ष समिति ने 180 दिनों से धरना प्रदर्शन किया है, लेकिन अब तक प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
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स्थानीय प्रशासन की नहीं उठाए गए कदम
समिति ने इस मामले में प्रशासन से कई बार शिकायत की, लेकिन प्रशासन ने सीमांकन करने के अलावा किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। निर्माण कार्य शुरू होने के बाद यह सार्वजनिक रास्ता पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है। लोग बस्ती से बाहर जाने के लिए इसी रास्ते का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब यह रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है, जिससे लोगों को काफी दिक्कत हो रही है।
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गजेन्द्र सिंह का सिविल कोर्ट में मुकदमा
इस मामले में डॉ. गोविंद सिंह के छोटे भाई गजेन्द्र सिंह ने सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर किया था। उन्होंने प्रशासन से अस्थाई निषेधाज्ञा की मांग की थी, ताकि अवैध कब्जा हटाया जा सके। हालांकि, कोर्ट ने उनके द्वारा दायर की गई अपील को निरस्त कर दिया। इससे प्रशासनिक कार्रवाई और भी जटिल हो गई है, क्योंकि अब तक इस मामले का कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है।
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धरने और अनशन का 180 दिन
अनुसूचित जाति संघर्ष समिति और स्थानीय नागरिकों ने 5 अगस्त 2024 से अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था। इस धरने का नेतृत्व डॉ. बाबूलाल टैगोर कर रहे हैं, और आंदोलन में लहार विधानसभा क्षेत्र के तमाम नागरिक शामिल हैं। समिति ने प्रशासन से कई बार अपील की, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। धरने का 180वां दिन पूरा हो चुका है, लेकिन समाधान की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है।
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अतिक्रमण हटाने में प्रशासन नाकाम
भले ही प्रशासन ने सीमांकन कर लिया है, लेकिन सार्वजनिक रास्ते पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। इस लापरवाही के कारण संघर्ष समिति और आम नागरिकों के बीच असंतोष बढ़ रहा है। यह सार्वजनिक रास्ता पहले भी लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग था, लेकिन अब यह पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है।
समिति की ओर से प्रशासन से समाधान की मांग
समिति ने प्रशासन से कई बार अनुरोध किया है कि इस समस्या का शीघ्र समाधान किया जाए। उन्होंने कहा है कि यदि इस समस्या का हल जल्द नहीं निकला, तो आंदोलन और धरने का दायरा और बढ़ाया जाएगा। समिति का मानना है कि प्रशासन को तत्काल इस मामले पर ध्यान देना चाहिए, ताकि आम जनता को राहत मिल सके।
आंदोलन की चेतावनी
धरने और आंदोलन का असर प्रशासन पर पड़ रहा है, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। समिति का कहना है कि यदि इस मुद्दे का समाधान शीघ्र नहीं निकला, तो वे इसे और उग्र रूप में आगे बढ़ाएंगे। इससे इलाके में असंतोष और गहरा सकता है। लोगों की उम्मीदें प्रशासन से जुड़ी हुई हैं, और वे चाहते हैं कि इस समस्या का जल्द समाधान निकाला जाए।