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मध्य प्रदेश के भिंड जिले में दो सरकारी विभागों के कर्मचारियों के बीच हाई-वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला है। मामला नगर पालिका परिषद और विद्युत निगम के अधिकारियों के बीच का है। 3 करोड़ रुपए का बिजली बिल न चुकाने पर बिजली विभाग ने नगर पालिका की बिजली सप्लाई काट दी। तनातनी इतनी बढ़ गई कि मामला कचरा फैलाने तक पहुंच गया।
3 करोड़ रुपए का बिजली बिल था बकाया
आम तौर पर बिजली बिल न चुकाने पर बिजली विभाग उपभोक्ताओं के कनेक्शन काट देता है, लेकिन इस बार मामला अलग था। भिंड में नगर पालिका का तीन करोड़ रुपए का बिल बकाया होने पर शुक्रवार शाम को बिजली विभाग ने उसका कनेक्शन काट दिया, जिससे नगर पालिका का सारा कामकाज ठप हो गया।
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बिजली विभाग के दफ्तर पर फेंका कचरा
इस घटनाक्रम के बाद नाराज नगरपालिका अधिकारी और पार्षद बिजली विभाग पहुंचे और बात करने की कोशिश की, लेकिन एसई ने साफ शब्दों में कहा कि बिल जमा करने के बाद ही बिजली बहाल होगी। इसके बाद गुस्साए पार्षदों और कर्मचारियों ने कचरा वाहनों से कचरा उठाकर एसई कार्यालय के सामने गिरवा दिया, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई।
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'बिजली विभाग पर भी बाकी है संपत्ति कर'
नगर पालिका की कचरा गाड़ियों ने ऑफिस के सामने शहर का कचरा खाली कर दिया, जिससे वहां का आवागमन भी बाधित कर दिया। पुलिस बल मौके पर था, लेकिन उसने दोनों विभागों के मामले में हस्तक्षेप नहीं किया।
नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष भानु भदौरिया ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग पर भी नगर पालिका का संपत्ति कर बकाया है, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। उनका कहना है कि जब तक बिजली विभाग बकाया नहीं चुकाता, कचरा ऐसे ही फैला रहेगा।
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