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मध्यप्रदेश के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत बीजेपी के भीतर और बाहर हो रहे हमलों से परेशान नजर आए। यह सवाल तब उठा जब ग्वालियर में एक मीडिया सवाल के जवाब में उनका रिएक्शन आया। दरअसल, पत्रकारों ने उनसे परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के बारे में सवाल पूछा। इस पर मंत्री इतने गुस्से में आ गए कि उन्होंने पहले सवाल पूछने वाले को कड़ी प्रतिक्रिया दी और पूछा, "कौन बोला?" हालांकि, फिर वे संभल गए और मामले से बचने की कोशिश की।
उखड़े-उखड़े नजर आए राजपूत
पहले पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बिना नाम लिए मंत्री राजपूत पर निशाना साधा था, और उसके बाद कांग्रेस ने भी सौरभ शर्मा के मामले में उन्हें घेरने की कोशिश की। ग्वालियर पहुंचे मंत्री से पत्रकारों ने पहला सवाल सौरभ शर्मा के मामले पर ही किया। एक पत्रकार ने आरोप लगाया कि मंत्री राजपूत पूरी पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस सवाल पर मंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया। फिर एक और सवाल आया, जिसमें कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि मंत्री रहते हुए राजपूत ने सौरभ शर्मा का समर्थन किया था। इस पर मंत्री ने कहा, "जांच कर लो।" फिर मीडिया ने आरोपों पर सवाल उठाया, तो मंत्री ने पलटकर पूछा, "कौन बोला?"
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'सौरभ से कोई लेना-देना नहीं'
मंत्री का यह रिएक्शन काफी कड़ा था, लेकिन इसके बाद उन्होंने थोड़ा संभलते हुए कहा कि किसी भी विभाग में लाखों कर्मचारी होते हैं, और क्या किसी ने क्या किया, ये जांच का मामला है। मुझे इससे कोई लेना-देना नहीं है।
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मिले थे 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश
सौरभ शर्मा, जो कि परिवहन विभाग में एक आरक्षक था, उसके पास से 52 किलो सोना, 11 करोड़ की नकदी और दो क्विंटल चांदी की सिल्लियां बरामद हुई थीं। बताया जाता है कि वह भूपेन्द्र सिंह और गोविंद सिंह राजपूत के कार्यकाल में ही आरक्षक के पद पर था।
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