भोजशाला सर्वे का 66वां दिन : एएसआई टीम ने किया GPR मशीन का उपयोग

मध्यप्रदेश में धार की भोजशाला में एएसआई की टीम ने 66वें का सर्वे किया। लंबे समय से इंतजार कर रहे जीपीआर मशीनें भोजशाला पहुंच गईं। आज वहां GPR मशीन से सर्चिंग की गई। हिंदू पक्षकार लंबे समय से मशीन से सर्वे की मांग कर रहे थे...

Advertisment
author-image
Jitendra Shrivastava
New Update
THESOOTR
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

भोजशाला सर्वे का 66वां दिन : भोजशाला के उत्तरी क्षेत्र में मिट्टी हटाने के दौरान 3 अवशेष मिले हैं, जिनमें 1 साधारण पत्थर जिनमें 1 पर कुछ आकृतियां वहीं 1 संगमरमर की प्रतिमा जिसका चेहरा खंडित है। आज बिल्डिंग के पूर्वी तरफ रेखांकित की गई है संभवत सोमवार को वहां काम किया जाएगा।

जीपीआर मशीन चलाने 4 एक्सपर्ट भी पहुंचे

बेहतर ढंग से सर्वे के लिए जिन ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार ( GPR Machine ) और जीपीएस मशीनों ( GPS Machine ) का इंतजार लंबे समय से चल रहा था, आज वो मशीनें भोजशाला पहुंच गई हैं। मशीने मजदूरों की मदद से भोजशाला लाई गईं। आज मशीनों का इस्तेमाल बारीकी से सर्वे कार्य करने में किया गया इससे सर्वे की स्पीड भी बढ़ गई। जीपीआर मशीन को चलाने के लिए 4 एक्सपर्ट भी भोजशाला पहुंचे हैं। ये मशीन हैदराबाद से लाई गई हैं। हिंदू पक्षकार लंबे समय से मशीन से सर्वे की मांग कर रहे थे।

आज GPR मशीन से की गई सर्चिंग 

भोजशाला में सर्वे का आज 66 वें दिन का सर्वे हुआ समाप्त। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ( ASI ) के 19 अधिकारी और 40 मजदूर भोजशाला से शाम 5:25 बजे रवाना हो गए। सर्वे के बाद शाम को हिन्दू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि आज सर्वे में GPR मशीन का उपयोग किया गया। गर्भगृह में कल जो ग्राफ बनाए गए थे आज वहां GPR मशीन से सर्चिंग की गई। भोजशाला के उत्तरी क्षेत्र में मिट्टी हटाने के दौरान 3 अवशेष मिले है, जिनमे 1 साधारण पत्थर जिनमे 1 पर कुछ आकृतियां वही 1 संगमरमर की प्रतिमा जिसका चेहरा खंडित है। आज बिल्डिंग के पूर्वी तरफ रेखांकित की गई है संभवतः कल वहां काम किया जाएगा।

सर्वे में मशीन का उपयोग नहीं हुआ था

ऐतिहासिक भोजशाला के गर्भगृह में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की टीम में रविवार को पहली बार ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) से सर्वे किया। उल्लेखनीय है कि 11 मार्च को मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने वैज्ञानिक सर्वे में जीपीआर और जीपीएस मशीन का उपयोग किए जाने का आदेश दिया था। 22 मार्च से शुरू किए गए सर्वे में अभी तक मशीन से कार्य नहीं हो पाया था। 40 मजदूर और एएसआई के 18 अधिकारी शनिवार को जब भोजशाला पहुंचे तभी ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) भी लाया गया। हैदराबाद से जीएसआई की टीम पहुंची। इस टीम ने सबसे पहले गर्भगृह में छत के नीचे जहां वाग्देवी की प्रतिमा स्थापित थी, उस स्थान पर मशीन से सर्वे किया।

वेव्स सिग्नल को कम्प्यूटर में लोड किया गया

मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने बताया कि पूरे परिसर में GPR मशीन से सर्वे करने के लिए ब्लॉक बनाए गए थे। आज वहां सर्चिंग की गई ओर मशीनों में जो वेव्स सिग्नल मिल रहे थे उनको ASI के अनुसार कम्प्यूटर में लोड किया गया। भोजशाला के उत्तरी भाग में लेबलिंग के नाम पर जो खुदाई कि जा रही है वहां 3 मोल्डिंग के पत्थर मीले हैं।

आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया भोजशाला सर्वे का 66वां दिन GPR Machine जीपीएस मशीनों