सौरभ शर्मा ने नहीं कबूला आखिर संपत्ति किसकी, तो अब घोषित होगी सरकारी संपत्ति!

भोपाल में जब्त किए गए 11 करोड़ रुपए और 52 किलो सोने के मामले में चेतन सिंह गौर की अहम भूमिका सामने आई है। सौरभ शर्मा ने इस संपत्ति का मालिक होने से इनकार किया है, जिससे जांच की दिशा प्रभावित हो रही है।

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Raj Singh
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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के मेंडोरी क्षेत्र में एक इनोवा कार से 11 करोड़ रुपए कैश और 52 किलो सोना जब्त किया गया था। यह मामला अब तक कई एजेंसियों की जांच के दायरे में है। लोकायुक्त, प्रवर्तन निदेशालय (ED), और आयकर विभाग इस मामले में जांच कर रहे हैं। हालांकि, अब तक सौरभ शर्मा से इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि यह संपत्ति उसकी है। इस मामले में चेतन सिंह गौर की अहम भूमिका सामने आई है।

सौरभ शर्मा का बयान और जांच की स्थिति

सौरभ शर्मा ने अब तक यह स्वीकार नहीं किया कि वह जब्त किया गया सोना और कैश का मालिक है। आयकर विभाग और अन्य एजेंसियों के सामने यह चुनौती है कि वे इस संपत्ति के असली मालिक का पता लगा सकें। सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों की पूछताछ अब तक निरर्थक रही है और मामले में और पूछताछ की संभावना बनी हुई है।

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चेतन सिंह गौर की जिम्मेदारी बढ़ी

यदि सौरभ शर्मा संपत्ति के मालिक होने से इनकार करते हैं, तो अब चेतन सिंह गौर को यह साबित करना होगा कि यह संपत्ति उसकी है। आयकर विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यदि चेतन ने स्वीकार किया कि गाड़ी उसकी है, तो उसे यह साबित करना होगा कि वह संपत्ति किसी और को किराए पर दी गई थी। जांच अधिकारियों का मानना है कि चेतन सिंह गौर पर अब इस मामले की जिम्मेदारी आ सकती है।

क्या हो सकता है अगर मालिक सामने नहीं आया?

अगर जांच के बाद यह साबित नहीं होता कि जब्त की गई संपत्ति किसकी है, तो उसे सरकार के कब्जे में लिया जाएगा और सरकारी संपत्ति घोषित किया जाएगा। इस स्थिति में जांच अधिकारियों पर सवाल उठ सकते हैं, इसलिए आयकर विभाग हर हालत में असली मालिक की पहचान करने के प्रयासों में जुटा है।

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आयकर विभाग की अगली कार्रवाई और पेनल्टी की संभावना

यदि सौरभ या चेतन में से किसी ने स्वीकार किया कि जब्त किया गया कैश और सोना उनका है, तो इसके आय के स्रोत को भी साबित करना होगा। इसके बाद आयकर विभाग 200 प्रतिशत पेनल्टी लगाएगा और ED केस भी बना सकता है। साथ ही, आयकर विभाग ब्याज और पेनल्टी की वसूली भी करेगा।

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