प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी ) द्वारा सौरभ शर्मा और उनके सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के दौरान की गई छापेमारी के बाद, ईडी के डिप्टी डायरेक्टर तुषार श्रीवास्तव और रीतेश कुमार श्रीवास्तव ट्रांसफर किया गया है। दोनों का तबादला दिल्ली कर दिया गया है। हालांकि, 17 फरवरी को रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद तुषार श्रीवास्तव का स्थानांतरण हुआ है, जिसे ईडी ने एक सामान्य प्रक्रिया बताया है। सौरभ शर्मा की जमानत याचिका पर गुरुवार को विशेष न्यायाधीश द्वारा फैसला लिया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इनकम टैक्स से जुड़े अधिकारियों का तबादला हो सकता है।
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सौरभ की जमानत याचिका पर फैसला आज
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी सौरभ शर्मा की जमानत याचिका पर 19 फरवरी को विशेष न्यायाधीश सचिन कुमार घोष के सामने सुनवाई हुई थी। ईडी के वकील धर्मेंद्र पटेल ने जमानत का विरोध किया, जबकि सौरभ के वकील राकेश पाराशर ने जमानत की दलील दी। इस पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया और गुरुवार, 20 फरवरी को जमानत याचिका पर निर्णय सुनाया जाएगा। इस मामले में सौरभ की मां उमा शर्मा और ईडी के अधिकारी भी उपस्थित रहे थे।
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ईडी के डिप्टी डायरेक्टर का तबादला
मुकेश कुमार को भोपाल जोनल ऑफिस में डिप्टी डायरेक्टर नियुक्त किया गया है, जहां वे तुषार श्रीवास्तव का स्थान लेंगे। वहीं, रीतेश कुमार श्रीवास्तव के स्थान पर मनीष सबरवाल को भोपाल में जोन-1 के डिप्टी डायरेक्टर की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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सौरभ और उसके दोस्तों पर हुआ था एक्शन
यह कार्रवाई 27-28 दिसंबर को भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में की गई थी, जिसमें सौरभ शर्मा, चेतन सिंह, शरद जायसवाल और उनके रिश्तेदार रोहित तिवारी के ठिकानों पर छापे मारे गए थे। 17 जनवरी को एक बार फिर कार्रवाई की गई थी और आरोपियों को रिमांड पर लिया गया था।
क्या है पूरा मामला
सौरभ और उसके सहयोगियों की संलिप्तता (Involvement) एक सोने से लदी इनोवा कार (Innova Car) में भी सामने आई है। इस कार में 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए की नकदी (Cash) थे। चेतन सिंह (Chetan Singh) ने बताया कि कार कागजों में उसके नाम थी, लेकिन इसका इस्तेमाल सौरभ और उसके लोग करते थे। इस कार की खरीदी में डाउन पेमेंट सौरभ ने किया था, जबकि किश्तें चेतन के बैंक खाते से कट रही थीं।