BHOPAL. परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के मामले में लोकायुक्त और ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है। वहीं भ्रष्टाचार के इस मामले में विपक्ष लगातार हमलावर है। इसी बीच मंगलवार (18 फरवरी) को कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल लोकायुक्त कार्यालय पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने लोकायुक्त डीजी जयदीप प्रसाद से मुलाकात कर मामले में शपथ पत्र के साथ शिकायत सौंपी है। साथ ही कांग्रेस ने परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति को लेकर पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह को सह आरोपी बनाए जाने की मांग की। कांग्रेस ने कार्रवाई में जब्त सोना, चांदी और कैश की पूरी जानकारी सार्वजनिक करने की मांग रखी।
पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह को सह-आरोपी बनाने की मांग
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सौरभ शर्मा की नियुक्ति में पूर्व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह का हस्तक्षेप था, और उन्होंने ही उसे इस पद पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कांग्रेस ने लोकायुक्त से यह भी अनुरोध किया कि भूपेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और उन्हें सह आरोपी बनाया जाए। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, विधायक आरिफ मसूद, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक, पीसीसी अध्यक्ष के सलाहकार राजीव सिंह, प्रवीण सक्सेना और वरिष्ठ एडवोकेट विजय सिरवैया शामिल रहे।
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कांग्रेस सबूत के साथ सौंपा शपथ पत्र
लोकायुक्त डीजी से मुलाकात के बाद उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने मीडिया से चर्चा में कहा कि कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने लोकायुक्त से कहा है कि सौरभ शर्मा के कारण पूरा प्रदेश कलंकित हो रहा है, उसकी नियुक्ति पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के हस्तक्षेप और दबाव से हुई थी। हमने इसको लेकर साक्ष्य और अन्य दस्तावेज शपथ पत्र के साथ लोकायुक्त को सौंपे हैं।
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इन संपत्तियों का असली मालिक कौन हैं?
कांग्रेस ने लोकायुक्त से आग्रह किया है कि पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और उन्हें मामले में सह आरोपी बनाया जाए। कांग्रेस ने यह भी मांग की कि सौरभ शर्मा से जब्त किए गए सोना, चांदी और कैश की पूरी जानकारी सार्वजनिक की जाए। इसके अलावा, यह स्पष्ट किया जाए कि इन संपत्तियों के वास्तविक मालिक कौन हैं, क्या वह भूपेंद्र सिंह, गोविंद सिंह, वर्तमान परिवहन मंत्री, या कोई और व्यक्ति हैं।
कांग्रेस ने इस मामले में एक डायरी का भी जिक्र किया, जिसमें "टीएम टीसी" लिखा हुआ था। कांग्रेस ने मांग की कि इस डायरी से जुड़े व्यक्तियों के नाम सामने लाए जाएं और यह स्पष्ट किया जाए कि ये "टीएम टीसी" कौन लोग थे।
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