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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को रिमांड में लेकर बुधवार को उनसे कई घंटे तक पूछताछ की। ईडी की जांच इन तीनों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की दिशा में बढ़ रही है, जिसमें सौरभ के परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर कंपनियों में किए गए निवेश और संपत्ति की खरीद-बिक्री को लेकर सवाल किए गए हैं। ईडी ने इनके खिलाफ कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे, जिनका जवाब इन तीनों ने अलग-अलग तरीके से दिया।
शुरू हुआ पूछताछ का दौर
ईडी की टीम ने इन तीनों से मंगलवार शाम से ही पूछताछ शुरू कर दी थी और बुधवार को उनकी अलग-अलग और फिर सामूहिक पूछताछ की गई। सौरभ ने सोने और नकदी से लदी कार से किसी भी तरह के संबंध होने से इनकार किया। इसके बावजूद, चेतन ने स्वीकार किया कि कार उसके नाम पर थी, लेकिन इसका इस्तेमाल सौरभ और उसके परिवार के लोग करते थे। शरद ने किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल होने से इनकार किया और कहा कि सौरभ उनके दस्तावेजों का इस्तेमाल करता था, जिसके तहत वे दस्तावेजों पर साइन करते थे।
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कंपनी और संपत्ति किसकी
पूछताछ के दौरान सौरभ, चेतन और शरद से कंपनियों में निवेश और संपत्ति की खरीद-बिक्री के बारे में भी पूछा गया। शरद ने अविरल कंस्ट्रक्शन कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को स्वीकार किया। इसके अलावा, सौरभ के रिश्तेदार रोहित तिवारी का भी इस कंपनी में डायरेक्टर रहना सामने आया। शरद और चेतन दोनों इस कंपनी के डायरेक्टर हैं, और यह साफ है कि इन कंपनियों के माध्यम से संपत्ति की खरीद-बिक्री की जाती थी।
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लोकायुक्त पुलिस की सीडीआर जांच की तैयारी
लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ, चेतन और शरद के मोबाइल नंबरों की सीडीआर निकालने की योजना बनाई है। इससे यह साफ होगा कि तीनों ने किन-किन लोगों से बातचीत की है। शरद का मोबाइल फोन लोकायुक्त पुलिस के पास है, लेकिन सौरभ और चेतन का मोबाइल फोन जब्त नहीं हो पाया। सौरभ ने दावा किया कि उसके और उसकी पत्नी दिव्या के मोबाइल फोन चोरी हो गए थे। इस मामले में लोकायुक्त पुलिस तीन और लोगों को आरोपी बनाने की योजना बना रही है, जो सौरभ के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं।
चेतन की इनोवा की लोकेशन तलाश रही ED
केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अब सौरभ शर्मा के घर पर मिली एक इनोवा कार की तलाश है। लोकायुक्त छापे के दौरान सौरभ के घर में चेतन सिंह गौर की इनोवा खड़ी मिली थी। ईडी यह जानने में जुटी है कि क्या सचमुच लोकायुक्त छापे के ठीक पहले इनोवा कार को घर से निकालकर उसमें 52 किलो गोल्ड और 11 करोड़ कैश रखकर उसे आनन-फानन में हटाया गया, या यह इनोवा कहीं और से लाई गई है। फिलहाल ईडी का पूरा फोकस गोल्ड और कैश जब्ती की लिंक तक पहुंचने पर है। सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल से बीएसएनएल कैम्पस स्थित ईडी के दफ्तर में कड़ी सुरक्षा के बीच सवाल किए जा रहे हैं। सौरभ की फर्मों और कम्पनियों में निवेश, इनकी आय के स्त्रोत जैसे सवालों में तीनों को उलझाकर जवाब तलाशे जा रहे हैं।
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आज होगी परिवार से मुलाकात को लेकर सुनवाई
ईडी की विशेष अदालत में गुरुवार को ईडी की रिमांड के दौरान परिवार से मुलाकात को लेकर सुनवाई होगी। तीनों के परिजन पहले भी इनसे मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन अब इस मुलाकात की अनुमति पर विशेष सुनवाई की जाएगी। इसके बाद, रिमांड के दौरान परिवार से मुलाकात की स्वीकृति दी जा सकती है। ईडी का कहना है कि इस मुलाकात का विरोध किया जा रहा है, क्योंकि इनसे जुड़ी कंपनियों और संपत्तियों में परिजनों और रिश्तेदारों का भी हाथ हो सकता है।
पुलिस की जांच में क्या मिल सकता है?
लोकायुक्त पुलिस की जांच में अब तक तीन नए आरोपी सामने आने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक, ये तीन लोग सौरभ के रिश्तेदार हैं और इनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य पाए गए हैं। इसके अलावा, लोकायुक्त पुलिस की सीडीआर रिपोर्ट के बाद नए सुराग मिल सकते हैं, जो इस मामले को और जटिल बना सकते हैं।
क्या है पूरा मामला
सौरभ और उसके सहयोगियों की संलिप्तता (Involvement) एक सोने से लदी इनोवा कार (Innova Car) में भी सामने आई है। इस कार में 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए की नकदी (Cash) थे। चेतन सिंह (Chetan Singh) ने बताया कि कार कागजों में उसके नाम थी, लेकिन इसका इस्तेमाल सौरभ और उसके लोग करते थे। इस कार की खरीदी में डाउन पेमेंट सौरभ ने किया था, जबकि किश्तें चेतन के बैंक खाते से कट रही थीं।
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