कांग्रेस सांसद अशोक सिंह ने राज्यसभा में कहा है कि मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है। उन्होंने कहा है कि परिवहन विभाग के पूर्व कर्मचारी सौरभ शर्मा से 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति, सोना, नगदी जब्त हुई। अभी हाल ही में एक उद्योगपति की पत्नी ने आत्महत्या का प्रयास किया था। क्योंकि उसकी फैक्ट्री पर केंद्र सरकार के किसी मंत्री के रिश्तेदारों ने कब्जा कर लिया था। अशोक सिंह ने कहा है कि सीहोर जिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी के बाद एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। परमार दंपती ने आत्महत्या कर ली थी, जिससे राज्य में बड़ा हंगामा मच गया। इस छापेमारी के कुछ दिन बाद ही भोपाल में जयश्री गायत्री कंपनी की डायरेक्टर पायल मोदी ने भी आत्महत्या का प्रयास किया था। इन घटनाओं ने राज्य में ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।
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कांग्रेस सांसद ने उठाया मामला
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अशोक सिंह ने राज्यसभा में इन घटनाओं का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में ईडी की छापेमारी का तरीका गलत था। उन्होंने कहा कि जो लोग राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भाग लिए थे और जिन लोगों ने उनकी मदद की, उनके यहां ईडी के छापे मारे गए थे। एक परिवार के बच्चे ने तो केवल गुल्लक भेंट दी थी, फिर भी उनके घर पर छापा पड़ा और उसके बाद बच्चे के माता-पिता ने आत्महत्या कर ली।
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पूर्व आरक्षक के यहां तीन एजेंसियों की छापेमारी
सांसद अशोक सिंह ने आरोप लगाया है कि पूर्व आरक्षक के यहां तीन अलग-अलग एजेंसियों-ईडी, आईटी और लोकायुक्त ने छापा मारा और 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति, सोना, नगदी जब्त की। इस छापेमारी ने राज्य के भ्रष्टाचार के स्तर को उजागर किया है।
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गरीब-मध्यम वर्ग को फिर से छलने का प्रयास कांग्रेस
अशोक सिंह ने राज्यसभा में यह भी कहा कि बजट में आंकड़ों और डेटा के जरिए गरीब और मध्यम वर्ग को फिर से छलने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने की बात हो रही है, वहीं दूसरी तरफ 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर करने का दावा किया जा रहा है। उन्होंने इस संदर्भ में वित्त मंत्री से सवाल किया कि आखिर सच क्या है।
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किसानों के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत
आखिरकार अशोक सिंह ने किसानों के मुद्दे पर सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की। उन्होंने बताया कि आज भी किसान कड़ाके की ठंड में खाद और डीएपी के लिए रात भर लाइन में खड़े रहते हैं। किसानों के ऊपर कर्ज बढ़ता जा रहा है और सरकार की तरफ से कोई ठोस योजना नहीं बनाई जा रही है। उन्होंने यूपीए सरकार का उदाहरण दिया, जब किसानों का 72 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया गया था, और उसी तरह की माफी की मांग की।