प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने एक बार फिर केंद्रीय जेल का रुख किया, जहां उन्होंने आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा से ताजा पूछताछ की। इस पूछताछ में सौरभ के अलावा चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को भी शामिल किया गया। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान ईडी की टीम ने 11 करोड़ रुपये नकद और 52 किलो सोने की कड़ी की जांच की। इसके अलावा, आय के अन्य स्रोतों और ऑडिट रिपोर्ट को लेकर भी सौरभ, चेतन और शरद से सवाल किए गए।
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जेल में सौरभ से पूछताछ का सिलसिला जारी
सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल की रिमांड लोकायुक्त पुलिस द्वारा समाप्त हो चुकी थी। इसके बाद, इन सभी को 17 फरवरी तक केंद्रीय जेल भेज दिया गया है। ईडी की टीम ने लगातार दूसरे दिन केंद्रीय जेल में इनसे सवाल पूछने के लिए पुनः पहुंचकर छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। इस दौरान, तीनों को एक साथ रखा गया था और उनसे उनके आपसी लेन-देन, सौरभ की कंपनियों में भागीदारी और उनके द्वारा किए गए नकद लेन-देन के बारे में गहन पूछताछ की गई।
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सौरभ के कर्मचारियों और रिश्तेदारों की भूमिका
सूत्रों के मुताबिक, लोकायुक्त की जांच में सौरभ के कर्मचारी, रिश्तेदार और करीबी परिचितों को भी आरोपी बनाए जाने की संभावना है। सौरभ की कंपनियों में 50 से अधिक कर्मचारी थे, जिनकी सूची लोकायुक्त ने तैयार कर ली है। इसके अतिरिक्त, सौरभ के 18 खास रिश्तेदारों को भी नोटिस तामील किए जा चुके हैं। इस जांच में आगे भी नए खुलासे हो सकते हैं।
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ईडी ने किससे पूछताछ की?
ईडी ने सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल से पूछताछ की।
ईडी ने 52 किलो सोने और 11 करोड़ रुपये नकद के ट्रांजैक्शन के बारे में सवाल किए।
भोपाल में क्या बरामद हुआ था?
भोपाल के जंगल में लावारिस खड़ी कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये कैश बरामद हुए थे।
52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश
जांच में एक और अहम कड़ी सामने आई। भोपाल के जंगल में एक लावारिस खड़ी कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये का कैश बरामद हुआ था। इसके बाद, ईडी की जांच की दिशा सौरभ शर्मा की ओर मुड़ गई। इस कड़ी को लेकर सौरभ से तगड़े सवाल किए गए हैं, खासकर इनोवा में मिले सोने और कैश ट्रांजैक्शन के बारे में। साथ ही, सौरभ की कई ऑडिट रिपोर्ट भी फर्जी पाई गईं, जो जांच के घेरे में आई हैं।
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