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मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के मामले में कांग्रेस लगातार हमलावर बनी हुई है। अब कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने लोकायुक्त पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि लोकायुक्त पुलिस का व्यवहार इस मामले में बदल रहा है, जिससे जनता में यह धारणा बन रही है कि मामले को रफा-दफा किया जा सकता है। जीतू पटवारी ने लोकायुक्त से मांग की है कि इस मामले में ईमानदारी से जांच की जाए और वास्तविक अपराधियों को सामने लाया जाए।
क्या कार्रवाई कर रही लोकायुक्त पुलिस?
सौरभ शर्मा के मामले में कांग्रेस ने लोकायुक्त पुलिस पर सवाल उठाए हैं। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने मामले पर टिप्पणी करते हुए सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "इस मामले में 54 किलो सोना, कई किलो चांदी, करोड़ों रुपए कैश और अकूत संपत्ति बरामद हुई है, लेकिन लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई से यह प्रतीत हो रहा है कि मामला दबाने का प्रयास किया जा रहा है। जनता में यह धारणा बन रही है कि लोकायुक्त का उद्देश्य मामले को रफा-दफा करना है।" पटवारी ने यह भी कहा कि लोकायुक्त एक निष्पक्ष संस्था है और मध्य प्रदेश की जनता का भरोसा इस पर होना चाहिए।
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असली अपराधियों को सामने लाने की मांग
जीतू पटवारी ने आगे कहा कि "यह मामला बहुत बड़ा है और इसमें जखीरा बरामद हुआ है, लेकिन लोकायुक्त के व्यवहार से यह लगता है कि पूरा मामला दबाया जा रहा है। उन्होंने लोकायुक्त से पूछा गया कि वह डायरी कहां है, जिसकी शुरुआत में बात की गई थी? क्या यह मामूली घटना है या इसके पीछे और बड़े अपराधी हैं?" उन्होंने कहा क्या तालाब की यही छोटा मछली है या इसके पीछे बड़े बड़े मगरमच्छ हैं। उन मगरमच्छों को कौन पकड़ेगा। लोकायुक्त का काम करने का तरीका बदला है और ये बात संदेह पैदा करती है। ये न एजेंसी के लिए न ही मध्य प्रदेश की सेहत के लिए अच्छा है। हम चाहते हैं कि ईमानदारी से मूल अपराधियों को सामने लाया जाए’।
उम्मीद थी सौरभ शर्मा के जरिए बड़े मगरमच्छ हाथ आएंगे, लेकिन भाजपा सरकार के साथ लोकायुक्त ने भी जनता को निराश किया है! pic.twitter.com/jLkUZHjLCg
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) February 6, 2025
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पूछताछ में सौरभ शर्मा ने नहीं खोला मुंह
दरअसल, करोड़ों रुपए की काली कमाई करने वाले परिवहन विभाग का पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को 28 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था, उसके बाद अदालत ने सौरभ शर्मा, उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को पुलिस रिमांड पर भेज दिया था। लेकिन अब तक सौरभ शर्मा ने पूछताछ में अपना मुंह नहीं खोला है। सूत्रों के अनुसार, लोकायुक्त पुलिस सौरभ शर्मा का नार्को टेस्ट भी कर सकती है, ताकि मामले की गहराई तक पहुंचा जा सके।
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निष्पक्ष और ईमानदार जांच की मांग
जीतू पटवारी ने सौरभ शर्मा मामले में लोकायुक्त पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए निष्पक्ष और ईमानदार जांच की मांग की। पटवारी का आरोप है कि लोकायुक्त मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है और इससे जनता में संदेह पैदा हो रहा है।
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