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भोपाल और इंदौर समेत चार जिलों में सौरभ शर्मा, शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौर के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। ये तीनों अब तक अलग-अलग बयानों में अपने खिलाफ उठाए गए सवालों का जवाब देने से बचते आ रहे थे, लेकिन अब इनकी जांच एक साथ की जा रही है। लोकायुक्त पुलिस ने इन तीनों से एक साथ पूछताछ की और उनके बयान में कई विरोधाभास पाए गए। इनकी काली कमाई और हवाला कनेक्शन की जांच तेज कर दी गई है। इनकी कई बेनामी संपत्तियां दूसरे लोगों के नाम पर हैं, और अब लोकायुक्त पुलिस इन संपत्तियों की जानकारी जुटाने में लगी हुई है।
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लोकायुक्त पुलिस की जांच टीम की एक साथ पूछताछ
लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ, चेतन और शरद को एक साथ बैठाकर उनसे पूछताछ की। पहले इन तीनों के द्वारा दिए गए अलग-अलग जवाब अब एकजुट हो गए, और सभी सवालों पर चुप्पी साध ली। इनमें प्रमुख सवाल थे सोने और नकदी से लदी कार, प्रॉपर्टी में निवेश और परिवहन विभाग से कमाई के तरीके से जुड़े। इस पूछताछ में कई सवालों के बावजूद तीनों ने कुछ भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया। इनकी चुप्पी ने जांच को और गहरा कर दिया है।
प्रॉपर्टी और निवेश के दस्तावेजों की जांच
लोकायुक्त पुलिस ने इन तीनों के खिलाफ प्रॉपर्टी और निवेश से जुड़े दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है। सौरभ से संबंधित 50 प्रॉपर्टी के दस्तावेज और इनमें से कई के पावर ऑफ अटॉनी दस्तावेज पुलिस ने जब्त किए हैं। इनमें से कई प्रॉपर्टी दूसरों के नाम पर पाई गईं। पुलिस ने भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के जिला पंजीयकों से इन संपत्तियों की पूरी जानकारी मांगी है। इसके साथ ही अन्य बेनामी संपत्तियों का विवरण भी जुटाया जा रहा है ताकि भ्रष्टाचार से खरीदी गई संपत्तियों का खुलासा किया जा सके।
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वकील का सुरक्षा को लेकर न्यायालय में आवेदन
सौरभ शर्मा के वकील राकेश पाराशर ने न्यायालय में एक आवेदन दायर किया है, जिसमें उन्होंने सौरभ की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि लोकायुक्त पुलिस की कस्टडी में सौरभ की जान को खतरा हो सकता है और हत्या की साजिश की आशंका है। कोर्ट ने इस आवेदन को स्वीकार कर लिया है और अब 4 फरवरी को इस पर सुनवाई होगी। वकील ने यह भी आरोप लगाया कि सौरभ के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है और उसकी सुरक्षा में चूक हो रही है।
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सौरभ और उसके सहयोगियों की अलग-अलग थानों में सुरक्षा
लोकायुक्त पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर सौरभ, चेतन और शरद को अलग-अलग थानों की लॉकअप में रखा है। सौरभ और चेतन को कोहेफिजा थाने में रखा गया है, जबकि शरद को शाहजहांनाबाद थाने में लॉकअप में रखा गया है। पुलिस इनकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी उठा रही है ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे।
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प्रॉपर्टी के असली मालिक का सवाल
सौरभ, चेतन और शरद के बयान में काफी विरोधाभास सामने आया है। सौरभ ने सोने और नकदी से लदी कार के बारे में जानकारी देने से इनकार किया और इसे चेतन की कार बताया। वहीं, चेतन ने कहा कि भले ही कार उसके नाम पर है, लेकिन इसका इस्तेमाल सौरभ और उसके लोग करते थे। शरद ने खुद को एक कर्मचारी बताते हुए सौरभ के साथ प्रॉपर्टी के कारोबार की बात स्वीकार की, लेकिन इस बारे में भी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी। उनके बयान से साफ हुआ कि इनकी कई प्रॉपर्टी शरद और उनके वेतन के नाम पर हैं, लेकिन शरद ने दावा किया कि दस्तावेज सौरभ के पास हैं और वह उनका इस्तेमाल करता है।
हवाला कनेक्शन की जांच तेज
सौरभ की गिरफ्तारी के बाद लोकायुक्त पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसियां उसकी हवाला कनेक्शन की जांच में जुट गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, सौरभ का हवाला कनेक्शन बहुत मजबूत था और वह एक से दो घंटे में किसी भी शहर या विदेश पैसे भेज सकता था। इसकी जांच अब दुबई समेत अन्य देशों तक की जा रही है, जहां सौरभ के निवेश का पता चला है। हवाला के जरिए सौरभ की काली कमाई उसके भागीदारों तक पहुंचाई जाती थी और सौरभ ने हवाला कारोबारियों के माध्यम से विदेशों में प्रॉपर्टी खरीदी थी।
प्रॉपर्टी का असली खरीदार कौन है?
अब यह सवाल उठ रहा है कि इन प्रॉपर्टियों के असली खरीदार कौन हैं? पुलिस की जांच का मुख्य उद्देश्य यही है कि काली कमाई से खरीदी गई संपत्तियों का पूरा विवरण प्राप्त किया जाए और यह पता चले कि असली मालिक कौन हैं। इसके लिए लोकायुक्त पुलिस ने सभी दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है और यह प्रयास किया जा रहा है कि सभी बेनामी संपत्तियों का खुलासा किया जाए।
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