BHOPAL. मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व करोड़पति कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा को केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है। मंगलवार को कोर्ट ने सौरभ शर्मा, शरद जायसवाल और चेतन सिंह को सात दिन की रिमांड पर ईडी को सौंप दिया। ईडी तीनों आरोपियों से 17 फरवरी तक पूछताछ करेगी। ईडी अब इन तीनों से 52 किलो गोल्ड, 11 करोड़ रुपए कैश और अन्य करोड़ों रुपए की संपत्ति के बारे में पूछताछ करेगी।
ED को 17 फरवरी तक मिली रिमांड
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को अपर जिला न्यायाधीश सचिन कुमार घोष की अदालत में याचिका लगाकर 7 दिन की रिमांड मांगी थी। इसके बाद कोर्ट ने केंद्रीय जेल अधीक्षक को तीनों आरोपियों को मंगलवार को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था। जिसके बाद तीनों को आज मंगलवार (11 फरवरी) को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में पेशी के दौरान, सौरभ शर्मा के वकील राकेश पाराशर, मां उमा शर्मा और शरद जायसवाल की भांजी भी मौजूद थीं।
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रविवार को हुई थी सौरभ की गिरफ्तारी
दरअसल, 4 फरवरी को तीनों आरोपियों को लोकायुक्त पुलिस संबंधी मामलों की अदालत में कोर्ट में पेश किया गया था। इसके बाद कोर्ट ने तीनों को 17 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजा था। न्यायिक हिरासत के दौरान ईडी ने कोर्ट से अनुमति लेकर 3 दिन तक
जेल पुलिस के सामने सौरभ, चेतन और शरद से अलग-अलग और आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की थी। लेकिन ईडी को जवाब नहीं मिल पाए थे, इसके बाद ईडी ने दोबारा आरोपियों को पूछताछ के लिए रिमांड लेने के लिए कोर्ट में आवेदन लगाया था।
दरअसल, भोपाल ईडी ने ईडी ने 10 फरवरी को सौरभ शर्मा, शरद जायसवाल और चेतन सिंह को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था। साथ ही गिरफ्तारी की आधिकारिक सूचना दी थी। यह जानकारी सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट के जरिए दी गई।
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कैश और गोल्ड का खुद का होने से इनकार
बता दें कि लोकायुक्त पुलिस की पूछताछ में सौरभ शर्मा ने कैश और गोल्ड का खुद का होने से इनकार किया है। उसने दावा किया कि ये संपत्ति उसकी नहीं है। इसके अलावा, चेतन सिंह गौड़ ने भी स्वीकार किया कि इनोवा कार उसके नाम पर है, लेकिन वह सौरभ शर्मा द्वारा उपयोग की जाती थी और सौरभ ही इसकी किश्तें जमा करता था।
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तीन अलग-अलग विभाग की टीमें कर रही जांच
बता दें कि 18 दिसंबर 2024 को लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौड़ और शरद जायसवाल के ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। इस छापे के दौरान करोड़ों रुपए की संपत्ति बरामद की गई। 19 दिसंबर को भी छापे की कार्रवाई जारी रही, जिसमें भोपाल के पास मेंडोरा गांव से एक कार में 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए कैश जब्त किए गए। इस मामले की जांच तीन प्रमुख एजेंसियां कर रही हैं: लोकायुक्त पुलिस, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग। इन एजेंसियों ने अब तक आरोपियों से पूछताछ की है और उनकी संपत्तियों की जांच की है।
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