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सौरभ शर्मा (ब्लैक जैकेट में) और चेतन सिंह गौर (पिंक शर्ट में)
आरटीओ के सबसे अमीर पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा ने अपने करीबियों के जरिए काली कमाई को जमकर खपाया है। लोकायुक्त और इनकम टैक्स द्वारा इसकी संपत्तियों की जांच की जा रही है। 'द सूत्र' को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के अनुसार (इसके कागज भी द सूत्र के पास हैं) इंदौर में करीब 200 करोड़ की काली कमाई जमीनों में खपाई गई है। इन सभी की जानकारी उच्च स्तर पर भोपाल पहुंच गई है। यह जमीन शरद जायसवाल, रोहित तिवारी, अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन, जिसमें चेतन सिंह गौर भी शामिल हैं, के नामों पर है। इनमें 18 हेक्टेयर जमीन इनके नाम पर है, तो वहीं 46 हेक्टेयर जमीन का एग्रीमेंट फॉर सेल है। इस तरह, 64 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन इंदौर में है, जिसकी कीमत बाजार में कम से कम 200 करोड़ रुपए है।
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यह सभी संपत्तियां इनके पास:
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शरद जायसवाल पिता कैलाश जायसवाल निवासी ई8/99 शिवाकुंज अरेरा कॉलोनी - सर्वे नंबर 81, 83, 84/347/1, 84/347/2, कुल 2.133 हेक्टेयर जमीन, रजोला सांवेर तहसील।
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अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन, शरद जायसवाल, ई 7/78 अरेरा कॉलोनी - सर्वे नंबर 124/2, गांव रेवती मल्हारगंज तहसील की 0.092 हेक्टेयर जमीन।
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शरद जायसवाल पिता कैलाश के नाम मांगलिया सांवेर में - सर्वे नंबर 103/2 की 0.251 हेक्टेयर जमीन।
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करामतउल्ला पिता कुदरतउल्ला, निवासी 297 नयापुरा, इंदौर - इसका मुख्तारनामा जनाब अब्दुल कयूम पिता अब्दुल रज्जाक, मकान नं 12 सिलावटपुरा के नाम। 1.214 हेक्टेयर जमीन, सर्वे नंबर 99/1/2।
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बरकतउल्ला पिता कुदरतउल्ला, 267/1 नयापुरा - मुख्तारनामा अब्दुल कयूम के नाम पर। सिंहासा की विविध सर्वे नंबर की कुल 12 हेक्टेयर जमीन।
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रोहित तिवारी, इंस्टेंट यूआर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि., 231 शास्त्री नगर, त्रिपुरी वार्ड, जबलपुर - के पास 36 हजार वर्गफीट जमीन।
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शरद जायसवाल की राजोदा सांवेर में 81 सर्वे नंबर की 0.955 हेक्टेयर जमीन।
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अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के नाम पर - भूखंड 60, विनोबा नगर, गंदी बस्ती में 8857 वर्गमीटर का प्लॉट।
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शरद जायसवाल व श्री गणेश इंफ्रास्ट्रक्चर, 9 मेट्रो प्लाजा, ई 5 बिट्टन मार्केट - के नाम तर्फे रिपुसूदन पचौरी पिता नारायण पचौरी के बीच सेल एग्रीमेंट, कुल 46.887 हेक्टेयर जमीन, नैनूर तहसील, इंदौर।
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राजमाता (भारतमाता) शिक्षा व समाज सेवा, भोपाल तर्फे शरद जायसवाल व चेतन गौर के पास - सर्वे नंबर 133/1 व 133/2, रेवती तहसील सांवेर में 2500 वर्गफीट जमीन।
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अविरल बिल्डिंग के नाम - सर्वे नंबर 124/2 व 124/2 की कुल 0.728 हेक्टेयर जमीन।
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रूबीना पिता अजमतउल्लाह खां - 91/2/2/2, 99/1/2 व 102/2/2 की करीब 1.5 हेक्टेयर जमीन।
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अजमतउल्लाह - 89/3 व 90/1/2/2 की 0.501 हेक्टेयर जमीन।
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इसके पहले इनकम टैक्स ने यह जानकारी निकाली थी
इसके पहले, इंदौर में इनकम टैक्स, भोपाल ने इनकी काली कमाई की जानकारी निकाल कर संपत्ति अटैच की थी। अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के नाम पर कई संपत्तियां हैं, जिसमें डायरेक्टर चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल हैं और एडिशनल डायरेक्टर रोहित तिवारी हैं। यह कंपनी E-7/78, ARERA COLONY, BHOPAL के पते पर रजिस्टर्ड है और इस पते पर अन्य कंपनियां भी पंजीकृत हैं। इन संपत्तियों का खुलासा भी द सूत्र ने ही किया था।
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इंदौर में पहले यह संपत्तियां जांच में आ चुकी हैं
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अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. की खसरा नंबर 124/2 की 0.325 हेक्टेयर जमीन, रेवजी गांव, हातोद में।
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यह अक्टूबर 2023 में खरीदी गई और इसकी खरीदी कीमत 59 लाख रुपए थी।
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अविरल बिल्डिंग का ही प्लॉट नंबर 60, विनोबा नगर में।
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यह फरवरी 2024 में खरीदा गया और कीमत कागज पर 1.49 करोड़ रुपए बताई गई।
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अविरल बिल्डिंग की ही संपत्ति, सर्वे नंबर 81, 83, 84/387/1 व 84/387/2, कुल एक हेक्टेयर से भी ज्यादा, गांव राजोदा, सांवेर तहसील में।
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यह जुलाई 2023 में खरीदी गई और दर्ज कीमत 1.18 करोड़ रुपए है।
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(यह कीमत कागज पर ही है, जबकि बाजार मूल्य लगभग 15 करोड़ रुपए के करीब बताया जा रहा है।)
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इनकम टैक्स ने लगाई खरीदी-बिक्री पर रोक
इनकम टैक्स विभाग, भोपाल ने इन संपत्तियों की खरीदी-बिक्री दोनों पर रोक लगा दी है। साथ ही, जांच शुरू कर दी गई है कि ये संपत्तियां आखिर किस तरह से खरीदी गई हैं। इसके साथ ही, चेतन गौर के नाम पर भोपाल में भी सात संपत्तियां मिली हैं, जो मुख्य रूप से हुजूर क्षेत्र में स्थित हैं। इन संपत्तियों को भी आईटी विभाग ने अटैच कर लिया है और उनकी खरीदी-बिक्री पर रोक लगा दी गई है।
काली कमाई खपाने के लिए बनाई गई थी अविरल कंपनी
अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की शुरुआती लागत 10 लाख रुपए थी। बताया जाता है कि नौकरी से वीआरएस लेने के बाद, सौरभ ने अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी बनाई। इसमें उसने चतुराई से अपना नाम छिपाते हुए चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल और रोहित तिवारी को कंपनी में डायरेक्टर पद दिया।
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