BHOPAL. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अजमेर कांड जैसा ही एक मामला सामने आया है। सामने आए इस मामले में भोपाल के ही एक प्रतिष्ठित निजी कॉलेज के पूर्व छात्रों पर कई छात्राओं को प्रेमजाल में फंसाकर यौन शोषण और ब्लैकमेलिंग का गंभीर आरोप लगा है।
प्यार के नाम पर फांसा, फिर करने लगे ब्लैकमेल
BHEL क्षेत्र के एक निजी कॉलेज से जुड़ी घटना में आरोप है कि तीन पूर्व छात्रों ने मिलकर एक संगठित गैंग बनाया। फिर उन्होंने सुनियोजित तरीके से पहले एक छात्रा को प्रेमजाल में फंसाया। उसके साथ दुष्कर्म कर अश्लील वीडियो बना लिया। उसी वीडियो के जरिए पीड़िता को धमकी देकर उसकी सहेली को बुलवाया गया और वही सब दोहराया गया जो पहली लड़की के साथ हुआ था। पुलिस के अनुसार, इस गैंग ने कई छात्राओं के साथ इस तरह के घिनौने काम को अंजाम दिया है। माना जा रहा है कि और भी कई पीड़िताएं हो सकती हैं।
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लव-जिहाद का एंगल!
पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार, आरोपी मुस्लिम समुदाय से हैं, जबकि ज्यादातर पीड़िताएं हिंदू समुदाय से आती हैं। इस एंगल के चलते पुलिस बेहद सावधानी से जांच कर रही है ताकि मामला सांप्रदायिक रंग न ले।
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बढ़ सकती है पीड़िताओं की संख्या
अब तक तीन छात्राएं सामने आई हैं, जो इसी कॉलेज में पढ़ रही थीं। पुलिस को संदेह है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, और भी छात्राएं सामने आ सकती हैं। आरोपियों ने ब्लैकमेलिंग के लिए मोबाइल से वीडियो बनाए थे, जिनकी जांच साइबर सेल को सौंपी गई है।
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दो आरोपी गिरफ्तार, SIT कर रही जांच
अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और उनके खिलाफ बलात्कार, ब्लैकमेलिंग और धार्मिक पहचान छुपाने जैसे धाराओं में केस दर्ज किया गया है। साथ ही, कोलकाता में छिपे दो अन्य आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस टीम भेजी गई है। भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा के निर्देश पर एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया गया है।
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आरोपियों के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज
भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने बताया कि "मामला अत्यंत गंभीर है और SIT द्वारा संवेदनशीलता से जांच की जा रही है। पीड़िताओं की पहचान गुप्त रखी जाएगी और उन्हें पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाएगी। आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट, ब्लैकमेलिंग और यौन शोषण के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
क्या है अजमेर स्कैंडल से तुलना का कारण?
यह मामला राजस्थान के 1992 के अजमेर यौन शोषण कांड से मेल खाता है। उस समय फारूक और नफीस चिश्ती के नेतृत्व में एक गिरोह ने सौ से अधिक लड़कियों को बहला-फुसलाकर बलात्कार किया और उनकी तस्वीरें खींचकर ब्लैकमेल किया था। अब भोपाल का मामला भी उसी तरह छात्राओं के यौन शोषण और वीडियो ब्लैकमेलिंग पर आधारित होने के कारण उसी तर्ज पर देखा जा रहा है।
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