भोपाल में पकड़े गए 1800 करोड़ रुपए के ड्रग मामले में आरोपी ने खुद को गोली मार ली है। उसे घायल अवस्था में इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ड्रग मामले के आरोपी हरीश आंजना ने पूछताछ में प्रेम सुख पाटीदार का नाम लिया था। जिसके बाद से गुजरात एटीएस, सेंट्रल नारकोटिक्स और मंदसौर पुलिस प्रेम सुख पाटीदार की तलाश कर रही थी।
ड्रग्स का मुख्य सप्लायर था प्रेम
मंदसौर के हरीश आंजना ने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि ड्रग्स बनाने के उपकरण महाराष्ट्र से मंगवाए जाते थे। और केमिकल गुजरात के वलसाड से आते थे। इसके अलावा प्रेमसुख पाटीदार नाम के शख्स का नाम भी सामने आया था। जो ड्रग्स का मुख्य सप्लायर रहा है। तभी से प्रेम पाटीदार पुलिस की रडार पर था।
पूछताछ से बचने के लिए मारी गोली : पुलिस
मंदसौर एसपी अभिषेक आनंद कहना है कि आरोपी प्रेम सुख पाटीदार को पुलिस ने नहीं पकड़ा है। आरोपी खुद पुलिस स्टेशन आया और पूछताछ से बचने के लिए खुद को गोली मार ली है। एसपी ने बताया कि आरोपी से तबीयत ठीक होने के बाद पुछताछ की जाएगी।
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बगरोदा फैक्ट्री पर छापा
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ( एनसीबी ) और गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की संयुक्त टीम ने 6 अक्टूबर को बगरोदा फैक्ट्री पर छापा मारकर ये ड्रग्स जब्त की थी। इसकी कीमत 1814 करोड़ रुपए थी। पुलिस और एटीएस की जांच में पता चला है कि इस नेटवर्क के तार कई राज्यों से जुड़े हैं। मंदसौर से शुरू होकर यह ड्रग कई राज्यों में सप्लाई की जा रही थी। अब तक की जांच में कई बड़े नाम सामने आए हैं।
आरोपी आंजना डिप्टी सीएम का नाम लेता था
भोपाल में मिली 1814 करोड़ रुपए की ड्रग्स (एमडी- मेफेड्रोन) मामले में गिरफ्तार मंदसौर के हरीश आंजना डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा के नाम का उपयोग करता था। उसका सोशल मीडिया अकाउंट उनके साथ फोटो और वीडियो से भरा पड़ा है।
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