/sootr/media/media_files/2025/02/09/0dBKAMfyZjErys0WLm7N.jpg)
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल।
भोपाल स्थित बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने छात्रों के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किया है। जिसके तहत अब स्टूडेंट्स को अपनी अंकसूची और डिग्री के लिए कॉलेज या विश्वविद्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे। छात्रों को ये सभी दस्तावेज उनके ई-मेल पर भेज दिए जाएंगे। इस नई व्यवस्था से न केवल छात्रों को दस्तावेज प्राप्त करने में आसानी होगी, बल्कि पर्यावरण को भी फायदा पहुंचेगा, क्योंकि कागज की खपत में कमी आएगी।
अब ई-मेल पर मिलेगी मार्कशीट
इस बदलाव के तहत, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय अब विद्यार्थियों के द्वारा दी गई ई-मेल आईडी पर डिग्री और अंकसूची भेजेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, हर साल 5 लाख से अधिक छात्रों को डिग्री और अन्य शैक्षणिक दस्तावेज देने के लिए 140 क्विंटल कागज की खपत होती है। अब, विद्यार्थियों को परीक्षा फॉर्म भरते समय अपनी ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर देना अनिवार्य होगा ताकि उन्हें समय पर डिग्री और अंकसूची मिल सके। छात्रों के प्रथम से तृतीय वर्ष के एग्जाम फार्म जमा कराना शुरू कर दिए गए हैं।
ये खबर भी पढ़ें...
MP में कांग्रेस विधायक के घर में घुसा JCB ड्राइवर, SDM ने की मारपीट, जमकर मचा बवाल
अंकसूची और डिग्री का डिजिटल वितरण
विद्यार्थियों को अब परीक्षा के परिणाम जारी होने के बाद अपने ई-मेल पर अंकसूची प्राप्त होगी, और अंतिम वर्ष के बाद डिग्री प्राप्त करने के लिए किसी आवेदन या शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा। उन्हें यह डिजिटल डिग्री सीधे उनके ई-मेल पर भेजी जाएगी। इसके साथ ही, मोबाइल नंबर पर एसएमएस के जरिए भी जानकारी दी जाएगी कि उनकी डिग्री भेज दी गई है। इस नई व्यवस्था का लाभ उठाने के लिए छात्रों को सही ई-मेल आइडी और मोबाइल नंबर देना अनिवार्य होगा, क्योंकि गलत जानकारी देने पर अंकसूची और डिग्री प्राप्त करने में परेशानी हो सकती है।
परेशान होते हैं स्टूडेंट्स
दरअसल, समय पर अंकसूची और डिग्री नहीं मिलने के कारण छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, कई बार नौकरी के लिए दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया से बाहर हो जाते हैं। इसके साथ ही रिजल्ट जारी होने के बाद अंकसूची के लिए भटकना पड़ता है।
ये खबर भी पढ़ें...
MP में इन शहरों के बीच बनेगा नया हाई-स्पीड फोरलेन, रायपुर एक्सप्रेसवे से जुड़ाव पर भी काम
कागज की खपत में कमी और पर्यावरण संरक्षण
यूनिवर्सिटी की इस व्यवस्था के लागू होने से विश्वविद्यालय को कागज की खपत में काफी कमी आएगी, जो पहले करोड़ों रुपये का खर्च उत्पन्न करता था। ई-मेल के जरिए दस्तावेज भेजने से कागज की बचत होने के साथ-साथ पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा।
ये खबर भी पढ़ें...
नीमच CEO किडनैपिंग केस में खुलासा, तहसीलदार ने कहा था- बहन से शादी करो या 1 करोड़ दो
जबलपुर-रायपुर के बीच चलेगी वंदे भारत एक्सप्रेस, जानें रूट और स्टॉपेज