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भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (बीएचईएल) की खाली पड़ी या अवैध कब्जे वाली जमीन अब आर्थिक विकास का केंद्र बनने जा रही है। बता दें की यह जमीन करीब 2 हजार 200 एकड़ है। राज्य सरकार और भेल के बीच इस जमीन के उपयोग को लेकर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। दोनों संस्थाएं मिलकर एक एसपीवी (स्पेशल पर्पस व्हीकल) बनाएंगी।
इसके जरिए इस जमीन का मोनेटाइजेशन किया जाएगा। जल्द ही इस परियोजना के लिए केंद्रीय सरकार के उपक्रम नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनबीसीसी) को डिटेल सर्वे और प्रोजेक्ट बनाने का कार्य सौंपा जा सकता है। इस क्षेत्र में भारत मंडपम जैसा कन्वेंशन सेंटर, कमर्शियल उपयोग के लिए जगह और रोजगार पैदा करने वाले सुविधाएं बनाई जाएंगी।
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भेल की जमीन का होगा उपयोग
भोपाल के भेल क्षेत्र में स्थित 2 हजार 200 एकड़ की भूमि का उपयोग कई परियोजनाओं के लिए किया जाएगा। इस भूमि पर कमर्शियल जोन, रेजिडेंशियल एरिया, हॉस्पिटेलिटी सर्विसेज, मार्केटिंग सुविधाएं और बड़ी कंपनियों के लिए बड़े प्लॉट तैयार किए जाएंगे। इस परियोजना का एक अहम हिस्सा प्रगति मैदान के भारत मंडपम जैसा कन्वेंशन सेंटर होगा। इसकी क्षमता दिल्ली के भारत मंडपम से कई गुना अधिक होगी।
जानें इस क्षेत्र का महत्व
यह भूमि भोपाल के शहर के बीचों-बीच स्थित है, जो इसे बेहद महत्वपूर्ण बनाता है। इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी बहुत अच्छी है। इस स्थान का विकास शहरी विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा। 2 हजार 200 एकड़ की भूमि की तुलना में इस तरह का क्षेत्र देश में कहीं और मौजूद नहीं है। अगर इसे गुजरात की गिफ्ट सिटी, मुंबई के बीकेसी या दिल्ली की एरोसिटी से तुलना करें, तो यह भोपाल का सबसे बड़ा और सभी सुविधाओं से लैस क्षेत्र बनने जा रहा है।
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भेल और सरकार का होगा फायदा
भेल को अब अपनी जमीन का बेहतर उपयोग मिल सकेगा। इसके साथ ही, सरकार 2 हजार 200 एकड़ की भूमि लेने के बाद भेल के बाकी बचे कागजात को पूरा करके उसे सौंपेगी। इससे भविष्य में भेल को किसी भी विवाद का सामना नहीं करना पड़ेगा।
सरकार के लिए यह परियोजना शहरी विकास में मददगार साबित होगी। इस जमीन के उपयोग से नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। हाउसिंग परियोजनाएं लागू होंगी। कमर्शियल क्षेत्र का विस्तार होगा। इसके अलावा, बड़े प्लॉट बनने से देश की बड़ी कंपनियां, पीएसयू और विदेशी एंबेसी भोपाल की ओर रुख करेंगे। इससे शहर का व्यवसायिक विकास होगा।
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2200 एकड़ जमीन का होगा सर्वे
भेल की पूरी 2 हजार 200 एकड़ भूमि का सर्वे जल्द ही किया जाएगा। इस सर्वे में वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भूमि चिन्हित की जाएगी। बीएचईएल के पास कुल 6 हजार एकड़ भूमि है। इसमें से एक हजार एकड़ में निजी संस्थाओं, स्कूलों, अस्पतालों, कॉलेजों आदि का निर्माण हो चुका है। वहीं, बाकी 5 हजार एकड़ भूमि में से करीब 2 हजार 200 एकड़ जमीन ऐसी होगी जिसे अब विकास के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इस जमीन पर ईडब्ल्यूएस, पीएमएवाई और एलआईजी हाइराइज बिल्डिंग भी बनाई जाएगी।
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