MP News: भोपाल में सोमवार को हुई दर्दनाक बस दुर्घटना के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल की बस ने सिग्नल पर खड़ी आठ गाड़ियों को टक्कर मारी थी, जिससे स्कूटी सवार डॉक्टर आयशा खान की मौके पर ही मौत हो गई। बस हादसा में छह अन्य लोग घायल हो गए। घटना के बाद स्कूल की सोसाइटी ने बचने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए, जिससे जांच में गड़बड़ी सामने आई और दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
फर्जी दस्तावेज तैयार करने का खुलासा
टीटी नगर थाना प्रभारी सुधीर अरजरिया ने बताया कि हादसे के बाद जब जांच शुरू हुई, तो दस्तावेजों की जांच की गई। इस दौरान यह पता चला कि हादसे के तुरंत बाद बैकडेट में दस्तावेज तैयार किए गए। इनमें प्रवेश नागर को क्रेता और प्रदीप पांडे को विक्रेता दर्शाया गया था। यह स्पष्ट था कि दस्तावेजों में दी गई तारीख हादसे के बाद की बनाई गई थी। पुलिस ने इसे दस्तावेजी फर्जीवाड़ा मानते हुए दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
ड्राइवर की लापरवाही और वाहन की फिटनेस की स्थिति
हादसे के मुख्य आरोपी बस ड्राइवर विशाल बैरागी का अभी तक पता नहीं चल पाया है, हालांकि पुलिस उसकी तलाश कर रही है। ड्राइवर के पास भारी वाहन चलाने का लाइसेंस भी नहीं था, बावजूद इसके उसे बस चलाने की अनुमति दी गई थी। जांच में यह भी सामने आया कि बस का फिटनेस प्रमाणपत्र नवंबर 2024 में ही समाप्त हो चुका था और बीमा भी नवीनीकरण के लिए लटका हुआ था। ऐसे में यह बस अवैध रूप से सड़कों पर दौड़ रही थी। इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए संभागायुक्त संदीप सिंह ने भोपाल आरटीओ जितेंद्र शर्मा को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया था।
आईपीएस स्कूल और श्री रामनंदा एजुकेशन सोसाइटी की भूमिका
प्रियंका शुक्ला, डीसीपी, के अनुसार आईपीएस स्कूल का संचालन श्री रामनंदा एजुकेशन सोसाइटी करती है। सोसाइटी के 8 सदस्य हैं और पुलिस उनकी भूमिका की जांच कर रही है। इस मामले में सोसाइटी के सचिव प्रदीप पांडे और प्रवेश नागर को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि ड्राइवर विशाल बैरागी अभी भी फरार है।
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किस तरह हादसा हुआ?
IPS की बस ने लाल सिग्नल पर खड़ी कम से कम आठ गाड़ियों को टक्कर मारी। घटना के दौरान स्कूटी पर बैठी डॉक्टर आयशा खान एकदम से बस के नीचे आ गिरीं और लगभग 50 फीट तक घिसटती रहीं और उनकी दर्दनाक मौत हो गई। आयशा की शादी अगले महीने होने वाली थी। इस हादसे ने एक खुशी के मौके को दर्दनाक रूप से समाप्त कर दिया और उनके परिवार को गहरे दुख में डाल दिया।
बसों की फिटनेस जांच में गड़बड़ियां
ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, अब तक लगभग 410 स्कूल और कॉलेज बसों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से 126 बसें मोटर व्हीकल एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाई गईं। इन पर कार्रवाई की गई है, जो यह दर्शाता है कि स्कूल बसों की फिटनेस जांच में गंभीर लापरवाही हो रही थी।