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BHOPAL. राजधानी भोपाल में शनिवार को संविदा कर्मचारियों का बड़ा प्रदर्शन हुआ। उन्होंने नियमितिकरण समेत 9 मांगों को लेकर विरोध किया। इन प्रदर्शनकारियों ने लिंक रोड नंबर-2 स्थित अंबेडकर पार्क में धरना दिया। कर्मचारियों ने कहा कि यदि सरकार मांगें नहीं मानती, तो वे आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
मप्र संविदा संयुक्त संघर्ष मंच के बैनर तले प्रदर्शन
मध्यप्रदेश संविदा संयुक्त संघर्ष मंच के बैनर तले प्रदर्शन हुआ। 9 सूत्रीय मांगों में नियमितिकरण, वेतन विसंगति दूर करना शामिल है। समान काम-समान वेतन, पेंशन सुविधा और सेवा सुरक्षा की भी मांग की गई। मंच के प्रदेश संयोजक दिनेश सिंह तोमर ने कहा कि मांगें लंबे समय से उठाई जा रही हैं। सरकार ने अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। इस वजह से कर्मचारियों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा।
संविदा नीति का पालन नहीं हुआ
प्रदेश अध्यक्ष तोमर ने कहा कि 2023 की संविदा नीति का पालन नहीं हुआ। संविदा कर्मचारी इसके विरोध में लामबंद हैं। सरकार महंगाई भत्ता नहीं दे रही है। महंगाई के नाम पर उपभोक्ता सूचकांक दिया जा रहा है। प्रदेश सह संयोजक भार्गव ने कहा कि यह लड़ाई हमारे हक, सम्मान और सुरक्षा की है। हम इसे हर स्तर पर शासन के समक्ष रख रहे हैं।
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4 पॉइंट में पूरी खबर समझाएं...प्रदर्शन और मांगें: भोपाल में संविदा कर्मचारियों ने 9 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इनमें नियमितिकरण की मांग, वेतन विसंगति दूर करने, समान काम-समान वेतन, पेंशन सुविधा और सेवा सुरक्षा शामिल हैं। संविदा नीति का पालन न होना: कर्मचारियों ने 2023 की संविदा नीति का पालन न होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने महंगाई भत्ते और अन्य सुविधाओं के लिए आंदोलन का रुख अपनाया। 9 सूत्रीय मांगें: कर्मचारियों ने महंगाई भत्ता, अर्जित अवकाश, बीमा, महिला कर्मचारियों के लिए चाइल्ड केयर लीव, और पीएससी पदों पर नियमितीकरण की मांग की। प्रदर्शनकारियों का रुख: मप्र संविदा संयुक्त संघर्ष मंच के सदस्य सरकार से अपनी मांगें पूरी करने का दबाव बना रहे हैं। उनका कहना है कि यदि सरकार ने मांगें नहीं मानी तो वे आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। |
ये हैं 9 सूत्रीय मांगें
- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के स्थान पर महंगाई भत्ता (DA) प्रदान किया जाए।
- नियमित कर्मचारियों की तरह अर्जित अवकाश एवं मेडिकल अवकाश का प्रावधान हो।
- संविदा नीति 2023 की सभी शर्तों का पालन किया जाए।
- सीधी भर्ती में आरक्षित 50% पदों में अनुभव के आधार पर संविलियन/नियमित किया जाए।
- विसंगति पूर्ण समकक्षता निर्धारण के खिलाफ प्राप्म अभ्यावेदनों का एक माह में निराकरण हो।
- कृषि विभाग की योजना, मनरेगा और सामाजिक न्याय विभाग में संविदा नीति लागू की जाए।
- प्रत्येक संविदा कर्मचारी का कम से कम 20 लाख रुपए का सामूहिक बीमा किया जाए।
- महिला संविदा कर्मचारियों को चाइल्ड केयर लीव का प्रावधान किया जाए।
- पीएससी के पदों पर आयुर्वेदिक चिकित्सकों की तरह संविदा को नियमित किया जाए।
प्रदर्शन के दौरान ये रहे मौजूद
मंच पर प्रदेश संयोजक तोमर, महामंत्री डीके उपाध्याय मौजूद थे। सजल भार्गव, कुलदीप सिंह, गुलाब सिंह अहिरवार भी थे। अमर सिंह जाटव, अभय वाजपेयी, वीरेंद्र सिंह धाकड़ भी मंच पर थे। अतिथियों ने मांगों को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ढाई लाख संविदाकर्मी हैं। ये कर्मचारी नियमित होने की मांग कर रहे हैं। सरकार को जल्द मांगें पूरी करनी चाहिए।
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