भोपाल के बगरोदा इंडस्ट्रियल एरिया की एक बंद फैक्ट्री में 1814 करोड़ रुपए की मेफेड्रोन (एमडी) ड्रग्स पकड़ी गई, जिसकी जांच अब नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ( एनसीबी ) दिल्ली करेगी। इसमें मंदसौर के रहने वाले हरीश आंजना और भोपाल के निवासी अमित चतुर्वेदी समेत कई आरोपी शामिल हैं। एनसीबी ने हरीश आंजना को सोमवार को दिल्ली ले जाया, जबकि इससे पहले अमित और नासिक के सान्याल बाने को हिरासत में लिया गया था।
मकान मालिक के खिलाफ मामला दर्ज
अमित ने कटारा हिल्स में किराए पर फ्लैट लिया था, जहां सिर्फ ड्रग्स सप्लायर से डील होती थी। इस मामले में पुलिस ने फ्लैट की मालिक साध्वी श्रीवास्तव पर भी केस दर्ज किया है।
अमित का परिवार लापता
अमित के परिवार का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है। उनके निवास स्थान पर ताला लगा हुआ है, और उनकी पत्नी जो निजी स्कूल में टीचर हैं, व बच्चों के फोन बंद हैं। बता दें,अमित के पिता पुलिस में सब-इंस्पेक्टर रह चुके हैं। अमित पर 60,000 रुपये का बकाया भी है, जिसे उन्होंने कई सालों से नहीं चुकाया है। फैक्ट्री में मजदूरों को लाकर उन्हें दवाइयों के उत्पादन का झांसा देकर काम करवाया जाता था।
भेल के रिटायर्ड मैनेजर की भूमिका
भेल के रिटायर्ड मैनेजर एसके सिंह को गिरफ्तार किया गया है, जिसने 60,000 रुपये महीना किराए पर यह फैक्ट्री दी थी। ऐसा माना जा रहा है कि उसे इस फैक्ट्री में चल रही गतिविधियों की जानकारी थी।
फैक्ट्री की लीज रद्द होगी
फर्नीचर की फैक्ट्री के नाम पर ड्रग्स का कारोबार चलाया जा रहा था। एमपीआईडीसी के कार्यकारी संचालक विशाल सिंह चौहान के अनुसार, इस प्लॉट की लीज को रद्द करने का निर्णय लिया गया है।
हरिश आंजना का राजनीतिक सफर
हरीश आंजना भाजपा युवा मोर्चा का मंडल पदाधिकारी रहा है और उस पर पहले से ही मादक पदार्थों की तस्करी के दो मामले दर्ज हैं। हालांकि, एनडीपीएस के केस में फंसने के बाद उसे पार्टी से बाहर कर दिया गया था। इसके बावजूद उसने 2023 में भाजपा नेता जगदीश देवड़ा के प्रचार में सहयोग किया।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक